दिल्ली और एनसीआर में जुलाई 31 की शाम अचानक हुई भारी बारिश ने पूरे शहर में अफरा-तफरी मचा दी। कई क्षेत्रों में जलभराव के कारण यातायात अव्यवस्थित हो गया और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग (IMD) ने इस स्थिति को देखते हुए रेड अलर्ट जारी कर दिया है, जो आमतौर पर तत्काल कार्रवाई और सतर्कता की मांग करता है।
भारी बारिश का प्रभाव
इस भारी बारिश के बीच दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में जलभराव हुआ, जिसमें लुटियंस दिल्ली, कश्मीरी गेट, और राजिंदर नगर प्रमुख स्थान शामिल हैं। खासकर दक्षिण दिल्ली के कुतुब मीनार क्षेत्र में वाहन पानी में तैरते नजर आए और यातायात पुलिसकर्मी वाहनों की आवाजाही को संभालने में जुटे रहे। IMD ने लोगों को घर के अंदर रहने, खिड़कियां और दरवाजे बंद करने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
अत्यधिक वर्षा की चेतावनी
IMD के अनुसार, प्रगति मैदान में स्थित ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) ने एक घंटे में 112.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की। IMD द्वारा परिभाषित किया गया 'क्लाउड बर्स्ट' एक घंटे के भीतर 100 मिमी या उससे अधिक बारिश को कहा जाता है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी स्थिति पहले भी दिल्ली में देखी गई है, जिससे विभिन्न इलाकों में जानमाल का नुकसान भी हुआ है। हालांकि, इस मामले में अभी कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
अधिकारिक तैयारियां और प्रतिक्रिया
दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में अधिकारियों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। उनका कहना है कि आम जनता की समस्याओं को न्यूनतम करने के साथ-साथ जलभराव संभावित स्थलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यहां तक कि कोचिंग सेंटरों के पास के क्षेत्रों को जल्दी से जल्दी साफ करने का निर्देश दिया गया है, ताकि विद्यार्थी सुरक्षित रह सकें।
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अगले दो घंटों के दौरान दिल्ली में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। साथ ही कुछ क्षेत्रों में गरज के साथ बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना भी जताई गई है। ऐसे में लोगों को सुरक्षित आश्रय लेने और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचने की सलाह दी जा रही है।
कु-प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
जुलाई 31 को दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में फिर से बाढ़ जैसी स्थिति हो गई, जहां पिछले हफ्ते एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इस इलाके में स्थित कोचिंग सेंटरों की दीवारों पर पोस्टर और बैनर लहराते हुए छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ जोर-शोर से प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि प्रशासन और MCD ने नालों की सफाई के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया, जिससे जानलेवा स्थिति बनी रहती है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और आरोप-प्रत्यारोप
मुंसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ़ दिल्ली (MCD) को इस घटना के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ा है। इस स्थिति ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति भी पैदा कर दी है। बीजेपी और AAP के नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं, जबकि जनता असल में सरकारी कार्रवाई की उम्मीद कर रही है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने स्पष्ट मांग रखी है कि कोचिंग सेंटरों में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाए और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
भविष्य की तैयारियां और सलाह
IMD ने दिल्ली में 5 अगस्त तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है। ऐसे में प्रशासन और जनता को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। लोगों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मौसम संबंधित अपडेट्स पर नजर रखने के लिए कहा जा रहा है।
संक्षेप में, राजधानी दिल्ली और एनसीआर में अचानक हुई इस भारी बारिश ने न केवल जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, बल्कि प्रशासनिक तैयारियों की पोल भी खोल दी है। छात्रों का प्रदर्शन और जलभराव के दृश्य यह संकेत देते हैं कि शहर को इन चुनौतियों से निपटने के लिए कहीं अधिक ठोस योजना और क्रियान्वयन की जरूरत है।
इस बारिश से पहले भी नालों की सफाई नहीं हुई थी, और अब फिर से बच्चे मर रहे हैं। ये सिर्फ बारिश नहीं, ये नजरअंदाजी है।
मुझे लगता है कि इस तरह की बारिश के बाद जो भी लोग बाहर निकल रहे हैं, उन्हें अपनी सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है, इसका मतलब है कि ये खतरनाक है। घर में रहें, बिजली के उपकरणों को बंद कर दें, और अगर आपके पास बच्चे या बुजुर्ग हैं तो उन्हें ऊपरी मंजिल पर ले जाएं। मैंने पिछले साल एक दोस्त को ऐसे ही बचाया था, जब उसका घर जलमग्न हो गया था। उस समय उसने अपने बच्चे को बिस्तर पर उठाकर ऊपर ले जाया, और वो बच गया। ये बात आप सबके लिए भी लागू होती है। अगर आप बाहर हैं तो पेड़ों के नीचे न खड़े हों, और अगर आपका वाहन फंस गया है तो उसे छोड़ दें, और जल्दी से ऊंचे स्थान पर जाएं। बचाव अभी भी संभव है, बस थोड़ी सी सावधानी से।
यह घटना केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है; यह एक सामाजिक और राजनीतिक विफलता का परिणाम है। एक घंटे में 112.5 मिमी वर्षा को 'क्लाउड बर्स्ट' कहना आसान है, लेकिन नालों की अक्षमता, बेसमेंट में कोचिंग सेंटर बनाना, और जनता को अनदेखा करना-ये सब इंसानी गलतियाँ हैं। जब आप एक शहर के अंतर्गत जल निकासी की बुनियादी आवश्यकताओं को नजरअंदाज करते हैं, तो आप बारिश के लिए नहीं, बल्कि अपनी लापरवाही के लिए दोषी हैं। यहाँ कोई भी राजनीतिक पार्टी जिम्मेदार नहीं है-सभी जिम्मेदार हैं। और अगर आप अभी भी इसे 'मौसम की खराबी' कहते हैं, तो आप इस विषय को समझने के लिए बहुत अनपढ़ हैं।
मैं अभी भी डरा हुआ हूँ... दो दिन पहले मैं राजिंदर नगर से गुजर रहा था, और उस कोचिंग के बाहर एक बच्ची रो रही थी... उसकी माँ नीचे फंस गई थी... मैंने उसे अपने घर ले आया... अब वो मेरे साथ रहती है... लेकिन मैं रात को उसके रोने की आवाज सुनकर जाग जाता हूँ... ये सब क्यों हो रहा है? कोई जवाब दे सकता है? क्या हम सब बस देखते रहेंगे?
हां, ये सब बहुत दुखद है, लेकिन अगर हम एक साथ आएं तो कुछ बदल सकते हैं। मैंने अपने इलाके में एक ग्रुप बनाया है जो नालों की सफाई करता है-हर सप्ताह एक दिन निकाल देते हैं, और बच्चे भी शामिल हो जाते हैं। अगर आप भी चाहें तो मैं आपको उसका नंबर दे सकता हूँ। हम बस एक छोटा सा कदम उठा रहे हैं, लेकिन ये कदम बहुत बड़ा हो सकता है। जब लोग एक साथ आते हैं, तो बदलाव आता है। ये सिर्फ बारिश का मुद्दा नहीं है-ये हमारे शहर के लिए एक नया आदर्श है।
अच्छा हुआ कि बारिश हुई, वरना ये सब लोग अपनी नींद में रह जाते। अब तो सब जाग गए। अगर अब भी कोई काम नहीं हुआ तो फिर भी बारिश हो जाएगी। ये शहर बस इसी तरह से बचता है।