अगर आप भारतीय राजनैतिक जगत में क्या चल रहा है, खासकर कांग्रेस पार्टी के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह पेज आपके लिये बना है। यहाँ आपको संसद में हुई बहसों, कांग्रेस के नेताओं की नई पहलों और चुनावी रणनीतियों पर साफ‑सुथरी जानकारी मिलेगी।
हालिया सत्र में कई बार कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शित किया है। सबसे बड़ी चर्चा तब हुई जब संसद के प्रश्नकाल में वित्तीय बिले पर आलोचना की गई। इस दौरान पार्टी नेता ने सरकार के आर्थिक नीतियों को ‘अस्थिर’ कहा और बदलाव की मांग की। साथ ही, राज्य‑स्तर पर चुनावी गठबंधनों के बारे में भी कई घोषणाएँ सुनने को मिलीं।
कांग्रेस का युवा वर्ग भी सक्रिय हो रहा है। नई पहल में छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ना और रोजगार सृजन के लिए स्टार्ट‑अप फंड खोलना शामिल है। इन पहलों ने सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचाई, जहाँ कई युवाओं ने समर्थन व्यक्त किया।
पार्टी के अंदर रणनीति मीटिंग लगातार चल रही हैं। अगले विधानसभा चुनावों को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन बनाना प्राथमिकता बना हुआ है। कई राज्यों में कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों—जैसे किसान कल्याण, जल संरक्षण और शहरी बुनियादी ढाँचे—पर फोकस किया है।
एक दिलचस्प बात यह भी है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अब अधिक पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। उन्होंने वित्तीय रिपोर्टों को सार्वजनिक करने का प्रस्ताव रखा, जिससे सदस्यों में विश्वास बढ़ेगा। इस पहल से जनता भी आश्वस्त होगी कि कांग्रेस अपने कार्यों को खुलकर दिखा रही है।
अब तक के सबसे बड़े विवादों में एक बार फिर संसद में ‘वोटिंग राइट’ पर चर्चा हुई। कांग्रेस ने कहा कि वोट की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाना चाहिए, ताकि हर नागरिक का अधिकार सुरक्षित रहे। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों से भी समर्थन मिला है।
यदि आप इन सभी अपडेट्स को रोज़ पढ़ना चाहते हैं, तो रॉयल खबरें पर लगातार विजिट करें। हम आपको राजनीति की जटिलताओं को आसान शब्दों में बताते रहेंगे, ताकि आप बिना किसी झंझट के सारी जानकारी पा सकें।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में शानदार जीत हासिल कर संसद में कदम रखा। 1989 में पिता राजीव गांधी के लिए प्रचार कर राजनीति में आने वाली प्रियंका की यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है। चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद, उन्होंने संविधान की प्रति लेकर शपथ ली, जब पार्टी के हाई-प्रोफाइल नेता भी वहां उपस्थित थे।
प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से लोक सभा उपचुनाव लड़ने जा रही हैं, जो उनके चुनावी राजनीति में प्रवेश का प्रतीक है। लगभग दो दशकों से कांग्रेस के अभियानों और आउटरीच कार्यक्रमों में सक्रिय रहीं प्रियंका अब एक प्रमुख उम्मीदवार के रूप में सामने आई हैं।
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। एग्ज़िट पोल के अनुसार, मतदाताओं का समर्थन विभाजित है और कोई स्पष्ट विजेता नहीं है। अलग-अलग सीटों पर प्रमुख उम्मीदवारों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा जारी है।