अगर आप भारतीय उद्योग के बड़े चेहरों को फॉलो करते हैं तो अनिल अंबानी का नाम सुनते ही दिमाग़ में कई बातें आती हैं – रियल एस्टेट, टेलीकॉम, और कभी‑कभी विवाद। यहाँ हम उनके हालिया कदम, वित्तीय स्थिति और मीडिया में दिखने वाली खबरों को आसान भाषा में समझाते हैं, ताकि आप जल्दी से अपडेट रह सकें.
पिछले कुछ महीनों में अनिल अंबानी ने अपने समूह के विभिन्न व्यवसायों में कई बदलाव किए। सबसे बड़ी बात तो उनका रिलायंस एरियास का विस्तार है – नई इमारतें, शॉपिंग मॉल और सिटी सेंटर बन रहे हैं, जिससे किराए की आय बढ़ेगी. साथ ही, वे टेलीकॉम सेक्टर में नई‑नई साझेदारी कर रहे हैं, जैसे छोटे स्टार्ट‑अप्स के साथ 5G नेटवर्क पर काम करना। ये कदम उनके कंपनी को डिजिटल युग में आगे ले जाने का इरादा दिखाते हैं.
फायनेंशियल रिपोर्टों में देखा गया कि अनिल अंबानी की कंपनियों के कर्ज़ में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन अभी भी बहुत बड़ी रक्म बकाया है. इस साल उन्होंने कुछ गैर‑मुख्य एसेट बेचकर लिक्विडिटी बढ़ाने की कोशिश की। साथ ही, शेयर मार्केट में उनके समूह के स्टॉक्स का प्रदर्शन थोड़ा उछाल दिखा रहा है, खासकर जब नई प्रोजेक्ट्स की घोषणा हुई होती है.
कभी‑कभी कानूनी मुद्दे भी सामने आते हैं – जैसे भूमि विवाद या बैंकों के साथ दायित्वों पर बहस. लेकिन इन सबको हल करने के लिए समूह ने मुकदमों को बाहर से सॉल्व कर लिया या फिर रचनात्मक समाधान निकाला। यह दिखाता है कि बड़े उद्योगपति अपने व्यवसाय को टिकाए रखने के लिये कैसे रणनीति बनाते हैं.
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के पूर्व अध्यक्ष अनिल अंबानी और 24 अन्य इकाइयों को 5 वर्षों के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। इस कार्रवाई का कारण RHFL से संबंधित धनराशि के गैरकानूनी स्थानांतरण में इनकी संलिप्तता है।