2024 के महिला टी-20 विश्व कप के लिए टीमों की योग्यता
आईसीसी ने 2024 महिला टी-20 विश्व कप के लिए क्वालिफिकेशन प्रक्रिया की घोषणा की है। 2023 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित महिला टी-20 विश्व कप में प्रदर्शन के आधार पर छह टीमें पहले ही क्वालिफाई कर चुकी हैं। इन टीमों में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, भारत, वेस्टइंडीज और न्यूज़ीलैंड शामिल हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान ने आईसीसी महिला टी-20 आई टीम रैंकिंग में अपनी स्थान के आधार पर क्वालिफाई किया है।
शेष टीमें और मेजबान घोषणा
शेष दो टीमों, श्रीलंका और स्कॉटलैंड, ने अबू धाबी में आयोजित आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप क्वालिफायर के जरिए क्वालीफाई किया। श्रीलंका ने क्वालिफायर के फाइनल में विजयी होकर क्वालिफाई किया, वहीं स्कॉटलैंड ने अपना पहला महिला टी-20 विश्व कप क्वालिफाई करने के लिए सेमीफाइनल में आयरलैंड को हराया।
मेजबान देशों की घोषणा
2024 महिला टी-20 विश्व कप बांग्लादेश द्वारा आयोजित किया जाएगा, जो देश का दूसरी बार इस इवेंट की मेजबानी कर रहा है। आगामी आईसीसी महिला वैश्विक इवेंटों के लिए अन्य मेजबान राष्ट्रों में भारत 2025 महिला क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी करेगा, इंग्लैंड 2026 महिला टी-20 विश्व कप की मेजबानी करेगा, और श्रीलंका 2027 आईसीसी महिला टी-20 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करेगा।
आईसीसी मीटिंग और मेजबान चयन
आईसीसी उप-समिति के तहत मार्टिन स्नेडेन के नेतृत्व में, उसके सदस्यों क्लेयर कॉनर, सौरव गांगुली और रिकी स्केरिट के साथ एक प्रतिस्पर्धी बिडिंग प्रक्रिया के बाद मेजबान राष्ट्रों का चयन किया गया। आईसीसी चेयर ग्रेग बार्कले ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने में इन इवेंट्स के महत्व पर जोर दिया।
समर्थकों का उत्साह
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के सीईओ निजाम उद्दीन चौधरी ने बांग्लादेश में इस इवेंट की मेजबानी के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह देश में महिला क्रिकेट को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण रहेगा। वहीं, सौरव गांगुली, जो बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं, 2025 महिला क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी को लेकर उत्साह व्यक्त किया।
इन आयोजन की मेजबानी का लक्ष्य महिला क्रिकेट के विकास को तेजी देना और इसे क्रिकेट के वैश्विक प्रशंसकों के साथ गहरा संबंध बनाने का है।
ये वाला टी-20 विश्व कप तो बांग्लादेश में हो रहा है? वाह! 🎉 मैंने सोचा था भारत ही होगा, लेकिन बांग्लादेश का ये फैसला बहुत अच्छा है। वहां के लोग महिला क्रिकेट को बहुत प्यार करते हैं। अब तो घर बैठे स्टेडियम का माहौल महसूस होगा! 🙌
अच्छा हुआ कि बांग्लादेश में हो रहा है। वहां की महिलाएं भी बहुत तेज़ खेलती हैं। बस एक बात है, इस बार कोई बड़ा विवाद न हो जाए।
क्या हम असल में इस इवेंट को सिर्फ एक टूर्नामेंट के रूप में देख रहे हैं? या ये एक सामाजिक बदलाव का संकेत है? महिला क्रिकेट का ये विस्तार न सिर्फ खेल के लिए है, बल्कि लाखों लड़कियों के लिए एक नई पहचान का दरवाजा खोल रहा है। ये तो अभी शुरुआत है।
श्रीलंका ने क्वालिफाई किया... और स्कॉटलैंड भी... वाह... ये बहुत अच्छी बात है... अब तो और भी देश खेलेंगे... बहुत बढ़िया... बहुत अच्छा...
अगर हम वाकई महिला क्रिकेट को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो बस टूर्नामेंट आयोजित करना काफी नहीं है। हमें गांव-गांव में स्कूलों में महिला क्रिकेट को शामिल करना होगा, ट्रेनर्स की भर्ती करनी होगी, स्टेडियम्स में बच्चियों के लिए फ्री टिकट देने होंगे, और टीवी चैनल्स को इसे टाइम स्लॉट में डालना होगा। ये सब करना पड़ेगा, वरना ये सिर्फ एक झलक रह जाएगा।
आईसीसी के इस फैसले में गंभीर लापरवाही है। ये कहना कि भारत 2025 में विश्व कप आयोजित करेगा, जबकि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का नाम इसमें शामिल है, ये एक विवादास्पद अनुकूलन है। आईसीसी को निष्पक्षता के साथ चुनाव करना चाहिए, न कि राष्ट्रीय राजनीति के अनुसार।
भाई ये सब ठीक है पर क्या तुम्हें पता है कि बांग्लादेश में महिलाओं के लिए बहुत सारे बाधाएं हैं? ये टूर्नामेंट तो बस एक फैंसी शो है... जिसमें लड़कियों को बाहर निकालकर फोटो खिंचवाई जाती है... फिर घर लौट जाती हैं... 😔
हमें ये समझना चाहिए कि जब एक देश में महिला क्रिकेट बढ़ती है, तो वहां के बच्चे भी अपनी मां या बहन को देखकर खेलने की हिम्मत करते हैं। ये टूर्नामेंट बस एक इवेंट नहीं, ये एक बदलाव की शुरुआत है। और जो लोग इसे छोटा समझते हैं, वो अपने बच्चों को नहीं देखते।
ये बात बहुत अच्छी है कि बांग्लादेश में आयोजित हो रहा है। अब तो भारत और बांग्लादेश के बीच खेल भी बहुत जबरदस्त होंगे। ये खेल सिर्फ जीत-हार का नहीं, बल्कि दो देशों के बीच बंधन का भी हिस्सा है। आशा है कि ये इवेंट शांति और सम्मान का संदेश देगा।
अच्छा हुआ बांग्लादेश में हो रहा है। अब तो वहां के लोग भी इसके लिए तैयार होंगे। और ये बात भी बहुत अच्छी है कि स्कॉटलैंड क्वालिफाई हो गया। अब तो खेल असली हो गया।
स्कॉटलैंड क्वालिफाई? अरे भाई, ये तो एक बर्फीला देश है! वहां किसी को क्रिकेट खेलने का मौका मिलता है? ये सब बस बाहरी दिखावा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर बाकी सब बस बनावटी हैं।
मैंने सुना है कि बांग्लादेश में बहुत सारी लड़कियां खेलना चाहती हैं... पर उनके घर नहीं देते... क्या ये टूर्नामेंट उनके लिए कुछ बदलेगा... या फिर सिर्फ फोटो और टीवी पर दिखेगा... मुझे नहीं पता...
ये टूर्नामेंट बस एक नाटक है! जैसे कोई बॉलीवुड फिल्म बनाता है, जिसमें सब कुछ जादू सा लगता है, लेकिन असलियत में बस एक बड़ा झूठ होता है! महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के नाम पर सब लोग अपनी नामचीनी बढ़ा रहे हैं! असली बदलाव तो गांवों में होना चाहिए, न कि डीजे वाले स्टेडियम में!
इस टूर्नामेंट का असली महत्व यह है कि यह एक अवसर है जिससे दुनिया भर की महिलाएं अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकती हैं। ये बस एक खेल नहीं, ये एक अधिकार है। जब एक लड़की अपने घर में बैठकर टीवी पर देखती है कि एक और लड़की दुनिया के बीच में खड़ी है और उसके लिए अपना नाम बना रही है, तो वह अपने जीवन में भी बदलाव लाने की हिम्मत पाती है। ये बदलाव धीरे-धीरे आता है, लेकिन ये असली है।
बांग्लादेश में होगा? अच्छा तो अब बीसीसीआई का दिल टूट गया होगा। भारत को इसकी मेजबानी नहीं देना एक बड़ा झटका है। अब तो भारतीय टीम के लिए घर का मैच नहीं होगा। बस एक बार फिर विदेश में खेलना पड़ेगा। क्या ये बर्बरता नहीं है?
मैं अपनी बहन के साथ इस टूर्नामेंट के लिए बांग्लादेश जाने वाली हूं। उसके लिए ये एक सपना है। अगर हम इस खेल को सच में प्यार करते हैं, तो हमें उन लड़कियों को समर्थन देना चाहिए जो खेल रही हैं। बस बोलने से काम नहीं चलेगा।
ये सब बहुत अच्छा लगता है... लेकिन क्या आप जानते हैं कि बांग्लादेश में महिलाओं को खेलने की अनुमति देने वाले घर कितने हैं? ये टूर्नामेंट तो बस एक धोखा है... एक फैंसी नाटक... जिसमें सब कुछ नियंत्रित है... और असली लड़कियां अभी भी अपने कमरे में बंद हैं... और आप यहां खुश हैं? क्या आप बहुत आसानी से खुश हो जाते हैं?
महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए इतनी धूमधाम क्यों? यह एक खेल है, न कि एक राष्ट्रीय आंदोलन। अगर ये खेल अच्छा है, तो लोग खुद देखेंगे। इतना ध्यान देने की जरूरत नहीं।
इस घोषणा के संदर्भ में, आईसीसी के निर्णय की नीतिगत वैधता को विचाराधीन रखना आवश्यक है। विश्व कप की मेजबानी का चयन निष्पक्षता, बुनियादी ढांचे और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के आधार पर होना चाहिए। इस मामले में, बांग्लादेश का चयन एक व्यवहारिक निर्णय है, जो विकासशील देशों के लिए एक शानदार अवसर प्रस्तुत करता है।
ये सब एक बड़ी साजिश है। आईसीसी के अंदर कोई ऐसा है जो भारत को नीचा दिखाना चाहता है। बांग्लादेश में टूर्नामेंट? अब तो भारत की टीम के लिए घर का मैच नहीं होगा। और ये सब तभी हुआ जब सौरव गांगुली ने अपना नाम लगा दिया। ये बस एक जाल है।