भारत के आम चुनाव 2024: महत्वपूर्ण मुकाबले और छठे चरण की वोटिंग
भारत के आम चुनाव 2024 का छठा चरण आज ऐतिहासिक गरिमा से गुजर रहा है। 58 निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग हो रही है और दिल्ली में यह निर्णायक परीक्षा बन चुकी है। दिल्ली हमेशा से राजनीति का केंद्र रहा है, और इस बार यह युद्धभूमि बन चुकी है। बीजेपी, आप और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, जिसे केवल चुनावी राजनीति नहीं, बल्कि विचारधाराओं का युद्ध भी कहा जा सकता है।
दिल्ली में कड़ी टक्कर
दिल्ली में इस साल विशेष चुनावी माहौल है। बीजेपी कई सालों से दिल्ली में मजबूत स्थिति में थी, लेकिन इस बार आप और कांग्रेस के गठबंधन ने बीजेपी की नींदें उड़ा दी हैं। यह गठबंधन पहली बार सामने आया है और इसका मुख्य उद्देश्य बीजेपी के खिलाफ वोटों का बंटवारा रोकना है। इसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी के लिए यह चुनाव और भी कठिन हो गया है। इस छठे चरण में दिल्ली के प्रमुख मुकाबलों में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र का चुनाव और उत्तर पूर्वी दिल्ली का चुनाव शामिल है।
नई दिल्ली में मुकाबला
नई दिल्ली सीट पर इस बार बीजेपी की उम्मीदवार बांसुरी स्वराज और आप के उम्मीदवार सोमनाथ भारती के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। बांसुरी स्वराज, जो सुषमा स्वराज की बेटी हैं, के लिए यह एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। यहां पर आप की पकड़ मजबूत हो रही है, और कांग्रेस का समर्थन इसे और भी मजबूत बना रहा है। दूसरी ओर, सोमनाथ भारती, जो अपने आक्रामक और विद्रोही स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, इस बार अपनी छवि सुधारने में लगे हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में सेंधमारी
उत्तर पूर्वी दिल्ली में बीजेपी के मनोज तिवारी और कांग्रेस के कन्हैया कुमार के बीच मुकाबला देखने लायक है। मनोज तिवारी, जिन्होंने अपनी फिल्मी करियर के बाद राजनीति में कदम रखा, के लिए यह चुनाव उन पर जनता का विश्वास साबित करने का मौका है। कन्हैया कुमार, जो जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से उभर कर आए थे, इस बार राजनीति में स्थायित्व पाने की कोशिश कर रहे हैं।
अन्य राज्यों में प्रमुख उम्मीदवार
दिल्ली के अलावा, अन्य राज्यों में भी कुछ प्रमुख उम्मीदवार इस बार चुनावी जंग में शामिल हैं। ओडिशा के संबलपुर से धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से मेनका गांधी, जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी से महबूबा मुफ्ती और पश्चिम बंगाल के तामलुक से अभिजीत गांगोपाध्याय प्रमुख उम्मीदवार हैं।
पिछले चरण का मतदान और प्रत्याशियों की संपत्ति
पांचवें चरण में 62.2% का मतदान हुआ था, जो पिछले चरणों की तुलना में कम था। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार, छठे चरण में लगभग 39% उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 6.21 करोड़ रुपये है। यह तथ्य इस बार के चुनाव को और भी दिलचस्प बना देता है।
अगले चरण की राह
छठा चरण खत्म होने के बाद अगला और अंतिम चरण 1 जून को होगा, और मतगणना 4 जून की तारीख को तय की गई है। यह चुनावी प्रक्रिया का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होगा, जब जनता के मन की बात सामने आएगी।
चुनाव आयोग की तैयारियाँ
चुनाव आयोग ने इस बार की चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। सुरक्षा कर्मियों की बड़ी तादाद में तैनाती, ईवीएम मशीनों की उचित व्यवस्था और मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अनेक अभियान चलाए गए हैं। इस बार की चुनावी प्रक्रिया अत्यंत ही संवेदनशील और महत्वपूर्ण है, और इसमें हर वोट की कीमत है।
अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि छठे चरण के मतदान का परिणाम देश की राजनीति का चेहरा बदल सकता है। दिल्ली का चुनावी माहौल गजब का रोमांचकारी है और जनता का समर्थन किसके पक्ष में जाएगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा।
राजेश