आपने खबरों में "ऑरेंज अलर्ट" शब्द सुनते ही दिमाग में क्या आता है? यह सिर्फ एक रंग नहीं, बल्कि सरकार या मौसम विभाग की गंभीर सतर्कता का संकेत है। अगर किसी क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट जारी हो, तो इसका मतलब है कि बारिश, बाढ़ या तेज़ हवाओं जैसी आपदा की संभावना बढ़ी हुई है और तुरंत तैयारियों की जरूरत है।
आमतौर पर मौसम विभाग जब किसी जिले में 50‑100 mm घंटे की बारिश या जलस्तर के अचानक बढ़ने का अनुमान लगाता है, तो ऑरेंज अलर्ट जारी करता है। हाल ही में दिल्ली में जुलाई 2025 में ऐसा हुआ—23 दिनों तक भारी बरसात हुई लेकिन औसत से कम रही, फिर भी कुछ इलाकों में जल स्तर तेज़ी से बढ़ा। इसी तरह वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी सीमा के बहुत करीब पहुँच गया और कई घाट डूब गए। ऐसे समय में ऑरेंज अलर्ट लोगों को सतर्क रहने और जरूरी कदम उठाने की याद दिलाता है।
1. **सूचना पर नजर रखें** – स्थानीय टीवी, रेडियो या आधिकारिक ऐप्स से अपडेट लेते रहें।
2. **सुरक्षित स्थान तय करें** – घर के नीचे की निचली मंजिलों से दूर, ऊँचे क्षेत्रों में रहने का प्रबंध करें।
3. आपातकालीन किट तैयार रखें: टॉर्च, बैटरियां, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री, पानी और कुछ खाने योग्य चीजें।
4. वाहन को ऊंची जगह पर पार्क करें ताकि जलभवन से बच सकें।
5. पड़ोसियों के साथ संपर्क बनायें; अगर किसी को मदद चाहिए तो एक-दूसरे की सहायता करना आसान होगा।
इन छोटे-छोटे कदमों से आप और आपका परिवार गंभीर स्थिति में भी सुरक्षित रह सकता है। याद रखें, ऑरेंज अलर्ट सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि कार्रवाई का संकेत है—इसे अनदेखा न करें।
आईएमडी के अनुसार, चक्रवात रेमल बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा एक गंभीर चक्रवाती तूफान है जो रविवार शाम तक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों तक पहुंचने की संभावना है। इसकी गति 110-120 किमी प्रति घंटा हो सकती है, और यह 27 मई तक गंभीर रहेगा। कोलकाता, हावड़ा और अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।