जब कबड्डी मैच, ऐसा खेल जहाँ दो टीमें एक‑दूसरे के आधे में रैसल कर रैडिकल पॉइंट्स जुटाती हैं। इस खेल को कभी‑कभी kabaddi game भी कहा जाता है, लेकिन इसका अपना बहुत खास भारतीय रंग है। कबड्डी मैच में सात खिलाड़ी हर आधे में खड़े होते हैं, एक‑एक को ‘रैडर’ बनाकर छक्का (सेकट) या टैग‑आउट का प्रयास करना पड़ता है। यही मूल नियम है, पर इसके कई टैक्टिकल लेयर हैं जो हर मैच को अनोखा बनाते हैं।
भारत की सबसे बड़ी पेशेवर लीग, प्रो कबड्डी लीग, PKL के नाम से भी जानी जाती है, हर सीजन में नई टीम, नई कोचिंग और नया पॉइंट सिस्टम लाती है। PKL में प्रत्येक टीम को दो मुख्य अम्प्लिट्युड (बैक‑ऑफ़) और दो रैडर (आक्रामक) खिलाड़ी चुनने होते हैं, जिससे वह रैडर को सही टाइमिंग पर भेज सके। यहाँ ‘रैडर फ्री ज़ोन’ और ‘ट्रैप रिलीज़’ जैसे नियम टीम की रणनीति को सीधे प्रभावित करते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर एक टीम तेज़ रैडर रखती है तो वह अक्सर ‘सिंगल‑रैड’ ऑप्शन चुनती है, जबकि सच्ची रक्षा वाली टीम ‘डिफेंसिव‑जावा’ पर ज़्यादा भरोसा करती है। इन सब से साफ़ दिखता है कि कबड्डी मैच कबड्डी मैच के नियमों को टीम‑विशिष्ट टैक्टिक से जोड़ता है, यानी कबड्डी मैच समावेश रणनीतिक टैक्टिक।
अब बात करते हैं उन प्रमुख सब‑एंटिटीज़ की जो हर कबड्डी मैच में रोज़ दिखती हैं। पहला है रैडर, वह खिलाड़ी जो झूँका (रैड) देकर विरोधी भाग के अंदर जाकर टैग‑आउट या पॉइंट बनाता है। दूसरा है टैग‑आउट, डिफेंडर द्वारा रैडर को फसाने का तरीका, जो सीधे स्कोरिंग पर असर डालता है। तीसरा है पॉइंट सिस्टम, आक्रमण और रक्षा दोनों से मिलने वाले अंक, जिसमें रैडर की सफल रैड और डिफेंडर की कुशल फ़ॉलो‑अप दोनों शामिल हैं। इन तीनों एंटिटीज़ के बीच का संबंध एक साधारण त्रिपुट बनाता है: रैडर → पॉइंट सिस्टम → टैग‑आउट। इसका मतलब है कि रैडर की हर चाल सीधे पॉइंट सिस्टम में परिलक्षित होती है, जबकि टैग‑आउट उसकी संभावनाओं को सीमित करता है। यह त्रिपुट हर कबड्डी मैच के परिणाम को निर्धारित करता है और खेल की जटिलता को बढ़ाता है।
आगे देखते हुए, कबड्डी मैचों में अक्सर नई तकनीकें और फॉर्मैट्स देखे जाते हैं, जैसे ‘सुपर‑टैग‑ऑफ़’ या ‘टाइम‑अधारित रेगुलेशन’। इस सबका असर दर्शकों के उत्साह और खिलाड़ियों की तैयारी पर पड़ता है। अगर आप अभी‑अभी इस टैग पेज पर आए हैं, तो नीचे दी गई सूची में आपको आज‑कल की सबसे चर्चित कबड्डी मैच रिपोर्ट, टीम रैंकिंग, और PKL के सीजन‑इंटेग्रेशन मिलेंगे। इन लेखों को पढ़कर आप अपने पसंदीदा टीम की ताकत‑कमजोरी समझ पाएँगे और अगली बार कबड्डी अरेना में क्या देखना है, उसका अंदाज़ा लगा पाएँगे।
कोंडागांव के रावासवही गाँव में कबड्डी मैच के दौरान एक त्वरित बवंडर ने 11 किलोवोल्ट लाइन को टेंट की धातु के स्तम्भ से छुआ, जिससे तीन लोगों की मौत और तीन को गंभीर जलन लगी। मृतकों में खिलाड़ी‑स्पेक्टर भी शामिल है। स्थानीय लोग तुरंत पीड़ितों को अस्पताल ले गए, दो गंभीर मामलों को उच्च स्तर के मेडिकल केन्द्र में भेजा गया। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है, सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए गए हैं।