जब हम एथिलीन ऑक्साइड, रंगहीन, जल में घुलनशील एक गैस है जो एथिलीन और ऑक्सीजन के रासायनिक प्रतिक्रिया से बनती है. इसे अक्सर एओ कहा जाता है, इसलिए यह रासायनिक उद्योग, एंटीसेप्टिक उत्पादन और बायोफ्यूल निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। लेकिन सिर्फ़ नाम सुन कर समझ नहीं आता, इस लेख में हम इसकी उत्पत्ति, उपयोग और सुरक्षित हैंडलिंग के पहलुओं को आसान भाषा में तोड़‑फोड़ कर देखेंगे।
एथिलीन को एथिलीन, एक बेसिक हाइड्रोकार्बन, जो पेट्रोलियम क्रैकिंग से प्राप्त होता है कहा जाता है। जब एथिलीन को नियंत्रित मात्रा में ऑक्सीजन, एक गैस जो जल में घुलने पर प्रतिक्रिया को तेज़ करती है के साथ गरम किया जाता है, तो एथिलीन ऑक्साइड बनती है। इस प्रक्रिया को अक्सर “एथिलीन ऑक्सिडेशन” कहा जाता है और यह केवल रासायनिक सफ़लता नहीं, बल्कि आर्थिक महत्व भी रखती है क्योंकि एथिलीन बॉयलर, प्लास्टिक और सॉल्वेंट्स की बेस बनती है।
एक और महत्वपूर्ण उपउत्पाद एथिलीन ग्लाइकोल, एक मोनोऑलाइफ़ाइल कॉम्पाउंड, जो एथिलीन ऑक्साइड के हाइड्रोलिसिस से बनता है है। ग्लाइकोल का इस्तेमाल एंटीसेप्टिक एजेंट, डीहाइड्रेटर और एल्युमिनियम सॉल्यूशन में किया जाता है। इसलिए एथिलीन ऑक्साइड का उत्पादन सीधे ग्लाइकोल की सप्लाई को प्रभावित करता है, जो अस्पतालों और फार्मास्यूटिकल फ़ैक्ट्रीज़ के लिए आवश्यक है।
इनके अलावा, एथिलीन ऑक्साइड बायोफ्यूल के अग्रसारण में भी काम आता है। जब एथिलीन ऑक्साइड को एसीटाल्डेहाइड जैसे मध्यवर्ती के साथ रिएक्ट किया जाता है, तो बायो‑डाइज़ल या एथेनॉल‑आधारित ईंधन बनते हैं। इस कारण, कई ऊर्जा‑उद्यम एथिलीन ऑक्साइड को “ग्रीन केमिकल” के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि यह फॉसिल‑फ्यूल की जगह नई ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देता है।
सुरक्षा के लिहाज़ से एथिलीन ऑक्साइड को हल्के‑हुद्दे में नहीं लेना चाहिए। यह जल में घुलने पर एथिलीन ग्लाइकोल बनाता है, लेकिन गैस के रूप में सांस में जाने पर कोरिड़ेंट से विषाक्तता का खतरा रहता है। इसे संभालते समय एंटी‑ऑक्सिडेंट कपड़े, गैस डिटेक्टर और अच्छी वेंटिलेशन जरूरी है। कई देशों में औद्योगिक मानकों के तहत एथिलीन ऑक्साइड के ड्रेनेज, रिसाव रोकथाम और आपातकालीन शट‑डाउन सिस्टम अनिवार्य किए गए हैं।
अब आप देख सकते हैं कि एथिलीन ऑक्साइड सिर्फ़ एक रासायनिक पदार्थ नहीं; यह एथिलीन, ऑक्सीजन, एथिलीन ग्लाइकोल और बायोफ्यूल जैसे बड़े सेक्टरों से जुड़ी एक कड़ी है। अगले सेक्शन में हम इन विषयों से जुड़े नवीनतम खबरें, उद्योग‑विशेष अपडेट और सुरक्षा टिप्स पर नज़र डालेंगे, जिससे आपकी जानकारी पूरी तरह से अपडेट रहेगी। आगे पढ़िए और जानिए हमारे चयनित लेखों में क्या-क्या कवरेज है।
भारत सरकार ने हांगकांग- सिंगापुर में भारतीय मसालों पर पूर्ण प्रतिबंध का खंडन किया, बताया कि केवल कुछ एमडीएच‑एवरेस्ट बैचों में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा अधिक थी, अब व्यापक प्री‑शिपमेंट टेस्टिंग लागू।