प्रियंका गांधी वाड्रा: अभियानकर्ता से रणनीतिकार और अब उम्मीदवार

प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम भारतीय राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बन चुका है। कांग्रेस पार्टी के कई अभियानों और रणनीतिक अभियानों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अब प्रियंका का सीधे चुनावी राजनीति में आना भारतीय राजनीति के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है। वायनाड से लोक सभा उपचुनाव लड़ने का उनका निर्णय न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि देश की राजनीति में भी एक नया मोड़ लाने वाला हो सकता है।

शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन

प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और उन्होंने बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की है। शादी के बाद उन्हें दो बच्चे हैं। उनके पति रॉबर्ट वाड्रा एक व्यवसायी हैं।

राजनीति में सक्रियता

प्रियंका पहली बार 2004 के लोक सभा चुनावों में अपने भाई राहुल गांधी और माँ सोनिया गांधी के लिए प्रचार करते हुए राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हुईं। अमेठी और रायबरेली में उनके सक्रिय प्रयासों ने उन्हें कांग्रेस के अग्रणी प्रचारकों में से एक बना दिया। इसके बाद, 2007 के उत्तर प्रदेश चुनावों में उनका ध्यान विशेष रूप से स्थानीय नेताओं को समर्थन देने और पार्टी के अंदरूनी झगड़ों को सुलझाने पर केंद्रित रहा।

कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका

कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका

2019 में, प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद, उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई। लखीमपुर खीरी घटना के दौरान कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने घर में नजरबंदी के बावजूद प्रियंका ने पुलिस का सामना किया और इस घटना ने उन्हें और अधिक चर्चित बना दिया।

युवा और महिला सशक्तिकरण पर जोर

2022 के उत्तर प्रदेश चुनावों में कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व करते हुए, प्रियंका ने विशेष रूप से युवा और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। हालांकि कांग्रेस केवल दो सीटों पर ही जीत पाई, लेकिन प्रियंका ने जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने का आह्वान किया।

2024 के चुनाव और वायनाड से टिकट

2024 के चुनाव और वायनाड से टिकट

2024 के आम चुनावों में प्रियंका ने कांग्रेस के अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों का मुकाबला करने से लेकर पार्टी की रणनीतियों को सटीक तरीके से लागू करने तक, प्रियंका ने हर कदम पर मजबूती से कांग्रेस का समर्थन किया। उनके भाई राहुल गांधी द्वारा वायनाड सीट खाली करने के बाद, प्रियंका को वहां से उम्मीदवार बनाया गया, जो उनके चुनावी राजनीति में प्रवेश का संकेत है।

भावी चुनौतियाँ और संभावनाएँ

प्रियंका गांधी वाड्रा की चुनावी राजनीति में एंट्री कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद के तौर पर देखी जा रही है। वे अपने प्रचार कौशल और रणनीतिक क्षमता के लिए जानी जाती हैं। वायनाड से उपचुनाव लड़ने का उनका निर्णय खासतौर से पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए उत्साहवर्धक है। भारतीय राजनीति में उनका प्रभाव और उनके भविष्य की राजनीति अभी देखने वाली बात होगी।

टिप्पणि (8)

  1. avi Abutbul
    avi Abutbul

    प्रियंका ने जो किया है वो सिर्फ टिकट लेकर आना नहीं, बल्कि दिलों में आवाज बनना है। युवाओं को समझती हैं, महिलाओं को सशक्त करती हैं, और घर बैठे नहीं बैठतीं। ये नया युग है।

  2. Hardik Shah
    Hardik Shah

    अरे ये सब नाम का नाम है। गांधी परिवार का बैंक बंद हो गया तो अब ये लोग चुनाव लड़ रहे हैं। इतिहास नहीं, विरासत चल रही है।

  3. manisha karlupia
    manisha karlupia

    कभी कभी लगता है कि राजनीति में बुद्धि नहीं बल्कि भावना चलती है और प्रियंका वो भावना हैं जो लोगों को रुकने नहीं देती... शायद ये बदलाव का असली नाम है

  4. vikram singh
    vikram singh

    अरे भाई ये तो बस बॉलीवुड ड्रामा है जहां कोई एक्ट्रेस अचानक से नेता बन गई और अब उसकी बातों को राष्ट्रीय अहमियत दे दी गई। बिना चुनावी अनुभव के, बिना जमीनी राजनीति के, बस एक फैमिली नेम और टीवी कैमरे की चमक से लोगों को भावुक कर दिया जा रहा है। ये नया राजनीति नहीं, ये नया सिनेमा है।

  5. balamurugan kcetmca
    balamurugan kcetmca

    देखो अगर हम सिर्फ गांधी परिवार के नाम पर इसे खारिज कर दें तो हम एक ऐसी नेता को नजरअंदाज कर रहे हैं जिसने लाखों युवाओं को अपने आसपास ले आया है, जिसने उत्तर प्रदेश के गांवों में जाकर बच्चों के साथ बात की है, जिसने लखीमपुर जैसी गंभीर घटना के बाद भी जमीन पर उतरकर लोगों के दर्द को सुना है। ये सिर्फ नाम का खेल नहीं है, ये एक बदलाव की आवाज है जो आज के युवाओं के दिल में बज रही है। और अगर कांग्रेस इसे समझ ले तो ये उनके लिए एक नया जीवन हो सकता है।

  6. Arpit Jain
    Arpit Jain

    चुनाव लड़ने का मतलब है जीतना नहीं बल्कि दिखाना कि तुम अभी भी जिंदा हो। और प्रियंका ने ये दिखा दिया। अब बस देखना है कि क्या वो वायनाड में जीत पाती है या फिर ये भी एक नाटक बन जाएगा।

  7. Karan Raval
    Karan Raval

    मैं तो सोचती हूँ अगर ये एक आम लड़की होती जिसने अपनी मेहनत से ये सब किया होता तो लोग इतना बड़ा धमाल क्यों मचाते नहीं ये सब तो बस एक औरत है जो अपने देश के लिए कुछ करना चाहती है और उसे बाधाएं आ रही हैं तो उसका साथ देना चाहिए

  8. divya m.s
    divya m.s

    ये सब नाटक है जिसमें एक औरत को बलात्कार की तरह नेता बनाया जा रहा है। जब तक ये लोग अपनी फैमिली के नाम से चलेंगे तब तक ये राजनीति नहीं बल्कि एक रियलिटी शो होगी।

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