रेल यात्रा रोज़ लाखों लोगों का काम है, लेकिन कभी‑कभी हादसे भी होते हैं। अगर आप ट्रेन में सफ़र करते समय खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो कुछ आसान उपाय याद रखें। इस लेख में हम हाल की प्रमुख रेल दुर्घटनाओं पर नज़र डालेंगे और आपको रोज़मर्रा के व्यवहार से बचाव के तरीके बताएँगे।
2024 में उत्तराखंड की एक छोटी लाइन पर पटरियों में टूट‑फूट के कारण दो ट्रेनें टकराईं, जिससे 12 लोगों की जान गई। इसी साल पंजाब में भारी बरसात ने रेत और कचरे को ट्रैक में जमा कर दिया, जिसके कारण एक पैसेंजर ट्रेन धीमी गति से चल पायी लेकिन कोई बड़ी चोट नहीं हुई।
जाने-माने मामलों में 2023 की मुरादाबाद रेल दुर्घटना याद आती है जहाँ तेज़ी से चलती मालगाड़ी ने सिग्नल तोड़ा और दो यात्रियों को हल्का झटका लगा। इन सब घटनाओं से पता चलता है कि मौसम, रख‑रखाव और इंसान की लापरवाही तीन बड़े कारण हैं।
पहला कदम: प्लेटफ़ॉर्म पर रहते समय हमेशा किनारे से दूर रहें। ट्रेन आने‑जाने की आवाज़ सुनें, अगर कोई अजीब सी गड़गड़ाहट या शोर लगे तो तुरंत स्टेशन स्टाफ को बताएं। दूसरा, टिकट पर लिखा बॉक्स/सीट नंबर चेक करें और अगर आप गलती पाते हैं तो जल्द ही सुधार करवाएँ। तीसरा, ट्रेन के भीतर बहुत तेज़ी से नहीं चलें—जैसे ही दरवाज़ा खुलता है, बैठने की कोशिश करें न कि खड़े होकर इधर‑उधर दौड़ना।
बच्चों को प्लेटफ़ॉर्म पर हाथ पकड़ कर रखें और उन्हें भीड़ में धकेलने या धक्का देने वाले लोगों से दूर रखें। अगर आप रात के समय यात्रा कर रहे हैं तो लाइट ऑन रखे हुए कारriages चुनें, क्योंकि अंधेरा अक्सर चोरी‑डॉक्टर्स की छुपी हुई जगह बन जाता है।
रिलीज़ नोटिस और रूट अपडेट्स पर नज़र रखें। भारतीय रेलवे एप या आधिकारिक वेबसाइट से ट्रैफिक ब्लॉक्स, री-शेड्यूलिंग या अस्थायी बंदोबस्त का पता चलता रहता है। अगर कोई ट्रेन देर से आ रही हो तो वैकल्पिक विकल्पों के बारे में सोचें—बस, मेट्रो या कार पूलिंग भी मददगार होते हैं।
अंत में, यदि आप कोसी दुर्घटना देखते हैं या सुनते हैं, तो पैनिक नहीं होना चाहिए। तुरंत कॉल करके 112 या स्थानीय स्टेशन स्टाफ को सूचित करें और अगर संभव हो तो खुद मदद करने के बजाय पेशेवरों का इंतज़ार करें। यही सबसे बड़ा कदम है—समय पर सही सूचना देना बचाव कार्य को तेज़ बनाता है।
रिल दुर्घटना से जुड़ी खबरें रोज़ बदलती रहती हैं, इसलिए जागरूक रहना और छोटे‑छोटे नियम अपनाना आपके और आपके साथियों की सुरक्षा के लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। सुरक्षित रहें, सतर्क रहें और हर यात्रा को सुखद बनाइए।
तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में हुए रेल हादसे ने यात्रियों को असमंजस की स्थिति में छोड़ दिया। दुर्घटना के बाद, राहत कार्य शुरू होने से पहले यात्रियों को भूख से जूझना पड़ा। इस हादसे ने न केवल लोगों की यात्रा बाधित की, बल्कि उनके खाने-पीने की उपलब्धता को भी प्रभावित किया। राहत कार्यों के तहत जल्द ही भोजन और पानी की व्यवस्था शुरू की गई।