प्रधानमंत्री मोदी की मुंबई यात्रा: विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और महत्वपूर्ण कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा: विकास परियोजनाएं और कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जुलाई को मुंबई का दौरा करेंगे, जहां वे कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का शुभारंभ, समर्पण और शिलान्यास करेंगे। यह यात्रा देश की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देने के प्रयास के तहत हो रही है। मुंबई के गोरेगांव में NESCO एग्ज़िबिशन सेंटर में उन्होंने 29,400 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का उद्घाटन करना है।

थाणे बोरिवली सुरंग परियोजना

इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी 16,600 करोड़ रुपये की थाणे बोरिवली सुरंग परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इस परियोजना का उद्देश्य कपूरबावड़ी और पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे, बोरिवली को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण करना है। इस नई मोटरवे के शुरू होने से यात्रा का समय लगभग एक घंटे से घटकर बहुत कम हो जाएगा, जिससे यातायात में भारी सुधार होगा। यह परियोजना मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के निवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी।

गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड एवं अन्य परियोजनाएं

प्रधानमंत्री मोदी गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड (GMLR) परियोजना का भी शिलान्यास करेंगे, जिसकी लागत 6,300 करोड़ रुपये होगी। GMLR परियोजना का मुख्य उद्देश्य गोरेगांव से मुलुंड तक एक तेज़ और सुविधाजनक मार्ग का निर्माण करना है। साथ ही, यह सड़क दोनों जगहों को मजबूती से जोड़ने का काम करेगी और यातायात को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री मुंबई के ठाणे और नवी मुंबई के बीच स्थित तुर्भे में गती शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल और कल्याण यार्ड रिमॉडलिंग परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना से रेलवे ढांचा में सुधार होगा और माल की परिवहन क्षमता में वृद्धि होगी।

लोकमान्य तिलक टर्मिनस और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस

प्रधानमंत्री मोदी मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस में नए प्लेटफार्मों का उद्घाटन करेंगे और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) स्टेशन के प्लेटफॉर्म 10 और 11 के विस्तार का समर्पण भी करेंगे। इससे रेल सेवाओं की क्षमता बढ़ेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।

मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना का भी शुभारंभ करेंगे, जिसकी लागत 5,600 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम युवाओं को 18 से 30 वर्ष की आयु के बीच उद्योग की आवश्यकताओं और कुशलता के अवसर प्रदान करेगा। यह योजना विशेष रूप से युवा बेरोजगारी की समस्या को हल करने का प्रयास कर रही है।

भारतीय समाचार पत्र समाज (INS) टावर्स का उद्घाटन

इन विकास परियोजनाओं के शुभारंभ के बाद प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समाचार पत्र समाज (INS) सचिवालय, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, मुंबई में INS टावर्स का उद्घाटन करेंगे। यह उनका अंतिम कार्यक्रम होगा और इस उद्घाटन से देश की मीडिया इंडस्ट्री को एक नई दिशा मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मुंबई यात्रा में प्रमुख रूप से आधारभूत संरचनाओं का विकास और युवा सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इन परियोजनाओं का लक्ष्य देश के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं और रोजगार प्रदान करना है, जिससे समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए जा सकें।

टिप्पणि (16)

  1. Hardik Shah
    Hardik Shah

    फिर से ये सब निर्माण? कितनी बार देखा है इनके उद्घाटन के बाद सड़कें बंद, गड़बड़, और फिर भी कोई जवाबदेही नहीं। बस फोटो खिंचवाने के लिए बड़े बड़े नाम लगाते हैं।

  2. Karan Raval
    Karan Raval

    इन परियोजनाओं से असली फायदा तब होगा जब आम आदमी को सुविधा मिले न कि सिर्फ रिपोर्ट में लिखा जाए। मुझे उम्मीद है कि ये सुरंग और लिंक रोड असल में काम करेंगे। बस देर न हो जाए।

  3. divya m.s
    divya m.s

    ये सब क्या है? बस चुनाव से पहले का नाटक। क्या तुम्हें लगता है कि ये 6000 करोड़ की सड़क अचानक गरीबों की जिंदगी बदल देगी? ये सब तो सिर्फ बजट में नंबर बढ़ाने का तरीका है। और अब ये INS टावर्स? अखबार वालों के लिए पांच मंजिला इमारत? असली समस्या तो अखबारों की जरूरत है न कि शानदार बिल्डिंग!

  4. PRATAP SINGH
    PRATAP SINGH

    अच्छा तो अब ये सब परियोजनाएं जनता के लिए हैं? मुझे तो लगता है कि ये सिर्फ एक नए नाम के लिए बनाई गई रैली हैं। आप लोग तो जानते ही हैं कि ये जो लिंक रोड है, उसकी असली लागत कितनी है? और फिर भी कोई ऑडिट नहीं।

  5. Akash Kumar
    Akash Kumar

    मुंबई के लिए ये बुनियादी ढांचे के विकास बहुत आवश्यक हैं। रेलवे स्टेशनों का विस्तार, ट्रैफिक फ्लो में सुधार, और युवाओं के लिए प्रशिक्षण योजना - ये सभी दीर्घकालिक लाभ देंगे। इनकी योजनाबद्धता की तारीफ की जानी चाहिए।

  6. Shankar V
    Shankar V

    क्या आपने कभी सोचा कि ये सभी परियोजनाएं किसके लिए हैं? जब आप एक सुरंग बनाते हैं तो उसका नाम बोरिवली होता है, लेकिन उसके बाद के टोल गेट के लिए किसका नाम लगेगा? क्या ये सब कुछ एक बड़े निजी निवेशक के नाम पर है? क्या आपको लगता है कि ये राष्ट्रीय विकास है या राष्ट्रीय लूट?

  7. Aashish Goel
    Aashish Goel

    ये जो सुरंग है वो अच्छी है लेकिन क्या इसके बाद कोई रोड कंडीशन चेक करेगा? मैंने देखा है नया रोड बन जाता है फिर 3 महीने में फट जाता है... और फिर वो जो युवा ट्रेनिंग प्रोग्राम है उसमें कितने लोगों को असली जॉब मिलेगा? क्या ये सब बस एक गैर-जिम्मेदार बयान है?

  8. leo rotthier
    leo rotthier

    ये जो सब कुछ हो रहा है वो भारत की शक्ति का प्रमाण है! अब तक जो लोग इन परियोजनाओं को बदनाम कर रहे थे वो सब बेवकूफ थे। हम दुनिया की ताकत हैं और ये सब निर्माण हमारी आत्मा का प्रतीक हैं। कोई भी इसे रोक नहीं सकता!

  9. Karan Kundra
    Karan Kundra

    मैं तो सिर्फ ये कहना चाहती हूं कि जब ये सड़कें बन जाएंगी तो उनके आसपास के लोगों को भी रोजगार मिलना चाहिए। निर्माण के लिए लोगों को ट्रेनिंग दी जाए, न कि बाहर से लाए जाएं। ये असली विकास है।

  10. Vinay Vadgama
    Vinay Vadgama

    इन परियोजनाओं के लिए बहुत बड़ी योजनाबद्धता और दूरदर्शिता की आवश्यकता थी। ये सभी उद्घाटन भारत के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। युवाओं के लिए इंटर्नशिप योजना विशेष रूप से प्रशंसनीय है।

  11. Pushkar Goswamy
    Pushkar Goswamy

    मैं तो सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं - जब आप एक टर्मिनल का उद्घाटन करते हैं तो उसके बाद वहां के बेचैन यात्री क्या होते हैं? क्या उनके लिए कोई आराम की सुविधा बनाई गई है? या फिर सिर्फ फोटो के लिए बनाया गया है? ये सब नाटक है।

  12. Abhinav Dang
    Abhinav Dang

    मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल का डिज़ाइन बहुत इनोवेटिव है, लेकिन इसकी इम्प्लीमेंटेशन टीम का कॉम्पिटेंस लेवल अभी तक अनुमानित है। अगर ऑपरेशनल एक्सेलरेशन नहीं हुआ तो ये परियोजना एक बड़ा ब्लैक होल बन सकती है।

  13. krishna poudel
    krishna poudel

    सुनो, ये सब तो बहुत अच्छा है, लेकिन जब मैं बोरिवली से जाता हूं तो ट्रैफिक अभी भी घंटों खड़ा रहता है। तो ये सब बनने से पहले भी तो ये समस्या थी। अब तो ये सब बन गया तो अब क्या होगा? फिर भी वही ट्रैफिक? ये सब बस बातों का खेल है।

  14. Anila Kathi
    Anila Kathi

    इतनी बड़ी परियोजनाएं और फिर भी कोई नेटवर्किंग नहीं? ये जो युवा ट्रेनिंग प्रोग्राम है उसमें क्या इंटर्नशिप के बाद जॉब दिया जाएगा? या फिर बस एक बैज दे दिया जाएगा? 🤔 ये तो बस एक और ट्रेंड है।

  15. vasanth kumar
    vasanth kumar

    मुंबई की इन परियोजनाओं को देखकर लगता है कि शहर का भविष्य धीरे-धीरे बदल रहा है। बस ये निर्माण अच्छे तरीके से हो जाएं और लोगों को फायदा हो। बाकी तो सब बातें हैं।

  16. Andalib Ansari
    Andalib Ansari

    इन परियोजनाओं के पीछे का सवाल ये है - क्या विकास का मतलब सिर्फ इमारतें बनाना है? या ये भी है कि आप उन लोगों को अधिकार देते हैं जो उन इमारतों को बनाते हैं? जब तक एक निर्माणकर्मी का जीवन नहीं बदलेगा, तब तक ये सब बस एक शहर का नाम बदलने का नाटक है।

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