जब आप छठ पूजा 2025, एक प्राचीन सूर्य देव की पूजा है जो बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. Also known as छठ थाल, it सूर्य स्नान, अर्घ्य और तितिया व्रत जैसे अनुष्ठान को शामिल करता है। यह त्यौहार दो मुख्य दिन—सहदेव और भायदेव—पर केंद्रित होता है, जहाँ श्रद्धालु जल में डुबकी लगाते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। सूर्य देव, प्रकाश और ऊर्जा के मुख्य देवता की आराधना इस समय की सबसे बड़ी शक्ति है।
छठ पूजा में छठ नदिया, गंगा, कोसी या घाघरा जैसे पवित्र नदियों का किनारा धार्मिक सफाई का प्रतीक है। पहले दिन, छठ पूजा 2025 के महिलाएं तितिया व्रत, सूर्य के ऊपर उठने से पहले सात जीवित रहित भोजन तक नहीं लेना रखती हैं, जिससे शरीर और मन दोन्हों को शुद्धि मिलती है। दूसरा दिन, फोकट में अर्घ्य, सूर्य को तेल और अन्न से अर्घ्य देना किया जाता है, जिससे समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की जाती है। ये सभी क्रियाएँ एक दूसरे से जुड़ी हैं: तितिया व्रत अनुशासन स्थापित करता है, छठ नदिया शारीरिक शुद्धि देता है, और अर्घ्य आध्यात्मिक पूर्ति का माध्यम बनता है।
हर साल के 22-23 अक्टूबर के आसपास, कई शहरों में छठ यात्रा, भक्तों का समूह जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक सूरत-सरिती लेकर जाता है देखी जाती है। यात्रा के दौरान लोग सामूहिक रूप से प्रार्थना करते हैं, गीत गाते हैं और परंपरागत खाद्य सामग्री जैसे ठेकुआ, मिसरी और चिठड़िया तैयार करते हैं। इस यात्रा का सामाजिक प्रभाव बड़ा है—यह विभिन्न समुदायों को जोड़ता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देता है।
छठ पूजा सिर्फ एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, पर्यावरणीय जागरूकता और स्वास्थ्य के संदेश को भी प्रसारित करता है। आप नीचे दी गई लेख सूची में 2025 के खास अपडेट, नवीनतम तिथियों, प्रमुख आयोजन और स्थानीय समाचार पा सकते हैं। इन सब को समझकर आप अपने इस पावन अवसर को पूरी तैयारी के साथ मनाने की पूरी जानकारी हासिल कर लेंगे।
छठ पूजा 2025, 25‑28 अक्टूबर को बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में चार दिवसीय सूर्य‑उपासना महापर्व के तिथियों, अनुष्ठानों और सरकारी‑विशेषज्ञ राय को जानिए।