24 नवंबर 2025 को बॉलीवुड का एक युग समाप्त हो गया। धर्मेंद्र सिंह देओल, जिन्हें दर्शकों के दिलों में 'ही-मैन' के नाम से जाना जाता था, मुंबई में निधन को प्राप्त हुए। उनकी मृत्यु की घोषणा दोपहर 2:39 बजे VizNews ने की। उनके निधन के ठीक कुछ ही घंटे पहले, सुबह 10:15 बजे, Maddock Films ने फिल्म 'इक्कीस' का एक मोशन पोस्टर रिलीज किया, जिसमें धर्मेंद्र का आखिरी वॉइस नोट शामिल था। उनकी आवाज़ में थी वही गहराई, वही ताकत — जैसे कोई अंतिम संदेश दे रहे हों: 'मेरा बड़ा बेटा अरुण, ये हमेशा इक्कीस का ही रहेगा।' इस बात को देखकर लगा जैसे कोई अदृश्य तार बंध गया हो — जिस फिल्म में वे एक बेटे के पिता के रूप में नजर आ रहे थे, उसी दिन वे अपने बेटे सनी के लिए अपना अंतिम दायित्व निभाने आ गए। सनी देओल ने अपने पिता का अंतिम संस्कार विले पार्ले श्मशान घाट पर किया। भीड़ इतनी भीड़ थी कि पुलिस दो घंटे पहले से ही तैनात हो गई। लोग आए नहीं तो जाने कैसे — एक अभिनेता के लिए नहीं, एक नायक के लिए।
इक्कीस: एक जवान शहीद की कहानी, एक बुजुर्ग अभिनेता का आखिरी संगीत
फिल्म 'इक्कीस' श्रीराम राघवन द्वारा निर्देशित है और भारत के सबसे जवान परमवीर चक्र विजेता, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की सच्ची घटना पर आधारित है। अरुण की भूमिका अगस्त्य नंदा ने निभाई है, जबकि धर्मेंद्र उनके पिता के रूप में हैं। एक ऐसी भूमिका, जिसमें वे बस बोलते नहीं, बल्कि खामोशी से भी अपना संदेश देते हैं। उनका वॉइस नोट जिस तरह से फिल्म के पोस्टर में शामिल किया गया, वह बिल्कुल एक अंतिम आशीर्वाद जैसा लगा। Maddock Films के कैप्शन में लिखा गया: 'महापुरुष राष्ट्र का निर्माण करते हैं।' और फिर धर्मेंद्र की आवाज़ — जो अब कभी नहीं सुनाई देगी।अंतिम संस्कार: एक युग का अंत
विले पार्ले में आए लोगों में बॉलीवुड के नाम थे — अमिताभ बच्चन, अमिताभ बच्चन के अलावा रणवीर सिंह, अनिल कपूर, और बहुत से ऐसे कलाकार जिन्होंने धर्मेंद्र के साथ अपनी शुरुआत की। उनकी एक्टिंग को लेकर कहा जाता है: 'उस दौर में इतने वर्सटाइल एक्टर होना बहुत बड़ी बात थी।' उन्होंने बॉलीवुड में न सिर्फ अभिनय किया, बल्कि एक नया आदर्श बनाया — जो बिना शो-बिज़नेस के, बिना फेम फॉर फेम के, सिर्फ अपने काम से लोगों के दिलों में बस गया। India News ने लाइव कवर किया, और उनके एक प्रस्तुतकर्ता ने कहा: 'जब आप उन्हें देखते हैं, तो लगता है कि ये आदमी अपने बेटे के लिए जिंदा है। और अब वो अपने बेटे के लिए जाने वाला है।' यह बात बहुतों को रो देने वाली थी।एक ऐसी फिल्म, जो अब एक अंतिम उपहार बन गई
फिल्म 'इक्कीस' 25 दिसंबर 2025 को रिलीज होगी। और अब यह फिल्म केवल एक फिल्म नहीं रही — यह धर्मेंद्र का अंतिम उपहार है। एक ऐसा अंतिम संदेश, जिसमें वे बेटे के लिए बोल रहे हैं, और देश के लिए। कई लोग अब यह सोच रहे हैं कि क्या यह फिल्म उनके लिए एक अंतिम आत्मसमर्पण थी? जब वे बोल रहे थे — 'मेरा बेटा अरुण' — क्या वे अपने बेटे सनी को बता रहे थे कि अब तुम्हारी बारी है? यह फिल्म अब एक विरासत बन गई है।क्यों धर्मेंद्र का निधन इतना गहरा छू गया?
क्योंकि वे कोई बस्ती के नायक नहीं थे। वे एक ऐसे आदमी थे जिन्होंने देखा कि देश के लिए जीना क्या है। उन्होंने अपने जीवन में न सिर्फ एक्टिंग की, बल्कि एक नैतिकता भी दिखाई। उनकी आवाज़ में थी वही गरिमा जो आज के युवा अभिनेताओं में कम है। उनके बाद कोई नहीं आएगा — नहीं, वो नहीं। वो बस एक थे।क्या होगा अब?
उनकी फिल्म 'इक्कीस' के बाद उनके नाम के साथ एक नया फिल्म प्रोजेक्ट भी चल रहा है — जिसका नाम 'धर्मेंद्र: एक जीवन' है। यह एक डॉक्यूमेंट्री होगा, जिसमें उनके दोस्त, साथी, बच्चे और दर्शक बताएंगे कि वे कौन थे। और अब, जब भी कोई फिल्म में कोई पिता अपने बेटे को संबोधित करता है, तो लोग उन्हें याद करेंगे। उनकी आवाज़ अब एक याद है। लेकिन उनका संदेश — वो अमर है।अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म 'इक्कीस' कब रिलीज होगी?
धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म 'इक्कीस' 25 दिसंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। यह फिल्म उनके निधन के बाद जारी होने वाली पहली फिल्म है, जिसमें वे सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के पिता की भूमिका में हैं।
धर्मेंद्र के वॉइस नोट को सुनकर लोग भावुक क्यों हुए?
वॉइस नोट में धर्मेंद्र ने अपने बेटे के नाम पर एक भावुक संदेश दिया: 'मेरा बड़ा बेटा अरुण, ये हमेशा इक्कीस का ही रहेगा।' यह आवाज़ उनके जीवन के अंतिम घंटों में रिकॉर्ड की गई थी, और उनके निधन के ठीक बाद रिलीज होने के कारण इसे एक अंतिम आशीर्वाद समझा जा रहा है।
धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार में कौन-कौन शामिल हुए?
अंतिम संस्कार में बॉलीवुड के कई बड़े नाम शामिल हुए, जिनमें अमिताभ बच्चन, रणवीर सिंह, और अनिल कपूर शामिल थे। उनके बेटे सनी देओल ने मुखाग्नि दी, और विले पार्ले में भीड़ इतनी थी कि पुलिस को दो घंटे पहले ही तैनात करना पड़ा।
धर्मेंद्र की भूमिका फिल्म 'इक्कीस' में क्यों इतनी खास है?
फिल्म में धर्मेंद्र सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के पिता के रूप में हैं, जो एक शहीद के पिता की भूमिका निभा रहे हैं। यह भूमिका उनके जीवन के साथ अद्भुत तरीके से मेल खाती है — एक पिता जो अपने बेटे को देश के लिए त्याग देता है। इसलिए यह भूमिका अब उनके जीवन का प्रतीक बन गई है।