पिछले कुछ हफ्तों में कई राज्यों में स्कूल अचानक बंद हो गए हैं। कभी‑कभी ये मौसम की वजह से, तो कभी प्रशासनिक गड़बड़ी या वित्तीय समस्या के कारण. अगर आप अभिभावक हैं या छात्र, तो यह समाचार आपके लिये बहुत अहम है. यहाँ हम समझेंगे कि स्कूल बंद क्यों होते हैं और इससे बचने के क्या उपाय हो सकते हैं.
सबसे बड़ी वजहें अक्सर दो प्रकार की होती हैं – प्राकृतिक आपदा और प्रशासनिक समस्या। गर्मी‑की‑बाद, तेज़ बारिश या तूफ़ान से स्कूलों की इमारतें ख़राब हो सकती हैं, जिससे सुरक्षा खतरे में पड़ती है. वैसी ही स्थिति UP के RTE (रिज़र्व्ड टु एक्सामिनेशन) प्रवेश प्रक्रिया में देखी गई है। 2025‑26 में लगभग 19,000 सीटें पोर्टल से गायब हो गईं, जिससे कई प्राइवेट स्कूल अचानक बंद दिखे.
दूसरी ओर, वित्तीय दबाव भी बड़ा कारण बनता है. कुछ छोटे निजी स्कूलों के पास पर्याप्त फीस नहीं होती और वे चलाने में असमर्थ होते हैं। जब बोर्ड या राज्य सरकार की निधि देर से आती है, तो कई बार स्कूल को बंद करना पड़ता है. इससे बच्चों का पढ़ाई रुक जाता है और अभिभावकों को बहुत परेशानी होती है.
अगर आप अपने बच्चे की पढ़ाई में लगातार बाधा नहीं चाहते, तो कुछ कदम उठा सकते हैं:
इन उपायों से आपका बच्चा शिक्षा की धारा में बना रहेगा, चाहे स्कूल बंद ही क्यों न हो. याद रखें, समस्या केवल तब बड़ी बनती है जब हम उससे चुप रहें.
रॉयल खबरें पर आप हर दिन नई स्कूल बंद अपडेट देख सकते हैं. अगर आपके क्षेत्र में कोई विशेष घटना हुई है तो हमें लिखिए; हम जल्दी से जानकारी जोड़ देंगे। इस तरह आप न सिर्फ अपनी जानकारी बढ़ाएंगे, बल्कि दूसरों की भी मदद करेंगे.
कोझीकोड, कन्नूर, कासरगोड, मलप्पुरम, त्रिशूर, और एर्नाकुलम में भारी बारिश के कारण सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए सोमवार, 15 जुलाई को छुट्टी घोषित की गई है। कलेक्टर्स ने छात्रों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया है। इसमें स्कूल, सीबीएसई, आईसीएसई, केंद्रीय विद्यालय, आंगनवाड़ी और मदरसे शामिल हैं। हालांकि, कॉलेज इस छुट्टी से मुक्त हैं।