जुलाई 2025 में भारत के बैंक बंदी का राज्यवार पूरा कैलेंडर

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जुलाई 2025 में भारत के बैंक बंदी का राज्यवार पूरा कैलेंडर

जब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने 2025 के जुलाई महीने के लिए बैंक बंदी का शेड्यूल जारी किया, तो ग्राहक‑सेवा में बड़ी दिक्कतें नज़र आने लगीं। इस शेड्यूल में राष्ट्रव्यापी छुट्टियों के साथ‑साथ कई राज्य‑विशिष्ट त्यौहार, धार्मिक उत्सव और नियत सप्ताहांत शामिल हैं, जिससे जुलाई में कुल 10‑12 बैंकिंग नही‑काम वाले दिन बनेंगे।

राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित बंदी के दिन

RBI ने सभी बैंकों को दो शनिवार (12 और 26 जुलाई 2025) और चार रविवार (6, 13, 20, 27 जुलाई 2025) बंद रखने का आदेश दिया। यह नियम भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 25 के तहत लागू किया गया है।

राज्य‑वार विशिष्ट छुट्टियाँ

राष्ट्रीय बंदी के अलावा, प्रत्येक राज्य में स्थानीय त्यौहार और धार्मिक दिन भी बैंक बंदी का कारण बनते हैं। नीचे प्रमुख राज्य‑वार छुट्टियों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

  • त्रिपुरा: 3 जुलाई को खर्‍ची पूजा और 19 जुलाई को केर पूजा के कारण सभी शाखाएँ बंद रहेंगी।
  • गुजरात: SBI अहमदाबाद ने 6 जुलाई को मुहर्रम (अशूरा) को राष्ट्रीय स्तर पर गजेटेड हॉलिडे बताया है, जबकि 12 जुलाई (दूजा शनिवार) भी बंद रहेगा।
  • पंजाब और हरियाणा: 5 जुलाई को गुरु हरगोबिंद जी के जन्मदिन को कुछ क्षेत्रों में बैंकों की बंदी रहेगी। 31 जुलाई को हरियाणा में शहीद उद्यम सिंगh की शहादत दिवस मनाया जाएगा।
  • तेलंगाना: 21 जुलाई और 29 जुलाई को बोना‍लु उत्सव के कारण शाखाएँ बंद रहेंगी।
  • केरल: 25 जुलाई को करकिड़का वावु (हिंदू अनुष्ठान) के कारण बैंकिंग सेवाएँ नहीं चलेंगी।
  • उत्तराखण्ड: 16 जुलाई को हरेला को मुख्य कृषि त्यौहार माना जाता है, इसलिए इस दिन बैंकों को बंद रखा गया है।
  • मेघालय: 14 जुलाई को बेह डेंखलाम और 17 जुलाई को उ टीरोट सिंह की मृत्युतिथि मनाने के कारण बंदी निर्धारित है।
  • सिक्किम: 28 जुलाई को ड्रुक्पा थेजी के कारण बैंकों की कार्यवाही रूकी रहेगी।
  • हरियाणा: 27 जुलाई को पहले से ही रविवार है, पर 31 जुलाई को शहीद उद्यम सिंह शहीदी दिवस को भी बंदी लागू होगी।

बैंकिंग सेक्टर‑वाइड प्रभाव

इस शेड्यूल का असर सभी प्रकार के बैंकों पर समान है – चाहे वह स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया जैसी सार्वजनिक क्षेत्रीय संस्था हो, या एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस जैसे निजी वाणिज्यिक बैंक। छोटे‑वित्तीय संस्थाएँ, सहकारी बैंक और रीजनल रूरल बैंक (RRB) भी इन छुट्टियों का पालन करेंगे। ग्राहकों को सलाह दी गई है कि लोन क्लीयरेंस, फंड ट्रांसफर, चेक ड्रॉइंग आदि के लिए इन बंदी के दिनों से पहले तैयारी कर लें।

व्यावहारिक टिप्स और समय‑सारणी

व्यावहारिक टिप्स और समय‑सारणी

बैंक बंदी के कारण फॉर्म जमा करने या नकद निकासी में देरी हो सकती है। नीचे कुछ आसान टिप्स हैं:

  1. ऑनलाइन बैंकिंग और मोबाइल ऐप्स का उपयोग करके ट्रांसफ़र और पेमेंट को पहले ही कर लें।
  2. यदि आपको बड़े रकम निकालनी है, तो दो‑तीन दिन पहले बैंक शाखा में अपॉइंटमेंट बुक कर लें।
  3. व्यापारी और छोटे व्यवसाय मालिकों को अपनी कैश फ्लो योजना में इन छुट्टियों को ध्यान में रखें।
  4. यदि आप विदेश में यात्रा कर रहे हैं, तो अंतरराष्ट्रीय ट्रांसफ़र के लिए नॉद-ऑफ़ समय को देखें।

भविष्य की संभावनाएँ और संभावित बदलाव

RBI हर साल स्थानीय त्योहारों को ध्यान में रखकर नई छुट्टियों की घोषणा करता है। 2026 में भी समान पैटर्न जारी रहने की संभावना है, पर डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग से शाखा‑आधारित ट्रांजेक्शन की ज़रूरत घट सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले पाँच साल में बैंक डॉयर्स के बजाय मोबाइल‑बैंकिंग समाधानों पर अधिक भरोसा किया जाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

जुलाई में बैंक बंदी का सबसे बड़ा असर कौन से ग्राहकों को होगा?

छोटे व्यापारियों और दैनिक लेन‑देन पर निर्भर मजदूर वर्ग को सबसे अधिक परेशानी होगी, क्योंकि कई बार नकदी निकासी और चेक क्लियरेंस बंदी के दिन नहीं हो पाते। विशेषकर त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्य जहाँ कई स्थानीय त्यौहार एक साथ पड़ते हैं, वहाँ यह प्रभाव तीव्र रहता है।

क्या सभी सार्वजनिक और निजी बैंकों को समान छुट्टियों की मान्यता है?

हाँ। RBI द्वारा जारी किया गया शेड्यूल सभी नियोजित वाणिज्यिक, सार्वजनिक, सहकारी, रीजनल रूरल और छोटे‑वित्तीय बैंकों पर समान रूप से लागू है। अलग‑अलग बैंकों ने अपने स्थानीय शाखा‑प्रबंधकों को यह निर्देश दे दिया है कि वे इन तारीखों पर कार्य नहीं करेंगे।

यदि मुझे जुलाई में फंड ट्रांसफ़र करना है तो कौन‑सी विधि सुरक्षित है?

ऑनलाइन इंटीग्रेटेड पेमेंट गेटवे जैसे NEFT, IMPS या UPI का उपयोग सबसे सुरक्षित है। इन प्रणालियों में कार्य दिवसों का ध्यान रखकर ट्रांजेक्शन प्रोसेस किया जाता है, इसलिए छुट्टियों में भी आपका पैसा तुरंत पहुँच सकता है।

क्या कोई विशेष राज्य में ये छुट्टियाँ रोजगार पर असर डालेंगी?

त्रिपुरा में कई स्थानीय त्यौहार एक साथ पड़ते हैं, इसलिए बैंकों के बंद रहने से अस्थायी रूप से नकदी‑बाजार में लिक्विडिटी घट सकती है। इससे उन क्षेत्रों में जिनका मुख्य आय स्रोत कृषि या छोटे‑व्यवसाय हैं, उन्हें अतिरिक्त वित्तीय योजना बनानी पड़ेगी।

आने वाले साल में RBI छुट्टियों की सूची बदल सकती है या नहीं?

संभव है। RBI हर वर्ष आर्थिक माहौल, राष्ट्रीय उत्सव कैलेंडर और कॉरपोरेट सेक्टर की जरूरतों को ध्यान में रखकर छुट्टियों की पुनरावलोकन करता है। इसलिए 2026 में भी नई सूचनाएँ जारी की जा सकती हैं।

टिप्पणि (1)

  1. Gursharn Bhatti
    Gursharn Bhatti

    इन राष्ट्रीय और राज्य स्तर की बैंक बंदियों को सिर्फ कैलेंडर की पर्ची नहीं समझना चाहिए; हर बंदी के पीछे वित्तीय सत्ता के हाथों की एक गहरी साजिश छिपी होती है। जब RBI ऐसे शेड्यूल जारी करता है, तो यह शायद डिजिटल भुगतान पर नियंत्रण बढ़ाने का एक कदम है, जिससे नकद लेन‑देन घटे और हमारे व्यक्तिगत डेटा का संग्रह आसान हो जाए। कुछ लोग कहेंगे कि यह आम जनता की सुविधा के लिए है, परन्तु इतिहास बार‑बार दिखाता है कि बड़े वित्तीय धंधे हमेशा छोटे ग्राहक की झूल में फँसते हैं। इस तरह के बड़े‑पैमाने के बंदी कैलेंडर में स्थानीय त्योहारों को गढ़कर भी जोड़ना, हमें यह याद दिलाता है कि आर्थिक नीति कभी भी स्वतंत्र नहीं होती। इसलिए हमें अपना आर्थिक विकल्पों को विविध बनाकर, डिजिटल पेमेंट के साथ-साथ पारम्परिक नकदी का उपयोग बनाए रखना चाहिए, ताकि एक ही शक्ति के हाथों में सभी वित्तीय नियंत्रण न आ जाए।

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