जब आप अमेरिका में पढ़ाई की सोचते हैं तो सबसे पहला सवाल F-1 वीज़ा, अमेरिकन विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दिया जाने वाला प्रमुख छात्र वीज़ा. Also known as Student Visa, it opens the door to full‑time education, campus jobs, and post‑graduation work options. यही कारण है कि इस पेज पर हम F-1 वीज़ा से जुड़ी सभी मुख्य चीज़ों को समझते हैं।
F-1 वीज़ा नहीं मिल सकता जब तक आप एक वैध I-20 फॉर्म, आपके चुने हुए स्कूल द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र जो आपके कोर्स, फीस और वित्तीय स्थिति दिखाता है नहीं दिखाते। I-20 फॉर्म SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) में दर्ज होता है, इसलिए SEVIS, अमेरिकी इमिग्रेशन द्वारा चलाया जाने वाला ऑनलाइन डेटाबेस F-1 प्रक्रिया का डिजिटल बुनियाद बनाता है। इन दो घटकों के बिना वीज़ा इंटरव्यू में आप असफल हो सकते हैं।
सबसे पहले, आप जिस विश्वविद्यालय या कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं, उसकी admission acceptance ले लेते हैं। फिर स्कूल आपके लिए I-20 जारी करता है, और आप SEVIS फीस (रु 350) ऑनलाइन भरते हैं। इस समय आपका DS-160 फॉर्म, वीज़ा आवेदन के लिए ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म भरना शुरू होता है। DS-160 में आप अपनी पढ़ाई, वित्तीय स्रोत और यात्रा की योजना का पूरा रिकॉर्ड देते हैं। फ़ॉर्म जमा करने के बाद, वीज़ा एपॉईंटमेंट बुक करें, इंटरव्यू की तैयारी करें और सभी जरूरी दस्तावेज़ (पैसपोर्ट, I-20, SEVIS रसीद, वित्तीय प्रमाण, एचएसएलसी वर्नन रेसिडेंस) एकत्रित रखें।
इंटरव्यू के दौरान कंसुलर ऑफिसर पूछता है कि आपका लक्ष्य क्या है, क्या आप केवल पढ़ाई के लिये अमेरिका जा रहे हैं, और क्या आप वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर हैं। एक स्पष्ट, संक्षिप्त और ईमानदार जवाब अक्सर वीज़ा स्वीकृति की कुंजी बनता है। अगर आपका इंटरव्यू सफल हो जाता है, तो आपको F-1 वीज़ा स्टिकर वाले पासपोर्ट मिलते हैं, और आप 30‑दिन पहले ही यूएसए में प्रवेश कर सकते हैं।
F-1 वीज़ा की एक बड़ी ख़ासियत है OPT (Optional Practical Training), अंतिम सत्र के बाद 12 महीने तक (STEM छात्रों के लिए 24 महीने) काम करने की अनुमति। इससे आप अपनी पढ़ाई में सीखे हुए कौशल को वास्तविक दुनिया में लागू कर सकते हैं और अमेरिकी रोजगार बाजार का अनुभव हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा, F-1 वीज़ा स्टूडेंट्स को कैंपस पर सीमित घंटे (आमतौर पर 20 घंटे प्रति सप्ताह) काम करने की अनुमति भी देती है, जिससे जीवन व्यय घटित होते हैं।
समय‑समय पर इमिग्रेशन नियम बदलते रहते हैं, इसलिए हमेशा आधिकारिक US State Department या अपने स्कूल की अंतरराष्ट्रीय छात्र सेवा (International Student Office) से नवीनतम अपडेट चेक करें। नई नीति जैसे “New SEVIS Fee” या “COVID‑19 Travel Restrictions” सीधे आपके वीज़ा प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, समाचारों को नियमित रूप से पढ़ना और सही जानकारी पर भरोसा करना जरूरी है।
अब आप जानते हैं कि F-1 वीज़ा, I-20, SEVIS, DS-160 और OPT कैसे आपस में जुड़ते हैं, और किन कदमों से आप इस वीज़ा को सफलतापूर्वक हासिल कर सकते हैं। नीचे की सूची में हम उन सभी लेखों, टिप्स और अपडेट्स को जमा कर रहे हैं जो आपको आवेदन से लेकर डिग्री पूरी होने तक का सफ़र आसान बनाते हैं। अब आगे बढ़ें और देखें कौन‑से पोस्ट आपके सवालों का जवाब दे सकते हैं।
2025 के F-1 वीज़ा के लिए भारतीय छात्रों को दो साल का खर्च, न्यूनतम USD 10,000 बैलेंस और सही दस्तावेज़ीकरण दिखाना अनिवार्य है। प्रमुख कंसल्टेंट्स की सलाह और लागत का विस्तार।