भारतीय क्रिकेट के क्षेत्र में जब भी युवा प्रतिभाओं की बात होती है, तो मयंक यादव का नाम अब प्रमुखता से गूंजने लगा है। मयंक यादव, जो कि पहले से ही IPL में लखनऊ सुपर जाइंट्स के लिए खेल चुके हैं, ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का सपना पूरा किया जब भारत और बांग्लादेश के बीच ग्वालियर के क्रिकेट स्टेडियम में उनका डेब्यू हुआ।
मयंक यादव की धमाकेदार शुरुआत
पहला टी20 मैच और उसके छठे ओवर में, कप्तान सूर्यकुमार यादव ने जब गेंद मयंक यादव के हाथों में थमाई, तो सभी की आंखें उनकी ओर थीं। मयंक ने न केवल अपने करियर की शुरुआत की, बल्कि विश्व क्रिकेट में हलचल मचा दी। उनकी गेंदों में ऐसी स्पीड और सटीकता थी कि बांग्लादेशी बल्लेबाज़ समझ ही नहीं पाए कि कौन सा सामना कैसे करना है।
उनके पहले ओवर ने सभी को चौंका दिया। यह ओवर एक मेडन ओवर था और उनकी स्पीड 141.9 किमी/घंटा से शुरू होकर 147.6 किमी/घंटा तक पहुँच गई। इस ओवर की चमक महमूदुल्लाह के विकेट ने बढ़ा दी, जो कि 146 किमी/घंटा की गेंद पर वॉशिंगटन सुंदर के हाथों कैच आउट हो गए।
मयंक सिंह ने कैसे रचा इतिहास
मयंक ने अपनी पहली गेंद पर 141.9 किमी/घंटा की स्पीड दर्ज की। दूसरी गेंद जो 145.1 किमी/घंटा थी, उससे महमूदुल्लाह का महत्वपूर्ण विकेट निकाला। अगली गेंद 138.0 किमी/घंटा पर डाली गई। चौथी गेंद के साथ 147.3 किमी/घंटा का स्पीड गूंजा। पांचवीं बॉल 135.2 किमी/घंटा से फेंकी गई। और छठवीं गेंद पर उनकी स्पीड ने 147.6 किमी/घंटा छू ली।
इस परफॉर्मेंस को देखकर भारतीय अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सोशल मीडिया पर मयंक की सराहना की और उन्हें ‘मयंक मेडन यादव’ का उपनाम दिया। यह सम्मान उन्हें युवा भारतीय गेंदबाज़ों में अद्वितीय स्थान दिलाता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मयंक की शानदार शुरुआत
यह केवल शुरुआत है, लेकिन इस प्रदर्शन ने मयंक को भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार बताया। युवा और जुनूनी, मयंक में वह क्षमता है कि वे भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक उज्जवल अध्याय जोड़ सकते हैं। उनकी इस शानदार शुरुआत ने साबित कर दिया है कि भारत में तेज गेंदबाज़ी के लिए नए सितारे उभर रहे हैं।
इस प्रकार की शुरुआत से मयंक ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है और उम्मीद है कि वे ऐसे ही प्रदर्शन से अपने देश और खेल के प्रशंसकों को गर्व का अहसास कराते रहेंगे। उन्हें हमारी तरफ से शुभकामनाएँ और हम उनके उजल भविष्य की प्रार्थना करते हैं।