हवाई हमले की घटनाक्रम
२२ सितंबर 2025 को रात २ बजे, खैबर पख्तूनख़वा के तिराह घाटी के मत्रे दारा गांव में अचानक एक तेज़ आवाज़ और धमाके सुनाई दिए। रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान एयर फ़ोर्स ने जफ‑17 फाइटर जेट से आठ LS‑6 लेज़र‑गाइडेड बम गिराए। बमजहरी से घर‑जमीन ध्वस्त हो गए, रास्तों पर मृतकों के शरीर बिखर गये और बची हुई महिलाओं‑बच्चों की चीखें सुनाई दीं।
आक्रमण के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में कोई टेररिस्ट सुविधा नहीं, बल्कि आम परिवारों के घर थे। कुछ पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि यह बमों का स्वयं विस्फोट था, पर कई गवाहों ने स्पष्ट कहा कि आवाज़ हवा से आई और बमों कि गिरावट स्पष्ट थी।
सैन्य के अनुसार, यह हमला तिराह घाटी में टिहरैक-ए‑तालिबान पाकिस्तान (TTP) के द्वारा चलाए जा रहे बम बनाने की फैक्ट्री को नष्ट करने के उद्देश्य से किया गया था, पर इस दावे की कोई स्वतंत्र जाँच अभी तक नहीं हुई।

प्रतिक्रिया और आगे की स्थिति
घटना के बाद पाकिस्तान की федераली सरकार और वायु सेना ने पूरी तरह चुप्पी साध ली। राष्ट्रीय सभा के सांसद इकर आफरीदी ने सार्वजनिक तौर पर बताया कि जेटों ने हमला किया और मृतकों की संख्या 30‑से‑अधिक है।
इमरान खान के पार्टी पीटीआई के प्रांत शाखा ने सोशल मीडिया पर यह पोस्ट किया कि जेटों ने पांच मकानों को ध्वस्त कर 20 से अधिक लाशें निकालीं। मानवाधिकार आयोग ने इस भीषण हमले पर शॉक जताते हुए तत्काल, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने कहा, "राज्य संविधान के तहत सभी नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करने का दायित्व रखता है, जिसे वह बार‑बार उल्लंघन कर रहा है"।
- स्थानीय पाश्तून लीडर और जनसभा ने वायु बेस पेशावर के खिलाफ कड़े कदमों की घोषणा की।
- हजारों लोग तिराह घाटी में सड़कों पर उतर कर पुलिस और सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
- अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने इस घटना को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के संभावित उल्लंघन के रूप में उजागर किया और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने की पुकार की।
खैबर पख्तूनख़वा का यह इलाका पहले भी कई मिलिटेंट ऑपरेशनों का केंद्र रहा है, जहाँ अक्सर सैन्य कार्रवाई में अनजाने नागरिकों की हताहतें हुई हैं। इस बार भी सवाल यह उठ रहे हैं कि सुरक्षा अभियान में नागरिकों की सुरक्षा को कितना महत्व दिया जा रहा है और क्या इस तरह के हमले भारत‑पाकिस्तान सीमा पर तनाव को और बढ़ा सकते हैं।
जैसे ही स्थिति और बढ़ती दिखती है, सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह तुरंत एक सच्ची, पारदर्शी जांच शुरू करे, जिम्मेदारों को सज़ा दिलाए और भविष्य में ऐसे घातक प्रयोगों को रोके।