विजयनगरम में खेल बुनियादी ढांचे के सुधार का भरोसा दिलाया कलेक्टर ने

विजयनगरम में खेल बुनियादी ढांचे के सुधार का लक्ष्य

विजयनगरम कलेक्टर बी.आर. अंबेडकर ने शनिवार, 27 जुलाई, 2024 को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि सरकार जिले में खेल बुनियादी ढांचे के सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती देना है और यह सुनिश्चित करना है कि यहाँ के खिलाड़ियों को बेहतर संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध हों।

कलेक्टर अंबेडकर के अनुसार, वर्तमान में विजयनगरम में खेल सुविधाओं की हालत संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि खेल मैदानों, स्टेडियमों और खेल प्रशिक्षण केंद्रों के विकास और नवीनीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, जिलास्तर के खेल आयोजनों के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधनों की भी व्यवस्था की जाएगी।

खिलाड़ियों के विकास के लिए अनुकूल माहौल

कलेक्टर ने जोर देते हुए कहा कि बेहतर खेल सुविधाएं खिलाड़ियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि बेहतर बुनियादी ढांचे से न केवल स्थानीय स्तर पर खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने में मदद मिलेगी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन में सुधार होगा।

इसके साथ ही, अंबेडकर ने यह भी बताया कि सरकार खेल कोचों और विशेषज्ञों की भी भर्ती करेगी, जिससे कि खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्ता वाली प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रयास खिलाड़ियों के विकास को प्रोत्साहन देने और उनके भविष्य को संवारने के लिए है।

संविधान में खेल के महत्व को पहचान

देश के संविधान में भी खेल को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। खेल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, बल्कि मानसिक विकास और अनुशासन की भी प्रेरणा देते हैं। कलेक्टर अंबेडकर ने इस बात पर जोर दिया कि खेलों को बढ़ावा देना एक सामुदायिक जिम्मेदारी भी है, जिससे युवा वर्ग को एक सकारात्मक दिशा प्रदान की जा सके।

विजयनगरम में खेल बुनियादी ढांचे के सुधार के तहत कई योजनाओं का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें नए खेल परिसरों का निर्माण और मौजूदा सुविधाओं का आधुनिकीकरण शामिल है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को खेल गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिल सके और उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध हो सकें।

आशान्वित स्थानीय खेल प्रेमी

कलेक्टर के इस आश्वासन से स्थानीय खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है। कई युवा खिलाड़ियों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इससे उनके खेल करियर को नई दिशा मिलेगी। स्थानीय नागरिकों ने भी खेल के क्षेत्र में इस प्रकार के सरकारी प्रयासों की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इनसे भविष्य में सकारात्मक बदलाव आएंगे।

यह देखा जाना बाकी है कि कलेक्टर अंबेडकर के इस आश्वासन को कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। हालांकि, एक बात तो साफ है कि इस घोषणा ने विजयनगरम के खेल पारिस्थितिकी तंत्र में एक नई उम्मीद जगा दी है।

सरकारी और सार्वजनिक सहयोग की आवश्यकता

सरकारी और सार्वजनिक सहयोग की आवश्यकता

अंत में, कलेक्टर ने यह बात भी कही कि खेल बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए सरकारी योजनाओं के साथ-साथ सामुदायिक सहयोग की भी आवश्यकता है। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों, व्यावसायिक समूहों और खेल संगठनों से अपील की कि वे इस महत्वपूर्ण उद्देश्य में अपना योगदान दें और मिलजुल कर काम करें।

कुल मिलाकर, यह घोषणा विजयनगरम के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें खेल को एक नया आयाम देने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और सकारात्मक मार्गदर्शन का प्रयास किया जा रहा है।

टिप्पणि (9)

  1. vasanth kumar
    vasanth kumar

    ये सब तो बहुत अच्छी बात है, लेकिन पिछले 10 साल में कितनी घोषणाएं हुईं और कितनी लागू हुईं? अब तक जहां खेल का मैदान था, वहां अब गाड़ियां खड़ी हैं।

  2. Pooja Shree.k
    Pooja Shree.k

    मुझे बहुत खुशी हुई कि खेल को महत्व दिया जा रहा है। बच्चों को खेलने का मौका मिलना चाहिए, वरना वे सिर्फ मोबाइल पर घूमते रहेंगे।

  3. Roopa Shankar
    Roopa Shankar

    ये बहुत अच्छा है, लेकिन जब तक हम गांवों तक इसे नहीं पहुंचाएंगे, तब तक ये सिर्फ शहरी बच्चों के लिए ही रह जाएगा। हमें ग्रामीण इलाकों के लिए भी खेल केंद्र बनाने होंगे।

  4. Vasudev Singh
    Vasudev Singh

    मैं खेल कोच हूं, और मैं बता सकता हूं कि ये सुधार कितने जरूरी हैं। हमारे पास एक भी अच्छा टेनिस कोर्ट नहीं है, बच्चे अब फुटबॉल के लिए गंदगी वाले मैदानों में खेल रहे हैं। अगर हम उन्हें अच्छे ग्लास शूज दे दें और एक छोटा सा ट्रैक बना दें, तो ये देश के लिए एक नया ओलंपिक चैंपियन जन्म सकता है।

    मैंने अपने बच्चों को देखा है, जब उन्हें अच्छा ट्रेनिंग मिली, तो उनकी आत्मविश्वास और अकादमिक प्रदर्शन दोनों बढ़ गया। खेल सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक भी है।

    हमें बस एक अच्छा स्टेडियम नहीं चाहिए, हमें एक ऐसा वातावरण चाहिए जहां बच्चे डरे बिना खेल सकें। जब वे गलती करें, तो उन्हें डांटने की बजाय समझाना चाहिए।

    हमारे पास तो ऐसे कोच भी नहीं हैं जो बच्चों के साथ धैर्य से बात कर सकें। ज्यादातर तो बस चिल्लाते हैं।

    मैं एक ऐसे गांव से हूं जहां बच्चे खेलने के लिए एक खाली खेत चुनते हैं। वहां एक छोटा सा ट्रैक और एक नेट लगाने से क्या इतना खर्चा होगा?

    मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक छोटा सा फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित करता हूं, और वहां बच्चों की आंखों में जो चमक है, वो बताती है कि खेल क्या कर सकता है।

    हमें बस एक शुरुआत की जरूरत है, और फिर लोग खुद आगे बढ़ेंगे।

    मैं चाहता हूं कि ये घोषणा सिर्फ एक बयान न बन जाए, बल्कि एक जीवित योजना बन जाए।

    मैं तैयार हूं, अगर कोई नया खेल केंद्र बने, तो मैं अपना समय दूंगा।

  5. Akshay Srivastava
    Akshay Srivastava

    ये सब बहुत अच्छा लगता है, लेकिन इसका कोई वित्तीय बजट या समयसीमा नहीं है। ये सिर्फ एक राजनीतिक नारा है। जब तक हम वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही को नहीं लागू करते, तब तक ये सब नाटक है।

  6. Amar Khan
    Amar Khan

    बस एक बात कहूं? जब मैं छोटा था, तो हम रोज खेलते थे, अब तो बच्चे घर पर बैठे हैं। कलेक्टर साहब, आप जो कर रहे हैं, वो बहुत अच्छा है, लेकिन जल्दी करें। मैं अपने भाई के लिए उम्मीद कर रहा हूं।

  7. Andalib Ansari
    Andalib Ansari

    खेल एक दर्शन है। ये जीवन का एक छोटा सा प्रतिबिंब है। जहां जीत और हार एक साथ आती हैं, जहां अनुशासन और खुलापन एक साथ जीतते हैं। ये सिर्फ एक मैदान नहीं, ये एक जीवन बदलने का तरीका है।

    क्या हम खेल को सिर्फ एक गतिविधि के रूप में देख रहे हैं? या हम इसे एक ऐसा साधन बना सकते हैं जो युवाओं को जीवन के बारे में सिखाए?

    जब हम एक बच्चे को एक बॉल देते हैं, तो हम उसे निर्णय लेने, टीम बनाने, गलतियों से सीखने का मौका दे रहे हैं।

    ये सिर्फ खेल नहीं, ये एक सामाजिक बदलाव है।

    हमें ये समझना होगा कि एक खेल का मैदान एक विद्यालय नहीं है, लेकिन वहां जो सीखा जाता है, वो जीवन भर चलता है।

    हम अपने बच्चों को जीत की तलाश में नहीं, बल्कि खेलने की खुशी में बढ़ाना चाहिए।

    जब तक हम खेल को एक उपकरण के रूप में नहीं समझेंगे, तब तक ये सुधार बस एक नकली उपलब्धि रहेगा।

    मैं चाहता हूं कि हम खेल को एक आध्यात्मिक अनुभव बना दें, जहां शरीर और मन एक हो जाएं।

  8. shivesh mankar
    shivesh mankar

    मैंने अपने बेटे को देखा है कि जब वह फुटबॉल खेलता है, तो वह बहुत खुश रहता है। इस घोषणा से मुझे उम्मीद है कि वह और भी बेहतर खेल सकेगा।

    हमें बस एक छोटा सा मैदान चाहिए, जहां वह खेल सके। बाकी सब कुछ बाद में आएगा।

    मैं आशा करता हूं कि हम सब मिलकर इसे सफल बना सकते हैं।

  9. avi Abutbul
    avi Abutbul

    ये बहुत अच्छा है, लेकिन अगर हम गांवों में भी खेल के लिए जगह बनाएं, तो बच्चे भी खेल पाएंगे।

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