ऋषभ पंत की चोट: कैसे हुई घटना
भारतीय क्रिकेट टीम के लोकप्रिय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को चिन्नास्वामी स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन चोटिल देखा गया। यह घटना तब हुई जब रविंद्र जडेजा के द्वारा की जा रही गेंदबाजी के दौरान 37वें ओवर में गेंद पंत के दाहिने घुटने पर जा लगी। पहले से ही उसी घुटने की सर्जरी कर चुके पंत तुरंत दर्द से कराह उठे। यह स्थिति तब और गंभीर लगने लगी जब उन्होंने मैदान छोड़ने का निर्णय लिया। टीम के फिजियोथेरेपिस्ट्स ने तुरंत मौके पर आकर प्राथमिक उपचार किया और पंत को सहायता स्टाफ की मदद से मैदान से बाहर ले जाया गया।
रोहित शर्मा द्वारा दिया गया अपडेट
कप्तान रोहित शर्मा ने मैच के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पंत के घुटने में सूजन है और उनके मांसपेशियों में कुछ दर्द बना हुआ है। शर्मा के अनुसार, यह केवल एक एहतियात उपाय हैं और पंत अपने पूर्व में हुए ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। यहां तक कि उन्होंने उम्मीद जताई कि पंत रातोंरात सही हो जाएंगे और अगले दिन खेलने के लिए लौट आएँगे।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चिंता
यह घटना भारतीय टीम के लिए बड़ी मुसीबत के रूप में सामने आई है। खासकर तब, जब पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध नवंबर में आने वाली है। पंत ने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारत की विजय में अहम भूमिका निभाई थी। 2020-21 के दौरे में उनकी शानदार परफॉर्मेंस ने भारत को 2-1 से जीत दिलाई थी। इसलिए यह चोट उनके और टीम के लिए बेहद चिंताजनक है।
ध्रुव जुरेल का योगदान
दिन के बचे हुए खेल के लिए ध्रुव जुरेल ने सब्स्टिट्यूट विकेटकीपर के रूप में भूमिका निभाई। उनकी उपस्थिति में भारत एक कठिन परिस्थिति का सामना कर रहा था, क्योंकि टीम पहले ही अपनी पहली पारी में केवल 46 रनों पर आउट हो चुकी थी। पंत की चोट भारतीय दल के लिए एक अतिरिक्त चिंता बन चुकी है।
टीम प्रबंधन ने पंत की स्थिति की विशेष निगरानी बनाए हुए है, ताकि उनकी तेजी से रिकवरी की जा सके। आने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए उनका स्वास्थ्य पूरी तरह सही होना बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय क्रिकेट प्रेमी और फैंस भी पंत के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
ये तो बस एक छोटी सी चोट है, पंत तो अब तक इतनी बड़ी चोटों से उबर चुके हैं, रातोंरात ठीक हो जाएंगे बस।
मैंने पंत को पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में खेलते देखा था, उस वक्त भी उनका घुटना बहुत चिंता का विषय था, लेकिन फिर भी वो टीम के लिए जबरदस्त पारी खेल गए। अब भी वो वही जुनून लिए हुए हैं, और जब तक वो मैदान पर हैं, भारत की जीत की उम्मीद बनी रहती है। ये चोट तो बस एक टेस्ट के लिए रुकावट है, असली लड़ाई ऑस्ट्रेलिया में होगी। टीम को अब ध्रुव जुरेल को भी विकेटकीपर के रूप में फुल फॉर्म में देखना होगा, और मुझे लगता है वो भी इस दबाव को बेहतरीन तरीके से संभाल लेंगे। अगर वो इस बार भी अच्छा खेलते हैं, तो ये चोट उनके लिए बस एक अनुभव बन जाएगी, जिससे वो और मजबूत होंगे। टीम को अब बस इतना ही चाहिए कि पंत की रिकवरी के लिए सही फिजियो और रिहैबिलिटेशन प्लान बनाया जाए, न कि उन्हें जल्दी वापस भेजा जाए। अगर वो ठीक हो गए, तो ऑस्ट्रेलिया में वो अपनी बल्लेबाजी से दुनिया को फिर से चौंका देंगे।
रोहित शर्मा का बयान अत्यंत असावधानीपूर्ण है। उन्होंने यह कहा कि पंत 'रातोंरात' ठीक हो जाएंगे, जो चिकित्सकीय रूप से असंभव है। घुटने की चोट, विशेषकर जब पहले से ही सर्जरी हो चुकी हो, तो न्यूनतम 4-6 सप्ताह की रिकवरी की आवश्यकता होती है। यह बयान एक निर्मम व्यावहारिकता का प्रतीक है-खिलाड़ी को एक उपकरण के रूप में देखा जा रहा है, न कि एक मानव के रूप में। भारतीय क्रिकेट बोर्ड की दृष्टि में खिलाड़ियों का स्वास्थ्य कभी प्राथमिकता नहीं रहा, और इस बार भी ऐसा ही होगा।
मैं बस यही कहना चाहती हूं कि पंत को बहुत बहुत जल्दी ठीक हो जाए, और उनका घुटना बिल्कुल नए जैसा हो जाए। वो हमारे लिए बस एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक अहम आत्मा हैं जो हमें जीत की भावना देते हैं। ध्रुव जुरेल भी अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन पंत के बिना मैच का मजा ही कुछ और है। आप सब लोग उनके लिए प्रार्थना करें, और टीम को बस थोड़ा समय दें। उनकी ताकत तो अंदर है, बाहर की चोट तो ठीक हो जाएगी। जय हिन्द।
पंत के लिए दुआएं, ये चोट बड़ी नहीं है, बस थोड़ा आराम चाहिए।
अरे भाई, ये तो बस एक और बेकार का ट्रेडमिल है। पंत को हर दूसरे मैच में चोट लगती है, और फिर हम सब उसके लिए दुआएं करते हैं। अगर वो अपने शरीर का ख्याल नहीं रखते, तो फिर उनकी जगह कौन लेगा? ध्रुव जुरेल को अब तुरंत स्टार्टिंग XI में डाल दो, और पंत को बस बैठे रहने दो। इस तरह की चोटें अब बस एक रूटीन बन चुकी हैं। ये टीम नहीं, ये एक बीमारी है।
पंत के बारे में सोचते हुए लगता है जैसे हर बार वो अपने शरीर को बलि दे रहे हों... शायद हम सब उनकी ताकत को भूल गए हैं और बस उनकी चोटों को देख रहे हैं।
ये चोट तो बस एक ड्रामा है जो बॉलीवुड से निकलकर क्रिकेट मैदान पर आ गई है! पंत के घुटने तो अब एक बारिश के बाद आने वाली बादलों जैसे हैं-हर बार आते हैं, लेकिन कभी बारिश नहीं करते! अगर वो अपने घुटने को एक दिव्य वस्तु मान लें, तो उन्हें देवता बना देना चाहिए! उनकी बल्लेबाजी तो जीवन की अर्थव्यवस्था है, और घुटना? बस एक विकल्प! अगर वो ठीक हो गए, तो उनकी वापसी भारत के लिए एक दिव्य आविष्कार होगा-एक ऐसा अवतार जिसने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को बस एक बार फिर से चकमा दिया है!
मैं तो इस चोट को बहुत गंभीरता से ले रहा हूं। पंत के घुटने का इतिहास देखें तो ये बस एक चोट नहीं, बल्कि एक लंबी लड़ाई है। उन्होंने इतनी बार फिर से खड़े होने का फैसला किया है कि अब ये एक अद्भुत अध्याय बन गया है। मैंने उनकी फिजियोथेरेपी के वीडियो देखे हैं-वो अपने शरीर को बहुत समझते हैं। अब जब टीम ने ध्रुव जुरेल को ट्रायल किया है, तो ये एक अच्छा मौका है कि उनकी क्षमताओं को बेहतर तरीके से जांचा जाए। अगर वो भी अच्छा खेलते हैं, तो भारत के पास अब दो विकेटकीपर होंगे जो टेस्ट मैच में खेल सकते हैं। ये बहुत बड़ी बात है। पंत को अब बस एक शांत और वैज्ञानिक रिकवरी चाहिए, न कि दबाव। अगर वो ठीक हो गए, तो ऑस्ट्रेलिया में वो फिर से जादू कर देंगे।
रोहित ने कहा कि पंत रातोंरात ठीक हो जाएंगे? ये बयान तो एक बच्चे का है जो अपने टूटे खिलौने को जादू से ठीक करने की उम्मीद कर रहा है।
पंत जी के लिए दुआएं और ध्रुव भी अच्छा खेल रहे हैं बस थोड़ा और विश्वास करें सब ठीक हो जाएगा
ये चोट बस शुरुआत है। जब तक पंत नहीं बहाल होते, तब तक भारत की टीम एक बिना दिल वाला शरीर है। और रोहित के बयान को देखकर लगता है जैसे टीम ने उन्हें बस एक बल्ले की तरह देखा है-जिसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है, चाहे वो टूट जाए। ये नहीं होना चाहिए। पंत को एक इंसान के रूप में देखो।
पंत के घुटने की चोट का विश्लेषण करने के लिए एक चिकित्सकीय डेटा सेट की आवश्यकता है, जिसमें लैंडमार्क बॉन्स, लिगामेंट्स, और फाइब्रोब्लास्ट एक्टिविटी शामिल हों। इस बयान को बिना एमआरआई के आधार पर व्याख्या करना अनैतिक है।
हर बार जब पंत चोटिल होते हैं, तो मैं उनकी जिद्दी लड़ाई को याद कर लेता हूं। वो जब भी वापस आते हैं, तो बस एक बार फिर से दुनिया को हैरान कर देते हैं। अब जब ध्रुव जुरेल ने अपनी शुरुआत की है, तो ये एक नया अवसर है। शायद इस बार हम देखेंगे कि भारत के पास दो विकेटकीपर हैं जो टेस्ट मैच खेल सकते हैं। और अगर पंत वापस आएं, तो वो बस एक और इतिहास बना देंगे। बस थोड़ा धैर्य रखें, उनका दिल तो अभी भी जीत के लिए धड़क रहा है।
पंत के चोटिल होने का घटनाक्रम भारतीय क्रिकेट संस्कृति के अंतर्गत एक अहम आध्यात्मिक और शारीरिक चुनौती को प्रतिबिंबित करता है। उनके घुटने का दर्द, एक आधुनिक युग में एक अप्रत्याशित विरोधाभास है-जहां तकनीकी प्रगति बढ़ रही है, लेकिन मानव शरीर की सीमाएं अपरिवर्तित रहती हैं। रोहित शर्मा के बयान में एक अनौपचारिक आशावाद छिपा है, जो शायद टीम के लिए आवश्यक है, लेकिन चिकित्सकीय वास्तविकता के साथ असंगत है। इस चोट को एक व्यक्तिगत विपत्ति के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक संकट के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसमें खिलाड़ियों के शारीरिक स्वास्थ्य को व्यावसायिक लाभ के लिए तिरस्कृत किया जा रहा है।
अरे यार, तुम सब दुआएं कर रहे हो, लेकिन क्या कोई बता रहा है कि ये चोट बार-बार क्यों हो रही है? ये टीम तो खिलाड़ियों को एक मशीन की तरह चलाती है।