भोल बाबा: एक पुलिसवाला जो बना धार्मिक उपदेशक
जब बात साकार विश्व हरी भोल बाबा की आती है, तो सामने आता है एक ऐसा व्यक्तित्व जो अपने नाम और कार्यों से सामान्य जनता के बीच पॉपुलर हैं। सुरजपाल सिंह, जो कभी उत्तर प्रदेश पुलिस में एक कॉन्स्टेबल के रूप में कार्यरत थे, ने 18 साल की सेवा के बाद वीआरएस ले लिया और धर्म के मार्ग पर निकल पड़े। भोल बाबा ने पुलिस सेवा के दौरान 12 विभिन्न थानों में काम किया, जिसमें राज्य की इंटेलिजेंस यूनिट भी शामिल है।
धार्मिक यात्रा का आरंभ
1990 के दशक में जब सुरजपाल सिंह ने यूपी पुलिस से वीआरएस लिया, तो उन्होंने धार्मिक गुरु बनने का फैसला लिया। आज वे भोल बाबा के नाम से जाने जाते हैं और उनका प्रभाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में व्यापक है। उनके अनुयायियों में बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारी, राजनेता और विभिन्न समाजिक वर्गों के लोग शामिल हैं।
भोल बाबा की अनोखी पहचान
भोल बाबा की पहचान दूसरों से अलग है। जहां अधिकांश धार्मिक गुरु भगवा वस्त्र धारण करते हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, वहीं भोल बाबा ने इन सबसे अलग रहना ही उचित समझा। उनके अनुयायी कहते हैं कि बाबा का सबसे बड़ा गुण उनकी सादगी और जनता के साथ जुड़ने की क्षमता है।
कांट्रोवर्सी और विवाद
भोल बाबा के धार्मिक आयोजनों में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। उनके आयोजनों में शादियों का भी विशेष स्थान होता है। लेकिन इसके साथ ही भोल बाबा विवादों में भी घिरे रहते हैं। मई 2022 में फर्रुखाबाद में आयोजित एक जनसभा के दौरान हज़ारों लोगों ने आदेश की अवज्ञा की। इसके अलावा कानपुर में जमीन कब्जाने के आरोप भी उन पर लगे हैं।
आगरा का कार्यक्रम और हादसा
भोल बाबा का आगामी कार्यक्रम 4 जुलाई से 11 जुलाई तक आगरा में होने वाला था, लेकिन हाथरस में एक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई जिसमें 100 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस हादसे के बाद भोल बाबा अपने अनुयायियों की मदद से फरार हो गए और अब पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
समाज के बीच महत्वपूर्ण प्रभाव
भोल बाबा का प्रभाव उनके अनुयायियों के बीच काफी बड़ा है। उनकी लोकप्रियता का कारण है उनकी सभी वर्गों की सेवा करने की भावना। एससी/एसटी, ओबीसी के साथ-साथ मुसलमान भी उनके अनुयायियों में शामिल हैं। भोल बाबा ने समाज के बीच अपनी छवि प्रभावशाली बनाई है और उनकी शिक्षाएं लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।
हालांकि वे कई विवादों में फंसे हैं, लेकिन उनके अनगिनत अनुयायी उनकी साधारण जीवन शैली और मानवीय दृष्टिकोण के कारण उन्हें अपना मार्गदर्शक मानते हैं।
ये भोल बाबा तो बस एक धोखेबाज़ है। पुलिस से भागकर धार्मिक चेहरा बना रहा है। हाथरस में 100 लोग मरे और फरार हो गया? ये तो अपराधी है, संत नहीं।
मुझे लगता है, उनकी सादगी बहुत प्रेरणादायक है... बस एक आम इंसान जो अपने लोगों के लिए कुछ करना चाहता है।
अगर आप उनके अनुयायियों के साथ बात करेंगे, तो पता चलेगा कि वो बस एक आदमी हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी को बदल दिया। उनके पास कोई धन-संपत्ति नहीं, न कोई शानदार घर, न कोई शो-प्रोग्राम। बस एक बात जो उनके दिल में है - लोगों को सुखी देखना। और यही बात उनके लाखों अनुयायियों के दिलों में बैठ गई।
लेकिन ये तो बहुत अजीब है... एक पुलिसवाला जो बन गया संत, और अब उसके खिलाफ जमीन का मामला? 😐
ये लोग तो बस अपने अनुयायियों को एक नया नाम देते हैं - जो भी नहीं समझता वो अंधविश्वासी, जो समझता वो जागृत। बस एक अलग तरह का बिजनेस मॉडल है। गुरु बनने के बाद जमीन, लोग, भक्ति - सब एक बार में।
क्या आपने कभी सोचा है कि जब एक आदमी अपनी सेवा से बाहर निकलता है और बिना किसी शिक्षा के लोगों को जीवन देने लगता है, तो क्या वो असली गुरु नहीं हो सकता? शायद वो बाबा नहीं, लेकिन एक आदमी है जिसने अपनी जिंदगी को दूसरों के लिए समर्पित कर दिया। बाकी सब तो सिर्फ राजनीति और धोखा है।
मैं आगरा में था। लोग बस एक आवाज़ के लिए आते हैं। कोई नहीं जानता कि वो कौन है, लेकिन जब वो बोलता है, तो सब चुप हो जाते हैं। ये तो बस एक जादू है।
मैं उनके अनुयायियों में से एक हूँ। मैंने उनके आयोजनों में शादियाँ करवाईं, बच्चों को पढ़ाया, और अपने दिल का बोझ उतारा। अगर वो गलत हैं, तो फिर हम सब गलत कैसे हो सकते हैं? क्योंकि वो ने हमें इंसान बनाया है।
ये तो बस एक और गुरु है जो भारत में बढ़ रहा है। लोग भूखे हैं, उन्हें कुछ चाहिए। वो उन्हें देता है। बाकी सब तो बस बुरी नीयत का नाम है।