दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को मिली बड़ी राहत

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2021-22 की दिल्ली शराब नीति से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में जमानत दी है। इस फैसले के बाद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ सके। यह फैसला न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जल भूयान की पीठ द्वारा सुनाया गया।

मुकदमे की पृष्ठभूमि

यह मामला दिल्ली शराब नीति के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है। इस नीति को 2021-22 के वित्तीय वर्ष में लागू किया गया था। आरोपों के अनुसार, नीति के कार्यान्वयन में कुछ अधिकारियों और निजी व्यापारियों द्वारा अनियमितताएं और भ्रष्टाचार किया गया था। विवाद के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था।

सीबीआई और ईडी की जांच

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में मामले चल रहे हैं। अरविंद केजरीवाल को भी इस मामले में 2024 में गिरफ्तार किया गया था।

केजरीवाल के वकील की दलीलें

अरविंद केजरीवाल की ओर से उनके वकील, सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी कि केजरीवाल कोई फ्लाइट रिस्क नहीं हैं और उनकी गिरफ्तारी अवैध है। उन्होंने इसे 'इंश्योरेंस अरेस्ट' करार दिया, जिसका मतलब था कि केजरीवाल को लंबे समय तक जेल में रखने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई की चिंताएं

सीबीआई ने अदालत में यह कहा कि यदि केजरीवाल को जमानत दी जाती है तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, अदालत ने इस दलील को महत्व नहीं दिया और केजरीवाल को जमानत दे दी।

पहले की याचिकाओं का परिणाम

केजरीवाल ने पहले भी अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए और जमानत की मांग करते हुए कई याचिकाएं दायर की थीं। हालांकि, उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से इन याचिकाओं में राहत नहीं मिली थी।

आरोपी और जमानतें

केजरीवाल के वकील ने यह भी बताया कि सीबीआई और ईडी के मामलों में शामिल लगभग सभी अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। इस संदर्भ में केजरीवाल की जमानत एक महत्वपूर्ण फैसला था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भूयान की पीठ ने 5 सितंबर 2024 को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे 13 सितंबर 2024 को सुनाया गया। इस फैसले के चलते केजरीवाल को तुरंत जमानत पर रिहा किया गया और वे तिहाड़ जेल से बाहर आ सके।

केजरीवाल की प्रतिक्रिया

जेल से बाहर आने के बाद, अरविंद केजरीवाल ने मीडिया को बताया कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था और वे इस मामले में निर्दोष साबित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे दिल्ली की जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपने काम को जारी रखेंगे।

आम जनता और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

इस फैसले को लेकर आम जनता और राजनीतिक दलों की भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने इसे न्याय की जीत बताया, जबकि कुछ ने इसे न्यायिक प्रणाली पर प्रश्न खड़े किए।

आगे का रास्ता

इस फैसले के बाद, यह देखने वाली बात होगी कि मामले की जांच और न्यायिक प्रक्रिया किस दिशा में बढ़ती है। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) इस मामले से बाहर आने के लिए कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर क्या रणनीति अपनाती है, यह भी महत्वपूर्ण होगा।

टिप्पणि (9)

  1. Aashish Goel
    Aashish Goel

    अरे भाई, जमानत मिल गई तो अब जेल का जिक्र भूल जाओ... ये तो सिर्फ एक टेक्निकल ब्रेक है, मामला तो अभी बाकी है। अब देखना है कि केजरीवाल कैसे बाहर से इसका जवाब देते हैं।

  2. leo rotthier
    leo rotthier

    ये सब न्याय है या राजनीति है ये तो अभी तक पता नहीं चला अरे भाई सीबीआई ने तो बस बॉस को ठोका था बाकी सब जमानत पर हैं अब जो बोल रहे हैं वो सब बहुत बड़े हो गए

  3. Karan Kundra
    Karan Kundra

    अगर आपको लगता है कि ये फैसला किसी के खिलाफ है तो आप गलत हैं। न्याय तो बराबर होना चाहिए। अगर सबको जमानत मिल रही है तो केजरीवाल को नहीं मिलना तो अन्याय होगा। इस फैसले की तारीफ करना चाहिए, न कि बदनाम करना।

  4. Vinay Vadgama
    Vinay Vadgama

    यह फैसला भारतीय न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता और निष्पक्षता का प्रमाण है। न्यायाधीशों ने तथ्यों और कानून के आधार पर कार्य किया है, जिससे नागरिकों को विश्वास मिलता है कि कानून सभी के लिए समान है।

  5. Pushkar Goswamy
    Pushkar Goswamy

    ये तो बस एक नाटक है। जेल से निकले और फिर से मीडिया के सामने बोले कि मैं निर्दोष हूँ... अगर निर्दोष होते तो शुरू से जेल में नहीं जाते। ये सब बातें लोगों को भ्रमित करने के लिए हैं।

  6. Abhinav Dang
    Abhinav Dang

    अगर ये मामला असली है तो ये जमानत एक प्रोसेस फॉर एक्सप्लोरेशन है। एक्सप्लोरेशन का मतलब है ये नहीं कि वो निर्दोष हैं बल्कि ये कि उनकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त प्रमाण नहीं थे। ये एक लॉजिकल फॉर्मूला है।

  7. krishna poudel
    krishna poudel

    ये सब बकवास है। आप सब जानते हो कि जमानत मिलना मतलब अभी तक कोई साबित नहीं हुआ। अगर वो बर्बर थे तो जेल में रहते। अब निकल गए तो अब वो बहुत बड़े हो गए। ये तो सिर्फ एक राजनीतिक ट्रिक है।

  8. Anila Kathi
    Anila Kathi

    अरे यार ये फैसला तो बहुत अच्छा है! 😊 अगर सबको जमानत मिल रही है तो केजरीवाल को नहीं मिलना तो अन्याय होगा। अब देखते हैं कि वो अपनी नीति वापस लाते हैं या नहीं। बस अब न्याय का रास्ता देखना है।

  9. vasanth kumar
    vasanth kumar

    हमारे देश में राजनीति और न्याय कभी अलग नहीं होते। जमानत मिल गई तो अब ये बात नहीं कि कौन सच कह रहा है, बल्कि ये है कि कौन अब अपनी आवाज उठा रहा है। जनता को इसका फैसला करना है।

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