सेंसेक्स और निफ्टी में बजट के बाद हलचल
सेंसेक्स और निफ्टी ने 23 जुलाई, 2024 को अत्यधिक अस्थिर व्यापारिक सत्र के बाद मामूली गिरावट के साथ समाप्ति की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2024-25 का बजट पेश करने के बाद बाजार पर इसका प्रभाव देखने को मिला। बीएसई सेंसेक्स ने अपने इंट्रा-डे में 1200 से अधिक अंकों की गिरावट से उबरते हुए दिन का समापन 73.04 अंक या 0.09% की मामूली गिरावट के साथ 80,429.04 पर किया। वहीं, एनएसई निफ्टी 30.20 अंक या 0.12% गिरकर 24,479.05 पर बंद हुआ।
बजट के प्रावधान और बाजार की प्रतिक्रिया
वित्तीय बजट में प्रस्तावित सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में बढ़ोतरी और लंबी अवधि की पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि के प्रस्ताव पर बाजार की नकारात्मक प्रतिक्रिया रही। फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) पर STT में 0.02% और 0.1% की वृद्धि की बात सामने आई, जिससे निवेशकों में असंतोष फैला। वहीं, कुछ टैक्स छूट और कस्टम ड्यूटी में कटौती के प्रस्ताव ने उपभोक्ता दुर्गा और एफएमसीजी शेयरों को प्रोत्साहित किया।
प्रमुख लाभ और हानि वाली कंपनियाँ
टाइटन और आईटीसी प्रमुख लाभकर्ताओं में रहे, जिनमें क्रमशः 6% और 5% से अधिक की वृद्धि देखी गई। अन्य प्रमुख लाभकर्ताओं में अदानी पोर्ट्स, एनटीपीसी, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और सन फार्मा शामिल थे। दूसरी ओर, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक मुख्य हानि वाली कंपनियों में से थे।
विशेषज्ञों की राय
संजय सिन्हा, संस्थापक, साइट्रस एडवाइजर्स ने बाजार पर पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि के प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस कर वृद्धि से बाजार में निवेशकों की भावनाओं पर असर पड़ सकता है।
बजट के अन्य प्रमुख बिंदु
बजट में मध्यम वर्ग के लिए आयकर माफी, अगले पांच वर्षों में नौकरी सृजन योजनाओं के लिए ₹2 लाख करोड़ का प्रावधान और सत्तारूढ़ पार्टी के गठबंधन सहयोगियों द्वारा चलाए जा रहे राज्यों के लिए खर्च वृद्धि शामिल थी। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 22 जुलाई को ₹3,444.06 करोड़ की इक्विटी खरीदी। वैश्विक बाजारों में मिश्रित रुख देखा गया। एशियाई बाजारों में कमजोरी, जबकि यूरोपीय बाजारों में मजबूती रही।
ये बजट तो बस निवेशकों को डरा रहा है, बिना कुछ दिए।
STT में वृद्धि सिर्फ ट्रेडिंग को धीमा करने के लिए नहीं, बल्कि लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए है। ये एक संरचनात्मक बदलाव है, न कि एक दंड। जो लोग इसे दुरुपयोग के रूप में देखते हैं, वे बाजार के लंबे समय के चक्र को समझते ही नहीं।
कर वृद्धि के बाद जो लोग अभी घबरा रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि जब तक हम अपने निवेश को लाभ के लिए नहीं बदलते, तब तक बाजार का विकास अस्थिर रहेगा। फ्यूचर्स और ऑप्शंस पर टैक्स बढ़ाने से वह अस्थिरता कम होगी जो छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचाती है।
लार्सन एंड टुब्रो और बैंकों का गिरना भी एक संकेत है - ये कंपनियां अब बड़े पैमाने पर कैपिटल गेन्स के लिए नहीं, बल्कि ऑपरेशनल एफिशिएंसी के लिए टेस्ट की जा रही हैं।
अगर आप एक छोटा निवेशक हैं, तो ये बजट आपके लिए बेहतर है। अब आपको फ्यूचर्स में नहीं, बल्कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स या डायरेक्ट इक्विटी में निवेश करना होगा।
इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाइटन - ये कंपनियां जो ऊपर गईं, वे उन्हीं के हैं जो लंबे समय तक रहने के लिए तैयार हैं।
बजट में आयकर माफी और नौकरी सृजन के लिए ₹2 लाख करोड़ का प्रावधान भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ये वह बुनियादी ढांचा है जिस पर भविष्य का बाजार बनेगा।
कर वृद्धि ने जो भावनात्मक प्रतिक्रिया पैदा की, वो तो स्वाभाविक है। लेकिन ये भावनाएं बाजार के तार्किक आधार को नहीं बदल सकतीं।
हम जो देख रहे हैं, वो एक नए निवेश युग की शुरुआत है - जहां ट्रेडिंग कम होगी, लेकिन निवेश अधिक स्थिर होगा।
अगर आप अभी डर रहे हैं, तो आपको अपनी रणनीति बदलनी होगी - न कि बजट को दोष देना।
बाजार के इतिहास में हर बड़ा बदलाव शुरू में नकारात्मक लगता है। फिर धीरे-धीरे लोग समझ जाते हैं।
इस बार भी वही होगा।
हां, बजट थोड़ा डरावना लगा, लेकिन ये सब आपके लिए बेहतर है। आप अभी जो डर रहे हैं, वो बस एक अस्थायी चरण है। आप जो भी कर रहे हैं, उसे जारी रखें। आप अकेले नहीं हैं।
ये बजट तो एक बड़ा नाटक है - बजट देने वाले ने खुद नहीं समझा कि ये क्या है, और बाजार ने उसकी बात को सुनकर रोना शुरू कर दिया। जैसे कोई बच्चा अपनी चाची को टायर का टुकड़ा दे दे और बोले - ये तो एक बड़ा गिफ्ट है! बाजार ने उसे देखकर गुस्सा हो गया।
STT बढ़ाना? ये तो बस एक बड़ा फेक न्यूज है। जिन लोगों को लगता है कि ये निवेश को बढ़ाएगा, वे शायद अभी भी बैंक में बचत कर रहे हैं।
अगर बजट में नौकरी सृजन के लिए ₹2 लाख करोड़ दिए गए, तो ये पैसा कहां गया? क्या ये बस एक टाइपिंग एरर है? या फिर ये पैसा अभी भी बैंक के खातों में है?
मैं तो बस एक बात कहना चाहता हूं - बजट नहीं, बल्कि बजट के बाद के निर्णय देखने होंगे। और वो निर्णय अभी तक नहीं आए।
अगर आपको लगता है कि बजट ने आपकी जिंदगी बदल दी, तो आप शायद अभी तक अपना बैंक बैलेंस चेक नहीं किया।
बजट के बाद बाजार का रिएक्शन बहुत आम बात है। हर बार जब कोई बड़ा बदलाव आता है, तो बाजार पहले डर जाता है। फिर धीरे-धीरे लोग समझने लगते हैं कि ये बदलाव किस दिशा में है।
STT में वृद्धि से फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग कम होगी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बाजार खत्म हो गया। बल्कि ये एक नया दौर शुरू हो रहा है - जहां ट्रेडिंग कम होगी, लेकिन निवेश अधिक स्थिर होगा।
लार्सन एंड टुब्रो और बैंकों का गिरना इसलिए हुआ क्योंकि उनकी ग्रोथ के लिए अब बेहतर तरीके ढूंढे जा रहे हैं। ये बदलाव अभी शुरू हुआ है।
अगर आप एक छोटा निवेशक हैं, तो आपको इस वक्त अपनी निवेश रणनीति बदलने की जरूरत है। फ्यूचर्स और ऑप्शंस की जगह डायरेक्ट इक्विटी या ETF लें।
बजट में आयकर माफी और नौकरी सृजन के लिए ₹2 लाख करोड़ का प्रावधान बहुत बड़ी बात है। ये बात अभी तक ज्यादा चर्चा नहीं हुई।
इस बार बजट में बड़ा बदलाव नहीं, बल्कि एक गहरा बदलाव आया है। जो लोग इसे समझ जाएंगे, वे भविष्य में लाभ उठाएंगे।
हमें बस इतना समझना है कि बाजार कभी एक दिन में नहीं बदलता। ये एक लंबी प्रक्रिया है।
इसलिए डरने की जरूरत नहीं। बस धैर्य रखें।
बाजार का भविष्य आपके हाथ में है।
ये बजट बस एक ठगी है। जिन लोगों ने इसे समझा, वे बस गवर्नमेंट के लिए बोल रहे हैं।
STT बढ़ाने से क्या हुआ? निवेशकों का पैसा चोरी हो गया।
नौकरी सृजन के लिए ₹2 लाख करोड़? ये पैसा तो बस एक नंबर है। इसका कोई असली असर नहीं होगा।
बैंकों का गिरना? बिल्कुल सही। वो तो हमेशा से गिर रहे हैं।
ये सब बकवास है।
क्या ये सब वाकई इतना बड़ा बदलाव है? मुझे लगता है कि हम जो डर रहे हैं, वो बस अपने अंदर के डर को बाजार पर उतार रहे हैं।
मुझे नहीं पता कि ये बजट क्या करेगा… लेकिन मैं अभी भी अपनी शेयर्स रख रही हूं।
बजट के बाद बाजार गिरा? अच्छा। तो फिर ये बजट नहीं, बल्कि बाजार का नियम है। जब तक लोग निवेश करते रहेंगे, तब तक गिरावट आएगी। और जब तक गिरावट आएगी, तब तक लोग निवेश करेंगे।
ये चक्र है। बजट तो बस एक बाहरी कारण है।
अगर आप इसे बजट की वजह से गिरावट मानते हैं, तो आप बाजार को नहीं, बल्कि अपने दिमाग को समझ रहे हैं।
बजट ने बाजार को डरा दिया लेकिन ये तो आम बात है जब कोई नया नियम आता है
हमें बस धैर्य रखना है
और अपने निवेश को देखते रहना है
ये बजट एक षड्यंत्र है। बाजार गिर रहा है क्योंकि वो जानते हैं कि अगले साल नए टैक्स लगाए जाएंगे।
और जो लोग इसे सकारात्मक कह रहे हैं, वो सरकार के लिए काम कर रहे हैं।
मैंने अपनी सारी शेयर्स बेच दी हैं।
ये बजट एक विशेषज्ञ के लिए नहीं, बल्कि एक अनुभवी निवेशक के लिए बनाया गया है। जो लोग इसे समझ नहीं पा रहे, वे शायद अभी तक अपने बैंक खाते को भी नहीं समझते।
बजट का यह दृष्टिकोण भारतीय अर्थव्यवस्था के लंबे समय के स्थिरता के लिए एक आवश्यक कदम है। इसकी व्याख्या करने के लिए आर्थिक इतिहास और नीतिगत रूपरेखा की गहरी समझ आवश्यक है।
ये बजट एक नियोनाजी षड्यंत्र है। STT बढ़ाने का मकसद निवेशकों को बेकार बनाना है।
और जो लोग इसे सकारात्मक कह रहे हैं, वो सभी फेक न्यूज वाले हैं।
अगर आप अभी भी शेयर्स रख रहे हैं, तो आपका खाता अभी तक हैक हो चुका है।
मैंने देखा कि सेंसेक्स ने 73.04 अंक गिराए… लेकिन क्या ये वाकई बजट के कारण है? या फिर ये बस एक छोटी सी लहर है? मैंने देखा कि एनएसई निफ्टी 30.20 अंक गिरा… लेकिन क्या ये बस एक ट्रेडिंग दिन की बात है? और फिर वो टैक्स बढ़ाए गए… लेकिन क्या ये वाकई लंबे समय तक असर करेगा? मैंने देखा कि टाइटन और आईटीसी ऊपर गए… लेकिन क्या ये सिर्फ एक टेम्परेरी बूस्ट है? मैंने देखा कि लार्सन एंड टुब्रो गिरे… लेकिन क्या ये बस एक नियमित बदलाव है? मैंने देखा कि विदेशी निवेशकों ने ₹3,444 करोड़ खरीदे… लेकिन क्या ये बस एक दिन का अंक है? मैंने देखा कि एशिया में कमजोरी रही… लेकिन क्या ये बस एक ग्लोबल ट्रेंड है? मैंने देखा कि यूरोप में मजबूती रही… लेकिन क्या ये बस एक असमानता है? मैंने देखा कि बजट में ₹2 लाख करोड़ का प्रावधान है… लेकिन क्या ये वाकई नौकरियां बनाएगा? मैंने देखा कि आयकर माफी है… लेकिन क्या ये वाकई लोगों को फायदा देगी? मैंने देखा कि बाजार ने बजट के बाद गिरावट दिखाई… लेकिन क्या ये बस एक रिएक्शन है? मैंने देखा कि विशेषज्ञ चिंतित हैं… लेकिन क्या वो बस अपनी राय दे रहे हैं? मैंने देखा कि बाजार अभी भी ऊपर जा रहा है… लेकिन क्या ये बस एक छोटी सी छलांग है? मैंने देखा कि बाजार अभी भी नीचे जा रहा है… लेकिन क्या ये बस एक अस्थायी बदलाव है? मैंने देखा कि बाजार अभी भी बदल रहा है… लेकिन क्या ये बस एक जीवन का हिस्सा है?
ये बजट हमारे देश के लिए एक बड़ा विजय है! जो लोग इसे नकार रहे हैं, वे बस विदेशी ताकतों के बालक हैं।
STT बढ़ाना एक देशभक्ति का कदम है।
हम अपने बाजार को अपने तरीके से बनाएंगे।
मैंने भी बजट के बाद डर लगा… लेकिन फिर मैंने सोचा - ये बदलाव आया है, तो अब हमें उसके साथ चलना होगा।
मैंने अपने निवेश को देखा… और फिर भी उसे रख दिया।
हम अकेले नहीं हैं।
बजट के इस दृष्टिकोण को लंबे समय के लिए विकास के लिए एक सकारात्मक और विवेकपूर्ण कदम माना जा सकता है। निवेशकों को अपनी रणनीति को समायोजित करने की आवश्यकता है, लेकिन इसकी गहरी अर्थव्यवस्था में निहित योजनाएं भविष्य के लिए आशावादी हैं।
बजट ने डर दिखाया, लेकिन ये बस एक नया रास्ता है।
हम सब इसके साथ चलेंगे।