हर साल जब गर्मी से राहत मिलती है तो सारे भारत में बारिश के साथ ही सवाल उठते हैं: पानी कहां गिरेगा, कौन‑से इलाके बाढ़ की मार खाएंगे और हम कैसे तैयार रहें? रॉयल खबरें पर हमने इस टैग को खास बनाया है ताकि आप सबको मौसम की सच्ची जानकारी एक जगह मिले।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी सीमा के बहुत पास पहुँच गया है। घाट और शीतला माता मंदिर जैसे प्रमुख स्थल अब पानी में डूब चुके हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन ने नावों की सवारी रोक दी और राहत शिविर लगाये। इस स्थिति से निपटने के लिए लोग ऊँचे इलाक़ों में जा रहे हैं और आपदा प्रबंधन टीमें तुरंत कार्य कर रही हैं। अगर आप वाराणसी या उसके आस‑पास यात्रा करने वाले हैं तो जलस्तर रिपोर्ट चेक करना मत भूलिए, नहीं तो असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
बारिश आएगी तो पहले से कुछ आसान कदम उठाएं: बिजली की तारें ऊँची रखें, बेसमेंट में सामान न रखें, और जलरोधक बैरियर बनवाएँ. अगर आपके पास पंप नहीं है तो एक छोटा पोर्टेबल पंप खरीदना समझदारी होगी। घर के बाहर फंसे कूड़े को साफ़ करें, क्योंकि बारिश में गंदगी बहकर बीमारियों का कारण बनती है। बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिये निकासी मार्ग तय कर रखें और रेनकोट व वाटरप्रूफ जूते हमेशा हाथ में रखें।
एक बात याद रखिए – मौसम विभाग हर 3 घंटे बाद अपडेट देता रहता है, इसलिए मोबाइल पर अलर्ट ऑन रखें। आपातकालीन नंबर (112) को सहेज कर रखें और पड़ोसियों के साथ मिलकर सामुदायिक सहायता समूह बनाएं। ये छोटे‑छोटे कदम बड़े नुकसान को कम कर सकते हैं।
मनोरंजन की बात करें तो मानसून में कई जगहों पर ठंडा मौसम मिलता है, जिससे यात्रा का मज़ा दुगना हो जाता है। उत्तर भारत के पहाड़ी रिसॉर्ट या दक्षिणी तट के बैकवॉटर टूर अब और भी खूबसूरत दिखते हैं। बस एक बात ध्यान रखें – जल स्तर बढ़े तो नावें सुरक्षित रहें, और तेज़ बौछार में ड्राइविंग से बचें।
रॉयल खबरें पर आप हर दिन नई अपडेट पा सकते हैं: मौसम रिपोर्ट, बाढ़ राहत की स्थिति, सरकारी योजनाएं जैसे “मनरेगा” के तहत बारिश‑परोपकारी कार्य, तथा किसान भाइयों के लिए फसल बीमा जानकारी। हमारे लेख पढ़कर आपको न सिर्फ़ सूचनात्मक फायदा होगा, बल्कि अपने परिवार को सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी।
तो अब जब मौसम बदल रहा है, तो खुद को और अपने आसपास के लोगों को तैयार रखें। अगर कोई नई ख़बर या आपदा आती है, तो तुरंत हमें बताइए – हम मिलकर समाधान ढूंढ़ेंगे। याद रखिए, जानकारी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
जुलाई 2025 में दिल्ली में 23 दिन बारिश दर्ज की गई, जो 1901 के बाद 22वां सबसे ज्यादा है, लेकिन कुल बारिश औसत से कम रही। स्थानीय स्तर पर बारिश में बड़ा फर्क देखने को मिला, वहीं अगले हफ्ते भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।