जब आप शेयर बाजार की बात सुनते हैं तो अक्सर "SEBI" का नाम सुनाई देता है। यह भारत का सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड है, जिसका काम निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाना और बाज़ार को साफ‑सुथरा रखना है। अगर आप स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं, तो SEBI की नज़र आपके साथ रहती है।
पहला काम – नियम बनाना। SEBI विभिन्न बाजारों (इक्विटी, डेरिवेटिव, बॉन्ड) के लिए गाइडलाइन तय करता है ताकि सबको बराबर मौका मिले। दूसरा काम – निगरानी करना। अगर कोई कंपनी गलत जानकारी देती है या अंदरूनी जानकारी का दुरुपयोग करती है, तो SEBI तुरंत जांच शुरू कर देता है। तीसरा काम – निवेशकों की मदद। शिकायत पोर्टल, हेल्पलाइन और शिक्षा कार्यक्रमों के जरिए आप अपने अधिकार समझ सकते हैं।
पिछले हफ्ते SEBI ने छोटे‑स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों के लिए नई खुलासे नियम जारी किए। अब हर कंपनी को अपने वित्तीय डेटा को हर तीन महीने में अपडेट करना पड़ेगा, जिससे निवेशकों को सही जानकारी मिल सके। साथ ही, SEBI ने कुछ ब्रोकरों पर सख़्त जुर्माना लगाया क्योंकि उन्होंने क्लाइंट की मंजूरी के बिना बड़े ट्रेडिंग लॉट्स किए थे। यह कदम मार्केट की भरोसेमंदिता बढ़ाने के लिए है।
अगर आप नया निवेशक हैं, तो SEBI के "इनोवेस्टर प्रोटेक्शन फ़्रेमवर्क" को देखना फायदेमंद रहेगा। इसमें बताया गया है कि कैसे अपने ब्रोकरेज अकाउंट को सुरक्षित रखें और कब शिकायत दर्ज करें। उदाहरण के लिए, अगर आपका दलाल बिना आपके लिखित सहमति के आपके पोर्टफ़ोलियो में बदलाव करता है, तो आप तुरंत SEBI की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं।
SEBI ने हाल ही में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए नई दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। अब फिनटेक कंपनियों को अपने एपीआई (API) को सुरक्षित बनाना पड़ेगा और ग्राहक डेटा का एन्क्रिप्शन ज़रूरी होगा। यह कदम ऑनलाइन ट्रेडिंग को अधिक विश्वसनीय बनाने की दिशा में है, खासकर जब मोबाइल एप्लिकेशन से लेन‑देण बढ़ रहा है।
आपके लिए एक आसान टिप: हर महीने SEBI के आधिकारिक न्यूज़लेटर को पढ़ें या उनके सोशल मीडिया चैनल फॉलो करें। इस तरह आपको नियम बदलने की खबर तुरंत मिलती रहेगी और आप अनावश्यक जोखिम से बचेंगे। अक्सर लोग बिना जानकारी के हाई‑रिस्क स्टॉक्स में निवेश कर देते हैं, जिससे नुकसान हो सकता है।
SEBI का एक महत्वपूर्ण प्रोग्राम "इंटरैक्टिव इकोनॉमी वर्कशॉप" भी चलता रहता है। ये कार्यशालाएँ कॉलेजों और नजदीकी शैक्षिक संस्थानों में आयोजित की जाती हैं, जहाँ आप सीधे विशेषज्ञों से सवाल पूछ सकते हैं। अगर आपके आसपास ऐसी कोई सत्र हो तो भाग लेना फायदेमंद रहेगा।
अंत में याद रखें: SEBI का लक्ष्य सिर्फ नियम बनाना नहीं, बल्कि निवेशकों को शिक्षित करना और बाजार को पारदर्शी रखना है। इसलिए जब भी आप शेयर या बॉन्ड खरीदें, पहले आधिकारिक साइट पर मौजूदा दिशानिर्देश देखें। इससे आपका पैसा सुरक्षित रहेगा और आप एक समझदार निवेशक बनेंगे।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के पूर्व अध्यक्ष अनिल अंबानी और 24 अन्य इकाइयों को 5 वर्षों के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। इस कार्रवाई का कारण RHFL से संबंधित धनराशि के गैरकानूनी स्थानांतरण में इनकी संलिप्तता है।
SEBI की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों पर विस्तृत उत्तर दिया है। बुच और उनके पति पर विदेशी फंड में छुपे हुए हिस्सेदारी के आरोप लगाए गए थे। बुच ने इन आरोपों को 'निराधार' और 'सत्य से परे' बताया।