क्रिकेट में पिच का असर बहुत बड़ा होता है, लेकिन अक्सर लोग इसे नजरअंदाज़ कर देते हैं। अगर आप पिच के बारे में सही जानकारी रखेंगे तो बैटिंग या बॉलिंग दोनों में आसानी होगी। यहाँ हम सरल शब्दों में बताएँगे कि पिच को कैसे पढ़ें और उसी हिसाब से टीम की योजना बनाएं।
पहले पाँच ओवर में ग्रास का रंग, रेत का दिखना और टॉस के बाद हल्की सी नमी देखिए। यदि सतह सूखी लग रही है तो गेंद तेज़ होगी और बॉलर को स्पिन का फायदा मिलेगा। अगर पिच गीली या ह्यूमिडिटी वाली है तो स्विंग बॉलरों को मदद मिलेगी और बैट्समैन को सावधान रहना पड़ेगा।
पिच पर छोटे-छोटे दरारें भी महत्वपूर्ण हैं। तेज़ गेंदबाज़ों के लिए ये ट्रीडिशनली फॉल्ट लाइन बनाते हैं, जिससे बाउंस या लैटरल मूवमेंट मिल सकता है। इसको देख कर टीम को अपने सबसे भरोसेमंद क्विक्स या स्पिनर्स को पहले ओवर में लाना चाहिए।
अगर पिच सूखी और भूरी है तो बैट्समैन को नीचे-ऊपर खेलना चाहिए, यानी शॉर्ट़ लेग या फुल्ड कवर की तरफ खेलने से स्कोर जल्दी बढ़ेगा। वहीं तेज़ बॉलर्स को स्लो ड्राइवल या बाउंस पर ध्यान देना चाहिए।
स्पिनर के लिए पिच पर ग्रिप का इस्तेमाल करना ज़रूरी है। अगर रेत अधिक है तो डिवाइस जैसे फ़्लिक और कार्बन की मदद से घूमाव बढ़ाया जा सकता है। इस तरह के टिप्स ने पिछले कई मैचों में टीम को जीत दिलवाई, जैसे भारत बनाम पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में तेज़ बॉलर्स ने शुरुआती ओवर में लगातार विकेट लिए थे।
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की हालिया गेम्स में हमने देखा कि पिच के अनुसार टीम बदलना जीत का राज था। जैसे PBKS बनाम RCB मैच में पिच हल्की धूप वाली थी, इसलिए रॉकी और बॉलर्स ने स्पिन को ज़्यादा इस्तेमाल किया और स्कोरिंग रेट कम रखा।
आपकी टीम की लाइन‑अप तैयार करते समय हमेशा पिच रिपोर्ट को प्राथमिकता दें। यदि टॉस के बाद पिच पर हल्का डस्ट दिखे तो पहले दो ओवर में तेज़ बॉलर्स रखें, फिर स्पिनर को मध्यम गति से चलाएँ। इस तरह आप रन नियंत्रण और विकेट दोनों को संतुलित रख सकते हैं।
अंत में एक बात याद रखें – पिच बदलती रहती है, इसलिए मैच के बीच‑बीच में भी नई जानकारी इकट्ठी करें। मैदान पर काउंसलर या फील्डिंग टीम से लगातार अपडेट लें और प्लान को उसी हिसाब से मोड़ें। इस लचीलेपन ने कई बार बड़े खेलों में जीत दिलाई है।
भारत और बांग्लादेश के बीच पहले टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह की शानदार प्रदर्शन और रणनीति देखने को मिली। बुमराह ने 4/50 का आंकड़ा दर्ज किया और पिच की स्थितियों के हिसाब से अपनी गेंदबाजी में बदलाव किए। यह बदलाव भारत को मैच में मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।