प्रीति सूदन की नई ज़िम्मेदारियाँ
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का सदस्य नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा इस नियुक्ति को स्वीकृति मिली है। प्रीति सूदन ने अगस्त 1 को अपने पद का कार्यभार संभाला। इस नई भूमिका में उनके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ और जिम्मेदारियाँ होंगी।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
प्रीति सूदन का जन्म और प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर अपनी प्रशासनिक सेवा की तैयारी की। 1983 बैच की आईएएस अधिकारी सूदन, सबसे पहले आंध्र प्रदेश में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहीं। उन्होंने अपने कैरियर में कई महत्वपूर्ण मोड़ों को पार किया और विभिन्न मुकाम हासिल किए।
स्वास्थ्य सचिव के रूप में भूमिका
प्रीति सूदन को 2017 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव नियुक्त किया गया था। इस पद पर उन्होंने तीन वर्षों तक महत्वपूर्ण योगदान दिया। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने देश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए। उनके नेतृत्व में भारत ने कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया।
वैश्विक मंच पर प्रीति सूदन
प्रीति सूदन की पहचान न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक कुशल और योग्यता संपन्न अधिकारी के रूप में होती है। उन्होंने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के स्वतंत्र पैनल के सदस्य के रूप में काम किया। साथ ही, उन्होंने कई अन्य अंतरराष्ट्रीय भूमिकाएं निभाई हैं जैसे तंबाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन के COP-8 की चेयर, मातृ, नवजात और शिशु स्वास्थ्य हेतु पार्टनरशिप की वाइस चेयर, और ग्लोबल डिजिटल हेल्थ पार्टनरशिप की चेयर।
नई नियुक्ति की विशेषता
प्रीति सूदन की UPSC निदेशक के रूप में नियुक्ति उस समय हो रही है जब आयोग में कई आंतरिक विवाद चल रहे हैं। आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के जाति और शारीरिक प्रमाणपत्रों को लेकर विवाद उभरा है। इन सभी विवादों के बीच सूदन की नियुक्ति आयोग के लिए नए आयाम स्थापित करने का एक बड़ा अवसर है।
पर्सनल लाइफ और उपलब्धियाँ
प्रीति सूदन की व्यक्तिगत जिंदगी भी कई तरह से प्रेरणादायक है। उनका जीवन विभिन्न चुनौतियों और सफलताओं से भरा पड़ा है। उन्होंने प्रशासनिक सेवा के साथ-साथ सामाजिक और फैमिली जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया है। परिवार के साथ संतुलन बनाते हुए, उनकी कार्यकुशलता और समर्पण का कोई मुकाबला नहीं है।
भविष्य की उम्मीदें
प्रीति सूदन की UPSC की निदेशक के रूप में नियुक्ति न केवल उनके अनुभव और योग्यता का सम्मान है, बल्कि यह संकेत भी है कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में सक्षम होंगी। उनके नेतृत्व में UPSC में कई अहम सुधारों की उम्मीद की जा रही है, जो युवा प्रतिभाओं को नवाचार और प्रेरणा देने में मदद करेंगे।
समापन शब्द
प्रीति सूदन की नई यात्रा न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय प्रशासनिक प्रणाली के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनकी नियुक्ति से UPSC को न केवल अपना कार्यक्षेत्र विस्तार करने का मौका मिलेगा, बल्कि वे संगठन को नई दिशा देने में भी सहायता करेंगी। उनके माध्यम से कई महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव आने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
इस तरह प्रीति सूदन का यह नया अध्याय कई चुनौतियों और अवसरों से भरा हुआ है, और यह देखने योग्य होगा कि वे कैसे अपने अनुभव और ज्ञान का सदुपयोग करते हुए UPSC को नई राह पर ले जाती हैं।