हर साल लाखों लोग अपने घर में गणेश जी का स्वागत करते हैं। लड्डू‑लैडी, मोतीमाला और धूप की खुशबू से माहौल बन जाता है बिंदास। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पूजा को सही तरीके से कैसे करना चाहिए? चलिए, साथ मिलकर समझते हैं.
गणपति देवता को बाधा‑हटा करने वाला माना जाता है। पुराणों के अनुसार, उन्होंने शंकर जी का सिर लेकर दुनिया में पहला मार्ग दिखाया। यही कारण है कि कोई भी नया काम शुरू करने से पहले उनके सामने हाथ जोड़ते हैं। महाराष्ट्र में ये कथा खास तौर पर गली‑गली में सुनाई जाती है, और हर घर की दालान में उनका छोटा मोरती या मिट्टी की मूर्ति रखी जाती है।
1. **सही दिन चुनें** – सामान्यतः अंमावास्य (अधिकांश दिनों) में भी पूजा चलेगी, परन्तु शुक्ल चतुर्दशी और बजरंग बली के साथ मिलकर खास माना जाता है।
2. **स्थान तैयार करें** – साफ कपड़े से अलमारी या थाली को ढकें, ऊपर रंगीन वस्त्र रखें और गणेश जी की मूर्ति रखें।
3. **सामग्री जुटाएँ** – तिल के लड्डू, मोतीमाला, नारियल, धूप, अगरबत्ती, तुलसी का पत्ता, हल्दी, चन्दन और अक्षर‑पानी (जैसे गंगा जल)।
4. **आरती की तैयारी** – एक छोटी कागज़ी थाली में दीपक रखें, उसके ऊपर लड्डू और मोतीमाला सजाएँ। धूप या अगरबत्ती से माहौल को शुद्ध करें।
5. **पूजन क्रम**
- सबसे पहले गणेश जी को जल अर्पित करें।
- फिर नारियल तोड़ें, इसका सिरा पवित्र पानी में डालें और "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप 108 बार करें।
- लड्डू और मोतीमाला प्रसाद के रूप में अर्पित करें।
- अंत में दीप जलाईए और "श्री गणेशाय नम:" की आरती गाएँ।
6. **प्रसाद का वितरण** – पूजा समाप्त होने पर लड्डू को सभी परिवारजनों में बाँटें, इससे सुख‑समृद्धि बढ़ती है।
ध्यान रखें कि पूजा के दौरान मन साफ रखिए और किसी भी नकारात्मक सोच से दूर रहें। अगर आप पहली बार कर रहे हैं तो छोटे आकार की मूर्ति या पेंटिंग से शुरू करें – बड़े शिल्पों में जटिलता होती है, लेकिन छोटी चीज़ें दिल को हल्का करती हैं.
एक बात और याद रखें: गणेश जी को खुश रखने के लिए सच्ची भक्ति चाहिए। इसलिए मन से किया गया कोई भी छोटा‑सा कार्य बड़ा असर देता है. इस साल आप भी अपने घर में आसान तरीका अपनाकर, लड्डू की मिठास और मोतीमाला की चमक के साथ एक यादगार गणपति पूजा कर सकते हैं.
अब आपका काम बस यह तय करना है कि किस दिन सुबह जल्दी उठकर ये सभी तैयार करेंगे। शुभकामनाएँ, और जय गणेश!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा में भाग लिया, जिससे राजनीतिक बहस छिड़ गई है। इस घटना को लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्ति संतुलन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने इस यात्रा की आलोचना की, वहीं भाजपा ने इसे व्यक्तिगत धार्मिक गतिविधि के रूप में बचाव किया है।