कोझीकोड में स्कूलों में छुट्टी, राहत शिविरों का संचालन

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कोझीकोड में स्कूलों में छुट्टी, राहत शिविरों का संचालन

कोझीकोड में भारी बारिश के चलते शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी

भारी बारिश के कारण कोझीकोड, कन्नूर, कासरगोड, मलप्पुरम, त्रिशूर, और एर्नाकुलम जिलों में जिला कलेक्टर्स ने सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए सोमवार, 15 जुलाई को छुट्टी घोषित की है। यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। शिक्षण संस्थान जैसे स्कूल, सीबीएसई, आईसीएसई, केंद्रीय विद्यालय, आंगनवाड़ी और मदरसे को बंद रखने का आदेश दिया गया है। हालांकि, कॉलेज इस आदेश से मुक्त रखे गए हैं और वहां पर कक्षाएं जारी रहेंगी।

इसके साथ ही जिला कलेक्टर्स ने विभिन्न संस्थानों के प्रमुखों से यह भी आग्रह किया है कि वे छात्रों के पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए उचित कदम उठाएं। सार्वजनिक परीक्षाएं और विश्वविद्यालय परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएंगी।

लाल और नारंगी अलर्ट की घोषणा

मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए, कन्नूर, कासरगोड, और मलप्पुरम को लाल अलर्ट घोषित किया गया है, जबकि कोझीकोड, त्रिशूर, और एर्नाकुलम को नारंगी अलर्ट पर रखा गया है। इसका मतलब है कि इन इलाकों में भारी से भी बहुत भारी बारिश होने की संभावना है और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

जिला प्रशासन ने निवासियों को सलाह दी है कि वे संभावित बाढ़ और प्रतिकूल मौसम स्थितियों से बचने के लिए सभी आवश्यक एहतियाती उपाय करें। लोगों को निचले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है और आवश्यकतानुसार राहत शिविरों में स्थानांतरित किया जा रहा है।

राहत कैंपों का संचालन

बाढ़ और अन्य आपदाओं के प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन ने राहत शिविर संचालित किए हैं। इन शिविरों में प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि खाने-पीने का प्रबंध, चिकित्सा सुविधा और आवास की व्यवस्था ठीक ढंग से की जाए।

इन शिविरों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही, स्थानीय निकाय और एनजीओ भी प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्य में सहायक हो रहे हैं।

अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता

भारी बारिश के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति में भी व्यवधान हो सकता है, इसलिए नागरिकों को अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रशासन ने आपात स्थिति में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। लोग किसी भी आपात स्थिति में इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।

सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें। साथ ही, अपने आसपास के पर्यावरण की स्थिति पर नजर रखें और सुरक्षित स्थान पर रहें।

इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रशासन और जनता के बीच सहयोग बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, इसलिए सभी से आग्रह है कि वे धैर्य रखें और एक दूसरे की मदद करने के लिए तत्पर रहें।

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