अगर आप हर दिन का मौसम जानना चाहते हैं तो आईएमडी सबसे भरोसेमंद स्रोत है। भारत में बारिश, तूफ़ान, तापमान या धुंध की कोई भी जानकारी चाहिए – यहाँ से मिलती है सटीक भविष्यवाणी। इस पेज पर हम आपको हाल के मुख्य रिपोर्ट्स और उनके असर बताएँगे, ताकि आप तैयार रह सकें।
दिल्ली ने जुलाई 2025 में रिकॉर्ड‑समान बाढ़ देखी। 23 दिनों में कुल 1901 mm बारिश हुई, जो 1901 के बाद सबसे अधिक है। लेकिन औसत से कम मात्रा में पानी गिरा, इसलिए कई जगहों पर जल जमाव नहीं बना। मौसम विभाग की रिपोर्ट बताती है कि अगले हफ़्ते भी हल्की‑मध्यम बारिश का जोखिम है, इसलिए घर‑बाहर जाने वाले लोगों को सावधान रहना चाहिए।
बारिश के दौरान सरकारी एजेंसियों ने नदियों के स्तर पर नजर रखी और ज़रूरत पड़ने पर राहत कार्य शुरू किया। अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो जलरोधी कपड़े, रबर जूते और फुर्तीले छतरी रखें – इससे बाढ़‑भरे दिन आसान हो जाएगा।
आने वाले मौसम में मनसून का असर पूरे भारत में महसूस होगा। आईएमडी ने कहा है कि इस साल मानसून थोड़ा देर से आएगा, पर जब शुरू होगा तो तीव्र बौछारें होंगी। विशेषकर मध्य और पूर्वी भारत में 30 % अधिक वर्षा की संभावना है। इसका मतलब किसान भाई‑बहनों को फ़सल बचाने के लिए जल्दी तैयारी करनी होगी – जैसे जल‑संचयन टैंक बनाना या फसल कटाई का समय बदलना।
पश्चिमी घाट और कर्नाटक में भी भारी बारिश की आशंका है, इसलिए सड़कें बंद हो सकती हैं। यात्रा करने वाले लोग रूट चेंज या वैकल्पिक मार्गों के बारे में पहले से जानकारी ले लें। अगर आप बाहर काम करते हैं तो सुरक्षा उपकरण जैसे हेल्मेट और वाटरप्रूफ कपड़े पहनना न भूलें।
आईएमडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में तेज़ तूफ़ान और अधिक असामान्य तापमान देखे जा सकते हैं। इसलिए मौसम से जुड़ी हर खबर को गंभीरता से लेना चाहिए। आप रोज़ाना हमारी साइट पर आकर अपडेटेड फोरकास्ट, चेतावनी और सलाह पा सकते हैं।
संक्षेप में, आईएमडी का डेटा सिर्फ आंकड़े नहीं है – यह आपके दैनिक जीवन, खेती और यात्रा के फैसलों को आसान बनाता है। इस पेज पर आपको सभी प्रमुख समाचार एक ही जगह मिलेंगे, जिससे आप जलवायु परिवर्तन की दिशा भी समझ पाएँगे। आगे भी रॉयल खबरें से जुड़े रहें, ताकि मौसम का हर बदलाव पहले हाथ में हो।
आईएमडी के अनुसार, चक्रवात रेमल बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा एक गंभीर चक्रवाती तूफान है जो रविवार शाम तक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों तक पहुंचने की संभावना है। इसकी गति 110-120 किमी प्रति घंटा हो सकती है, और यह 27 मई तक गंभीर रहेगा। कोलकाता, हावड़ा और अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।