अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 10वें वर्ष की थीम 'स्वयं और समाज के लिए योग'
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का 10वां वर्ष इस बार 'स्वयं और समाज के लिए योग' थीम के साथ मनाया जाएगा। यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन को संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर 2014 को प्रस्ताव संख्या 69/131 के तहत मनाना शुरू किया था। हर साल 21 जून को इस दिन का आयोजन होता है, जिसमें पूरी दुनिया के लोग भाग लेते हैं।
योग का महत्व और उसकी उत्पत्ति
योग की उत्पत्ति भारत में हुई थी और यह एक प्राचीन विद्या है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। योग की प्राचीन विद्या हमें हमें शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने और मानसिक शांति को प्राप्त करने की विधि सिखाती है। यह शारीरिक लचीलेपन, ताकत और संतुलन को बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ ही तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में भी योग का महत्वपूर्ण योगदान है।
योग का अभ्यास करने से न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि समग्र समाज में एक स्वस्थ और मजबूत माहौल का निर्माण होता है। यह व्यक्ति को आत्म-जागरूकता, सचेतनता और आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।
योग और समाज
समाज के लिए योग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है। योग समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है। यह हमें करुणा, अहिंसा और सभी जीवों के लिए सम्मान के सिद्धांतों का पालन सिखाता है। योग के माध्यम से समाज में नैतिक आचरण और सामाजिक सामंजस्य को प्रेरित किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को स्थापित करने का प्रस्ताव भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिया था। उन्होंने योग की समग्रता और स्वास्थ्य के समग्र दृष्टिकोण को महत्व दिया। उन्होंने यह बताया कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के साथ साथ जीवन की संपूर्णता को भी प्रभावित करता है।
योग का व्यापक प्रभाव
शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से योग लचीलापन, ताकत और संतुलन को बढ़ाता है। यह हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और अच्छा आसन और शरीर का संतुलन सुनिश्चित करता है। मानसिक रूप से योग तनाव कम करने और मानसिक स्पष्टता प्राप्त करने में मदद करता है।
भावनात्मक रूप से, योग आत्म-जागरूकता और आत्म-स्वीकृति को बढ़ावा देता है, जो शांति और संतोष की भावना लाता है। योग के नियमित अभ्यास से मानसिक संतुलन और मानसिक शांति हासिल होती है।
समग्र तौर पर, योग व्यक्ति और समाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण योगदान करता है। इसके माध्यम से हम एक संतुलित और सामंजस्यपूर्ण जीवन जी सकते हैं, जिसमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का समावेश होता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हमें यह याद दिलाता है कि योग हमारी प्राचीन धरोहर का एक अनमोल हिस्सा है, जिसे हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।