राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2014 के बाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ विपक्ष द्वारा गंवाए गए तीन महत्वपूर्ण अवसरों की पहचान की है, जिससे लोकसभा चुनावों के परिणाम पर काफी असर पड़ सकता था।
किशोर ने कहा कि सबसे पहला अवसर 2015 और 2016 में था, जब बीजेपी ने दिल्ली और बिहार सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हारे थे। यह अवसर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को फिर से गति पकड़ने का था। लेकिन विपक्ष इस मौके का फायदा नहीं उठा पाया।
दूसरा अवसर 2016 में नोटबंदी के बाद था, जब देश आर्थिक और ग्रामीण संकट का सामना कर रहा था। हालांकि बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव जीते, लेकिन राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा और वे हार गए। लेकिन विपक्ष इस मौके का भी फायदा नहीं उठा पाया।
तीसरा और आखिरी अवसर जून 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद था, खासकर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों के बाद। लेकिन एक बार फिर विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी को चुनौती देने में नाकाम रहा।
किशोर ने की बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी
प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से सत्ता में वापस आएगी। उन्होंने इसके पीछे विपक्ष की इन अवसरों को भुनाने और एक सुसंगत चुनौती पेश करने में विफलता को वजह बताया है।
नवंबर-दिसंबर 2023 में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत के अनुमानों के बावजूद, कांग्रेस वांछित परिणाम हासिल नहीं कर पाई, जिससे लोकसभा चुनावों से पहले उनकी स्थिति मजबूत हो सकती थी।
बीजेपी 400 सीटें जीतने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत है। इस बार उनका लक्ष्य 400 सीटें जीतने का है।
हालांकि, विपक्षी दलों का मानना है कि अगर वे एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ लड़ते हैं तो परिणाम कुछ और भी हो सकते हैं। लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत
प्रशांत किशोर के इस विश्लेषण से एक बात साफ है कि अगर विपक्ष को बीजेपी को सत्ता से बाहर करना है तो उन्हें एकजुट होकर काम करने की सख्त जरूरत है। उन्हें जनता के मुद्दों को उठाना होगा और एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में उभरना होगा।
लेकिन क्या विपक्ष ऐसा कर पाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल तो बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा है और प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी सही साबित होती दिख रही है। हालांकि, राजनीति में कब क्या हो जाए, कहना मुश्किल है।
निष्कर्ष
प्रशांत किशोर के इस विश्लेषण ने विपक्ष की कमजोरियों और चूकों को उजागर किया है। अगर विपक्ष 2024 के चुनावों में बीजेपी को टक्कर देना चाहता है तो उसे इन गलतियों से सीखना होगा और एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। वरना बीजेपी का विजयरथ कोई नहीं रोक पाएगा और वह एक बार फिर देश की सत्ता पर काबिज हो जाएगी।