पैरालिम्पिक जूडो – क्या है और क्यों खास?

अगर आप खेल के शौकीन हैं तो आपने पैरालिम्पिक जूडो का नाम सुना होगा। यह एक ऐसा जूडो है जहाँ दिव्यांग एथलीट अपनी ताकत और तकनीक से जीतते हैं। भारत में अब इस खेल को ज्यादा समर्थन मिल रहा है, इसलिए हम यहाँ पर सभी जरूरी जानकारी दे रहे हैं।

भारत की हालिया उपलब्धियाँ

पिछले साल के पैरालिम्पिक गेम्स में भारतीय जूडो खिलाड़ी ने दो पदक जीते थे – एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज़। यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात थी क्योंकि पहले इस खेल में भारत का प्रदर्शन सीमित रहा था। एथलीटों ने कठिन प्रशिक्षण, सही कोचिंग और पोषण पर ध्यान दिया जिससे परिणाम मिले।

इन जीतों से न केवल खिलाड़ियों की आत्मविश्वास बढ़ी, बल्कि युवा वर्ग भी प्रेरित हुआ कि वह पैरालिम्पिक जूडो में करियर बना सकते हैं। कई स्कूल और एथलेटिक्स अकादमी अब इस खेल को अपनी ट्रेनिंग प्रोग्राम में जोड़ रहे हैं।

आने वाले इवेंट्स और कैसे फॉलो करें

2025 के पैरालिम्पिक जूडो चैंपियनशिप जल्द ही शुरू होने वाली है। भारत की टीम ने पहले से ही चयन प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब वे प्रशिक्षण कैंप में हैं। अगर आप लाइव देखना चाहते हैं तो राष्ट्रीय खेल चैनल और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर मैचों को फॉलो कर सकते हैं।

इवेंट्स के अपडेट पाने के लिए रॉयल खबरें की वेबसाइट, मोबाइल ऐप या सोशल मीडिया पेज को फ़ॉलो करें। यहाँ आपको समय‑समय पर परिणाम, खिलाड़ी इंटरव्यू और बैकस्टेज जानकारी मिलती रहेगी।

पैरालिम्पिक जूडो में सफल होने के लिए कुछ बेसिक टिप्स भी मददगार होते हैं। पहला, सही पोषण – प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का संतुलन बनाएँ। दूसरा, नियमित स्ट्रेचिंग से लिगामेंट मजबूत होते हैं और चोटों का जोखिम कम होता है। तीसरा, कोच के साथ लगातार फीडबैक ले कर तकनीक सुधारें। इन छोटे‑छोटे कदमों से आप भी अपने प्रदर्शन में बड़ा फर्क देख सकते हैं।

अंत में यह कहना जरूरी है कि पैरालिम्पिक जूडो सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत है। जब हम एथलीटों की जीत को देखते हैं तो हमें भी अपनी सीमाओं से बाहर निकलने का हौसला मिलता है। इसलिए हर बार जब आप इस खेल के बारे में पढ़ें या देखें, तो अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा महसूस करें और दूसरों को भी इसका हिस्सा बनाएं।

यदि आप जूडो सीखना चाहते हैं या पैरालिम्पिक एथलीटों को सपोर्ट करना चाहते हैं, तो निकटतम जूडो क्लब या राष्ट्रीय खेल संस्थान से संपर्क कर सकते हैं। यहाँ आपको ट्रेनिंग सत्र, फिजिकल थैरेपी और मेंटरशिप मिल जाएगी। इस तरह आप न सिर्फ अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे बल्कि भारत की जीत में भी योगदान देंगे।

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