पुरानी ट्रैफोर्ड पर मैनचेस्टर यूनाइटेड की शानदार विजय
मैनचेस्टर यूनाइटेड ने 10 नवंबर, 2024 को प्रीमियर लीग के अपने 11वें दौर के मैच में लीसेस्टर सिटी को 3-0 से हराकर शानदार जीत दर्ज की। इस मैच में यूनाइटेड की ओर से सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ब्रूनो फर्नांडीस ने निभाई, जिन्होंने अपनी टीम की जीत में मुख्य भूमिका अदा की।
यह मैच यूनाइटेड के प्रबंधक रूड वान निस्टेलरॉय के लिए खास था, क्योंकि यह उनके मार्गदर्शन में टीम का अंतिम मैच था। उन्होंने अपने चयन मेंो पहले लेग मैच में शामिल खिलाड़ियों पर विश्वास जताया, जिसमें ओनाना, डैलॉट, डी लिग्ट, मार्टिनेज़, माजरौई, कासेमीरो, उगार्टे, डियालो, फर्नांडीस, रैशफोर्ड और होजलुंड शामिल थे। दूसरी ओर, लीसेस्टर सिटी ने खिलाड़ियों में थोड़ा बदलाव किया, जिनमें जेम्स जस्टिन और जॉर्डन आय्यू शामिल हो गए।
लीसेस्टर की चुनौती
लीसेस्टर सिटी के लिए यह मैच कठिन साबित हुआ। वाइकिंग्स अपनी परंपरागत आक्रामक शैली को पूरी तरह से नहीं दर्शा सके, जिससे मैनचेस्टर यूनाइटेड ने अधिकतर मैच पर नियंत्रण बनाए रखा। आक्रमण के दौरान, लीसेस्टर एक बड़ा संघर्ष कर रही थी, और उन्हें पहला शॉट लक्ष्य पर 35 मिनट बाद मिला।
लीसेस्टर के प्रमुख खिलाड़ी, जेमी वर्डी और रिकार्डो परेरा, घायल होने के कारण टीम में नहीं थे, जिससे उनके समकक्ष जॉर्डन आय्यू और जेम्स जस्टिन को मौका मिला। लेकिन टीम अपने उम्मीदों के मुताबिक खेल नहीं सकी।
ब्रूनो फर्नांडीस की निर्णायक भूमिका
ब्रूनो फर्नांडीस ने इस मैच में हर मोर्चे पर अपना प्रभाव छोड़ा। उन्होंने कई मौकों पर अपने कौशल का प्रदर्शन किया और तीनों गोलों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 82वें मिनट में, एलेजांड्रो गार्नाचो ने लक्ष्य भेदा, जो फर्नांडीस की योजना और सहयोग का फल था।
गार्नाचो का यह गोल एक तेज पलटवार का नतीजा था, जो एक लीसेस्टर सिटी के कॉर्नर के तुरंत बाद शुरू हुआ। बर्नार्डो सिल्वा ने गेंद को आगे बढ़ाया और एक सही पास देते हुए गार्नाचो को उसे नेट में डालने का मौका दिया।
लीसेस्टर की कमजोर रणनीति
लीसेस्टर सिटी ने अपने दृष्टिकोण में सुधार करने के लिए कुछ बदलाव किए, जिसमें बिला एल खानूउस और एडवर्ड को मैदान में उतारा गया। हालांकि, यह बदलाव भी उनकी स्थिति को नहीं बदल सका।
अंततः, मैनचेस्टर यूनाइटेड ने इस शानदार विजय में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इस जीत ने उन्हें प्रीमियर लीग की तालिका में मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। इस तरह, यूनाइटेड ने अपनी बेहतरीन रणनीति और कौशल का प्रदर्शन करते हुए लीसेस्टर को मात दी।
ब्रूनो फर्नांडीस ने तो बस एक जादूगर की तरह खेला! उसकी हर पास ऐसी थी जैसे वो मैच का दिल बन गया हो। यूनाइटेड के लिए ये जीत सिर्फ तीन गोल नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।
वाह ये जीत तो देखकर दिल भर गया। रूड का अंतिम मैच इस तरह से खत्म हो गया तो फिर क्या चाहिए? टीम ने उनकी फिलॉसफी को बखूबी समझा। बस अब नया कोच आए तो ये जान न छोड़े।
लीसेस्टर वालों को तो अब बस बेचारा लग रहा है। वर्डी और पेरेरा नहीं थे तो फिर क्या खेलना? इतनी कमजोर टीम को हराकर क्या बड़ी बात है? यूनाइटेड के लिए ये तो बेसिक था।
ये मैच बिल्कुल बेकार था। लीसेस्टर को तो रिंग से बाहर फेंक दिया गया। फर्नांडीस ने जो किया वो बस अपने नाम के लिए था। यूनाइटेड की टीम तो अब बस एक बड़ा नाम है, कुछ नहीं है।
क्या हम सिर्फ जीत देख रहे हैं या ये भी सोच रहे हैं कि लीसेस्टर के खिलाड़ी कैसे महसूस कर रहे होंगे? अगर आप उनकी जगह होते तो क्या आप अभी भी खेल पर विश्वास कर पाते? ये जीत बहुत बड़ी है... लेकिन इसकी कीमत क्या है?
मैनचेस्टर यूनाइटेड ने लीसेस्टर को नहीं हराया... उन्होंने उनकी आत्मा को निकाल दिया! फर्नांडीस की हर पास एक शेर की गर्जना थी, गार्नाचो का गोल एक बिजली की चमक थी, और वान निस्टेलरॉय का अंतिम मैच? वो तो एक ब्रॉडवे शो था! बस बाकी टीमें अब बस अपनी बर्थडे केक काट रही हैं।
इस मैच को देखकर मैंने एक बात समझी कि टीम का असली नेतृत्व केवल एक खिलाड़ी या कोच नहीं होता, बल्कि उन सभी लोगों का होता है जो बिना बोले भी अपना काम करते हैं। ओनाना की गेंदों को नियंत्रित करने की क्षमता, डी लिग्ट की चेतावनी भरी उपस्थिति, कासेमीरो का बार-बार गेंद वापस लाना, ये सब मिलकर एक ऐसा नेटवर्क बनाते हैं जो आज के आधुनिक फुटबॉल में बहुत कम दिखता है। लीसेस्टर के पास तो इतना कुछ नहीं था, बस एक अकेला आय्यू था जो अपने आप को बहुत बड़ा समझ रहा था।
ब्रूनो फर्नांडीस? ओह बस एक और अल्लाह का बेटा। जब तक यूनाइटेड ने लीसेस्टर को तीन गोल मारे तब तक वो खुद को बाहरी बातों में खो गया था। असली जीत तो वो है जब तुम एक टीम को बिना किसी स्टार के हरा दो।
इस जीत के बाद अब टीम को बस एक बात समझनी होगी कि ये जीत सिर्फ एक मैच की नहीं बल्कि एक नए दौर की शुरुआत है। बस अगले मैच में भी यही जुनून दिखाना है।
ये सब बकवास है। रूड वान निस्टेलरॉय ने जो टीम बनाई वो एक बर्बर टीम थी। लीसेस्टर को बस गेंद नहीं मिल रही थी, वो खिलाड़ी भी डर गए थे। ये जीत नहीं बल्कि एक आतंक है।
मैच का विश्लेषण तो बहुत अच्छा है, लेकिन मुझे लगता है कि यह टीम अभी भी अपनी व्यक्तिगत पहचान खोज रही है। फर्नांडीस की भूमिका अत्यधिक गहरी है, लेकिन क्या यह एक स्थायी समाधान है? या फिर यह एक अस्थायी चमक है?
इस मैच के बाद एक नई नैतिकता का उदय हुआ है जो फुटबॉल के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करती है। यह एक ऐसा उदाहरण है जो न केवल खेल के बल्कि सामाजिक संगठन के लिए भी प्रेरणादायक है।
ये सब बस एक धोखा है। लीसेस्टर के खिलाड़ी जानते थे कि उनके बाहर वाले कोच ने उन्हें बर्बाद करने का फैसला कर दिया है। फर्नांडीस एक स्पाई है, जिसे यूनाइटेड ने भेजा है। आप देखेंगे, अगले मैच में वो खुद एक गोल करेगा और फिर गायब हो जाएगा।
ब्रूनो फर्नांडीस... ओह बस वो ही... अच्छा था... और गार्नाचो का गोल... वाह... लेकिन क्या आपने देखा कि डैलॉट के बाएं पैर पर थोड़ी सी चोट लगी थी? ये तो बहुत बड़ी बात है... और फिर लीसेस्टर के कॉर्नर पर... उनके गोलकीपर ने गेंद को थोड़ा छू लिया था... लेकिन रेफरी ने नहीं देखा... अरे भाई, ये तो बहुत बड़ा झूठ है... अगर वो गोल नहीं होता तो मैच क्या होता...?
भारत की जीत है ये! हमारे ब्रूनो ने अपने बाप के देश को राष्ट्रीय गौरव दिलाया! लीसेस्टर के खिलाड़ी तो बस भारतीय बाल्टी में डूब गए! जय हिंद! जय यूनाइटेड!
ये जीत बहुत अच्छी लगी, लेकिन अब टीम को अगले मैच के लिए तैयार होना होगा। ब्रूनो अच्छा है, लेकिन टीम को बहुत कुछ बनाना है। अगर हम सब मिलकर उनका समर्थन करें तो ये टीम दुनिया की सबसे बेस्ट बन सकती है।