बाबर आज़म: टेस्ट क्रिकेट में संकट
पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज़ बाबर आज़म पिछले दो सालों से टेस्ट क्रिकेट में अपनी फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मुल्तान में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में उन्होंने 71 गेंदों में सिर्फ 30 रन बनाकर आउट हो गए। बाबर के लिए ये चिंता की बात है कि यह उनका लगातार 15वां ऐसा प्रयास था जहाँ वह 50 के आंकड़े को पार नहीं कर पाए। इसके पहले दिसंबर 2022 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ उन्होंने पहली पारी में 161 रनों की दमदार पारी खेली थी। तब से लेकर अब तक बाबर सिर्फ एक बार ही 40 का आंकड़ा पार कर पाए हैं।
बाबर का पिछले दो साल का प्रदर्शन
2022 तक बाबर का टेस्ट क्रिकेट में औसत 50 से ऊपर था। उस समय उन्होंने नौ टेस्ट मैचों में चार शतक और सात अर्धशतक के साथ 1184 रन बनाए थे। उनका औसत 69.64 रहा। 2023 में बाबर का प्रदर्शन नाटकीय रूप से गिरा, जहाँ उन्होंने पांच टेस्ट में सिर्फ 204 रन बनाए और औसत 22.66 रहा। यही सिलसिला 2024 में भी जारी रहा, जहां वह चार टेस्ट में सिर्फ 143 रन ही बना सके और उनका औसत 20.42 रहा।
सहाराएँ और साझेदारियाँ
मुल्तान में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में, बाबर ने सऊद शकील के साथ 61 रनों की साझेदारी की, लेकिन क्रिस वोक्स की गेंद पर LBW आउट हो गए। उनकी यह बारी बिलकुल गलत साबित हुई, फिर भी रिव्यू लेने के बाद भी वही परिणाम आया। यह इंगित करता है कि बाबर की समस्याएँ तकनीकी के साथ-साथ मानसिक भी हो सकती हैं।
शान मसूद और अब्दुल्लाह शफीक की सफलता
जहाँ बाबर का प्रदर्शन गिरावट पर है, वहीं कप्तान शान मसूद और अब्दुल्लाह शफीक की शानदार सेंचुरी पारी ने पाकिस्तान को पहले दिन 328/4 पर पहुँचाया। इस पारी ने टीम को एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। बाबर के लिए यह समय आत्मचिंतन का है कि वे किस तरह अपनी पुरानी फॉर्म में वापसी करें।
पाकिस्तानी क्रिकेट के लिए बाबर की फॉर्म एक अहम कारक है। यदि वे जल्दी से अपनी फॉर्म में वापसी नहीं करते, तो यह टीम के लिए लंबे समय तक एक नुकसान हो सकता है। अपने कप्तानी कार्यकाल में बाबर ने जो सफलता हासिल की थी, वही मानसिक रूप से उन्हें इस कठिन समय से उबरने में मदद कर सकती है। क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद है कि बाबर जल्दी से इस सूखे दौर से बाहर निकल आएंगे और मैदान पर छाएंगे।
बाबर की फॉर्म का सवाल सिर्फ बल्लेबाजी नहीं, बल्कि उनके मन की शांति का भी है। दो साल तक 50 नहीं पार कर पाना कोई आम बात नहीं।
मुझे लगता है कि बाबर को बस एक अच्छी पारी की जरूरत है, जिससे उनका आत्मविश्वास वापस आए। उनकी तकनीक ठीक है, बस थोड़ा सा मन का भार उन्हें धीमा कर रहा है। अगर वे अपने आप को दबाव से आज़ाद कर लें, तो वो फिर से वही बाबर हो जाएंगे जिसने पाकिस्तान को दुनिया के सामने खड़ा किया था। इंतज़ार करना पड़ेगा, लेकिन विश्वास रखना चाहिए।
इस संकट का कारण तकनीकी नहीं, बल्कि टीम के भीतर उनकी भूमिका का अस्थिरता है। एक ओर कप्तान, दूसरी ओर बल्लेबाज़, तीसरी ओर लीडरशिप का बोझ। उन्हें एक निश्चित भूमिका देनी होगी, नहीं तो यह गिरावट बस शुरुआत है।
बाबर तो अब बस एक नाम हो गया है... पहले जैसे बल्ला चलता था अब तो बस गेंद देखते रह जाते हैं... दिल टूट गया...
ये समय सिर्फ बाबर के लिए नहीं, पूरी टीम के लिए एक जांच है। उनकी फॉर्म का इंतज़ार करना नहीं, बल्कि उन्हें वापस लाने के लिए समर्थन देना ज़रूरी है। बाबर को अभी भी टीम का दिल है, और उनकी वापसी टीम के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।
हर बल्लेबाज़ के जीवन में ऐसा दौर आता है। बाबर ने अपनी फॉर्म के शीर्ष पर बहुत कुछ किया है। अब बस थोड़ा सा समय और विश्वास चाहिए। वो वापस आएंगे, बस थोड़ा इंतज़ार करें।
बाबर की फॉर्म गिरी है, लेकिन उनका नाम अभी भी बड़ा है। उन्हें अभी भी टीम के लिए ज़रूरी माना जाता है।
अरे भाई, ये बाबर आज़म अब कौन है? ये तो अब एक फैंटम बल्लेबाज़ है। जो बैट लेकर आता है लेकिन बल्ला नहीं चलाता। अगर ये फॉर्म अगले दो महीने तक रही तो उन्हें टीम से बाहर कर देना चाहिए।
कभी-कभी जब बहुत कुछ दिया जाता है, तो मन थक जाता है। शायद बाबर को बस एक छुट्टी चाहिए। नहीं तो ये बोझ उन्हें निगल जाएगा।
बाबर आज़म अब एक बाबर नहीं, बल्कि एक बाबर-ए-मानसिक अस्थिरता बन गए हैं। जैसे कोई गायक जिसकी आवाज़ खो गई हो, वैसे ही वो अपनी बल्लेबाज़ी खो चुके हैं। ये नहीं कि वो नहीं खेल सकते, बल्कि वो अपने आप को नहीं ढूंढ पा रहे।
बाबर के दो साल के इस सूखे दौर का विश्लेषण करें तो देखेंगे कि उनकी शुरुआती पारियों में बहुत कम बॉल्स के बाद ही आउट हो जाते हैं। ये निश्चित रूप से टेक्निकल इश्यू है। उनकी बैट स्विंग अब बहुत धीमी हो गई है, और उनकी लेग लाइन भी अब अनिश्चित है। उन्हें अपने बेसिक्स पर वापस जाना होगा, एक बार फिर से बेसिक शॉट्स को रिहर्स करना होगा। बस एक बार फिर से बैटिंग ड्रिल्स के साथ शुरुआत करनी होगी।
अरे ये बाबर का संकट नहीं, ये तो पाकिस्तानी क्रिकेट का संकट है। जब एक बल्लेबाज़ इतना लंबा दौर गुज़ार रहा हो तो ये टीम की नींव खिसक रही है। अब तक कोई नया बल्लेबाज़ नहीं निकला, बस बाबर के नाम के आसपास घूम रहे हैं।
बाबर के लिए अभी जो भी हो रहा है वो बहुत बड़ा नहीं है अगर टीम उन्हें साथ दे तो वो वापस आ जाएंगे और फिर से उनका नाम दुनिया भर में गूंजेगा
मैं बस ये कहना चाहती हूँ कि जब बाबर आज़म अर्धशतक नहीं बना पाते हैं तो पाकिस्तान के लिए ये एक अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल है। जब तक वो नहीं आएंगे, तब तक टीम बर्बाद है।
बाबर की फॉर्म का विश्लेषण करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय टीम की आवश्यकता है, जिसमें साइकोलॉजिस्ट, बैटिंग कोच और डेटा एनालिस्ट शामिल हों। यह बस एक खिलाड़ी का मामला नहीं है, यह एक सिस्टम फेलियर है।
बाबर आज़म के प्रदर्शन में गिरावट को एक व्यक्तिगत विफलता के रूप में नहीं, बल्कि एक खेल के विकास के चक्र के रूप में देखना चाहिए। खेल के इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने अपनी फॉर्म वापस पाई।
ये सब एक योजना है। बाबर को धीरे-धीरे बाहर निकाला जा रहा है। जब तक वो फॉर्म में नहीं आएंगे, तब तक उनके बारे में बात नहीं करनी चाहिए। ये सब एक बड़े राजनीतिक खेल का हिस्सा है।