PSG ने इंटर मिलान को 5-0 से हराकर पहली बार UEFA चैंपियंस लीग खिताब जीता

PSG की ऐतिहासिक जीत: चैंपियंस लीग का पहला खिताब

फुटबॉल की दुनिया में पेरिस सेंट-जर्मेन (PSG) के नाम एक नया अध्याय जुड़ गया है। फ्रांस के इस क्लब ने अपनी पहली UEFA चैंपियंस लीग ट्रॉफी जीतकर इतिहास बना दिया। म्यूनिख के एलियंज एरिना में हुए फाइनल में PSG ने इंटर मिलान को 5-0 जैसे बड़े अंतर से रौंदा। इस तरह लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे PSG ने फैंस को जबरदस्त जश्न मनाने का मौका दिया।

लुईस एनरिक के नेतृत्व में PSG की शुरुआत लीग फेज में ज्यादा दमदार नहीं रही थी। चार मुकाबलों की बिना जीत वाली सीरीज के बाद सवाल उठे थे, लेकिन टीम ने सही समय पर वापसी की। सबसे पहले प्लेऑफ के लिए साल्जबर्ग, मैनचेस्टर सिटी, और स्टटगार्ट जैसी मजबूत टीमों को बाहर कर अपनी जगह बनाई। यहाँ से टीम का आत्मविश्वास तेजी से बढ़ गया।

गोलकीपर जियानलुइगी डोनारुम्मा टीम के लिए मसीहा बनकर उभरे। खास तौर पर नॉकआउट राउंड में – लिवरपूल और एस्टन विला के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में उन्होंने शानदार बचाव किए। फ़ॉरवर्ड्स किंग्सले कोमान और उस्मान डेम्बेले ने गोल करके टीम को अगला स्तर दिखाया। PSG की आक्रमण पंक्ति इतनी खतरनाक नजर आई कि विपक्षी डिफेंस बार-बार टूटता गया।

फ्रेंच फुटबॉल की नयी पहचान और क्लब के लिए गोल्डन सीजन

जिस इंटर मिलान ने टूर्नामेंट भर अपने डिफेंस को मजबूत रखा, उसी टीम को PSG ने एकतरफा तरीके से पटखनी दी। पांच गोल का यह अंतर चैंपियंस लीग फाइनल के इतिहास में नायाब है। इससे पहले फ्रांस से सिर्फ मार्सेय (1993) ही चैंपियंस लीग जीत सका था, लेकिन PSG की यह जीत न सिर्फ पेरिस, बल्कि पूरे फ्रांस के फुटबॉल अस्मिता के लिए बड़ा संदेश है।

PSG के इस सीजन को अब तक का सबसे सफल सीजन माना जा सकता है। यूरोपियन खिताब के साथ टीम ने लीग 1 और फ्रेंच कप भी अपने नाम किए। लगातार चुनौतियों और आलोचनाओं के बाद यह सफर आसान नहीं था।

  • लुईस एनरिक की रणनीति ने कई बार मैच पलटे।
  • डेम्बेले, कोमान और अन्य फॉरवर्ड्स की आक्रामकता ने डिफेंस को बार-बार चौंकाया।
  • डोनारुम्मा का गोल पोस्ट पर दमदार प्रदर्शन यादगार साबित हुआ।
  • PSG ने जीत के साथ 2025 क्लब वर्ल्ड कप और सुपर कप में भी क्वालिफाई कर लिया।

इस बेहतरीन उपलब्धि के बाद अब PSG का नाम यूरोप के टॉप क्लब्स में शामिल हो गया है। फ्रेंच क्लब की यह ऐतिहासिक चैंपियंस लीग जीत लंबे समय तक याद की जाएगी।

टिप्पणि (11)

  1. Uday Rau
    Uday Rau

    ये जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, फ्रांस के फुटबॉल के अहंकार को बदल देने वाली घटना है। PSG ने दुनिया को दिखाया कि पैसा नहीं, टीमवर्क और विश्वास से बड़ी चीजें होती हैं। कोमान का गोल, डेम्बेले का ड्रिबल, डोनारुम्मा का शूटआउट - सब कुछ एक कविता की तरह था। अब यूरोप के सबसे बड़े क्लब्स भी इनकी ओर देखेंगे।

  2. sonu verma
    sonu verma

    इतना बड़ा जश्न मनाने के बाद भी लगता है कि ये जीत बस शुरुआत है... मैं तो अभी तक उस फाइनल के दृश्यों से बाहर नहीं निकल पाया। एक बार जब इंटर मिलान के खिलाफ 5-0 हुआ तो मैंने अपने घर के दरवाजे पर फ्लैग लगा दिया 😅

  3. Siddharth Varma
    Siddharth Varma

    मैनचेस्टर सिटी को बाहर कर दिया और फिर लिवरपूल के खिलाफ पेनल्टी में डोनारुम्मा ने जो किया... वो तो बस फिल्मी सीन लग रहा था। अब लुईस एनरिक को फ्रांस का बास बनाना चाहिए। बस एक बात सोच रहा हूँ - अब कौन बनेगा इसका नेक्स्ट ऑपोनेंट?

  4. chayan segupta
    chayan segupta

    ये जीत बस फुटबॉल नहीं, एक जीवन शिक्षा है! जब तुम लगातार बुरी बातें सुन रहे हो, तो बस अपने काम पर ध्यान दो - और जब समय आएगा, तो दुनिया तुम्हें याद करेगी। PSG ने ये सब कुछ एक फाइनल में साबित कर दिया। जय हिंद, जय PSG!

  5. King Singh
    King Singh

    फाइनल का स्कोर 5-0 था, लेकिन असली जीत ये थी कि PSG ने अपनी आत्मा को ढूंढ लिया। टीम के सभी खिलाड़ियों ने अपनी भूमिका निभाई। डोनारुम्मा का अंतिम बचाव, कोमान का गोल - सब कुछ बेहतरीन था।

  6. Dev pitta
    Dev pitta

    मैं तो बस यही सोच रहा हूँ कि अगर हमारे देश में भी ऐसी टीम होती तो क्या होता? PSG ने साबित कर दिया कि अगर लगन हो तो कुछ भी संभव है। बस एक बार फिर से फुटबॉल के बारे में बात करने का मन कर रहा है।

  7. praful akbari
    praful akbari

    इतिहास बन गया। लेकिन क्या ये जीत स्थायी होगी? या फिर अगले साल फिर से बाहर हो जाएंगे? एक जीत नहीं, एक संस्कृति बनानी होगी।

  8. kannagi kalai
    kannagi kalai

    अच्छा लगा, लेकिन अब बस एक बार फिर से एक गोल करके दिखाओ। बाकी सब तो बस टीवी पर देखने के लिए बहुत ज्यादा है।

  9. Roy Roper
    Roy Roper

    5-0 था तो भी बहुत ज्यादा नहीं था। इंटर के डिफेंस तो बच्चों जैसे थे। डोनारुम्मा का एक बचाव भी नहीं था। ये जीत तो बस आंकड़ों का झूठ है

  10. Sandesh Gawade
    Sandesh Gawade

    हर कोई बोल रहा था PSG नहीं बन पाएगा। लेकिन जब तुम अपने दिल की आवाज़ सुनो, तो दुनिया तुम्हें याद करती है। ये जीत किसी के पैसे की नहीं, टीम की मेहनत की है। अब देखो, कौन कहता है फ्रांस नहीं बन सकता?

  11. MANOJ PAWAR
    MANOJ PAWAR

    इस जीत के बाद जब मैंने अपने बच्चे को फुटबॉल की गेंद दी, तो उसने कहा - पापा, अब मैं PSG का खिलाड़ी बनूंगा। ये जीत बस एक ट्रॉफी नहीं, एक सपना है।

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