बिजली शॉक: क्या है, कैसे रोकें और कब मदद लेनी चाहिए

जब हम बिजली शॉक, इलेक्ट्रिक करंट के शरीर के भीतर अचानक प्रवेश से उत्पन्न दर्द, जलन या तालाबंदी की स्थिति. इसे अक्सर इलेक्ट्रिकल शॉक कहा जाता है, तो यह समझना जरूरी है कि यह क्यों होता है और कैसे बचा जाए।

बिजली शॉक विद्युत सुरक्षा, इलेक्ट्रिकल उपकरणों और सर्किटों को सुरक्षित रखने के नियम और उपाय. एक मजबूत ग्राउंडिंग, सर्किट ब्रेकर और इन्सुलेटेड हैंडलेस उपकरण इस सुरक्षा का मूल हैं। जब ये बुनियादी घटक सही नहीं होते, तो इलेक्ट्रिकल दुर्घटना, बिजली से जुड़ी अनायास चोट या मृत्यु की घटना की संभावना बढ़ जाती है।

दुर्घटना से बचने के लिए इलेक्ट्रिक करंट की तीव्रता और समय दोनों को समझना जरूरी है। करंट जितना ज्यादा, शॉक उतना ही गंभीर होगा – यह सिद्धांत कई रिपोर्टों में दिखाया गया है। घर के पुराने वायरिंग, ढीला कनेक्शन या पानी के साथ संपर्क इस करंट को तेज बना देता है, जिससे व्यक्ति को झटका लग सकता है। इसलिए नियमित निरीक्षण और सटीक इंसुलेशन की जाँच करना चाहिए।

एक सामान्य शॉक के लक्षणों में हाथों में झुनझुनी, शरीर में सुन्नता या फिर अस्थायी अंधा पड़ना शामिल है। यदि शॉक 5 मिलीऐम्प से अधिक रहता है तो हृदय पर असर पड़ सकता है, इसलिए तुरंत एंटी‑मॉर्टल इंटेंट की जाँच करनी चाहिए। सबसे पहले आप खुद को सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ, बिजली का स्रोत बंद कर दें और तुरंत मेडिकल मदद बुलाएँ। यह कदम मुख्य कारणों में से एक है – समय पर सहायता मिलने से जटिलताओं से बचा जा सकता है।

निवारण के सबसे आसान तरीकों में सर्किट ब्रेकर की नियमित जांच, पानी के पास कोई भी इलेक्ट्रिक उपकरण न रखना और बच्चों को बिजली के खतरों के बारे में सिखाना शामिल है। यदि आप घर में खुद कर सकते हैं, तो सभी स्विच को अच्छी तरह लेबल करें और हाई‑वोल्टेज वाले गैजेट्स को अलग रखकर नीच‑वोल्टेज वाले उपकरणों से जुड़ें। ये छोटे‑छोटे बदलाव आपका और आपके परिवार का जीवन आसान बना सकते हैं।

अब आप जानते हैं कि बिजली शॉक कैसे होता है, इसके लक्षण क्या होते हैं और बचाव के उपाय क्या हैं। नीचे की सूची में हम वही समाचार और लेख लेकर आए हैं जो इन बातों को और विस्तार से समझाते हैं, नए अपडेट और वास्तविक केस स्टडीज प्रदान करते हैं। पढ़िए और अपने दैनिक जीवन में सुरक्षित निर्णय लीजिए।

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