Nifty सूचकांक में भारी गिरावट देखने को मिली, जो उसके 30-दिन के मूविंग औसत (30-DMA) से नीचे फिसल गया। इस गिरावट का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक भावनाएं थीं, खासकर अमेरिका के निराशाजनक आर्थिक डेटा के कारण। सभी 16 सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट आई, जिसमें Nifty Realty और Nifty Metal सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए।