आपने शायद थिरु शब्द सुना होगा, लेकिन इसे समझाने की ज़रूरत नहीं—ये वही उत्सव है जब लाखों लोग भगवान गणेश को धूमधाम से पुजते हैं। दिल्ली में भी इस साल बड़ी तैयारी चल रही है। हर साल जैसे ही ये त्यौहार आता है, शहर के कई कोनों में रंग‑बिरंगे मंच बनते हैं, भक्त जुटते हैं और मिठाई की खुशबू हवा में फैलती है। अगर आप नई जानकारी चाहते हैं तो यहाँ सब कुछ आसान भाषा में मिलेगा—तारीखें, स्थान, कैसे भाग लें, सब कुछ.
दिल्ली में थिरु के दौरान सबसे बड़ा आकर्षण होता है बड़े‑बड़े गणेश मूर्तियां। राजेंद्र नगर, लोधी और कन्नन जंक्शन जैसे इलाकों में 10‑फूट ऊँची पॉलिएस्टर की मूर्तियाँ रखी जाती हैं। इन पर शुद्ध चंदन और फूल लगे होते हैं, और रात को प्रकाश के साथ चमकती हैं। साथ ही, स्ट्रीट फूड का भी खासा झुंड लग जाता है—मोमोज़ से लेकर वड़ा पाव तक, सब मिलते‑जुलते स्वाद में।
इवेंट में अक्सर संगीत बैंड और डांस ग्रुप भी आते हैं। धड़कती धुनों पर लोग नाचते‑गाते हुए भगवान को अर्पित करते हैं। अगर आप अपने बच्चों को लेकर आएँ तो छोटे‑छोटे खेल कूद की व्यवस्था भी रहती है, जिससे पूरा परिवार मज़ा ले सके।
हर साल बड़े इवेंट के साथ कुछ समस्याएँ भी आती हैं—भीड़, ट्रैफ़िक जाम और कभी‑कभी छोटे‑छोटे हादसे। इसलिए दिल्ली सरकार ने विशेष दिशा‑निर्देश जारी किए हैं। सबसे पहले, आप जहाँ जाना चाहते हैं उस जगह की आधिकारिक एंट्री टाइम देख लें, क्योंकि देर से पहुँचने पर भीड़ में फँस सकते हैं।
पार्किंग के लिए निकटतम सरकारी लॉट्स का इस्तेमाल करें या सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट ले लें—मेट्रो और बसें इस समय अतिरिक्त सेवाएँ देती हैं। साथ ही, अपने मोबाइल को पूरी बैटरी रखिए, क्योंकि वॉटर प्रूफ़ केस में रखना बेहतर रहेगा अगर बारिश हो तो।
भोजन लेते समय स्वच्छता पर ध्यान दें। स्टॉल वाले अक्सर भीड़ में होते हैं, इसलिए प्लास्टिक के बजाय कागज़ या धातु की थालियों का चुनाव करें। यदि आप छोटे बच्चों के साथ आएँ तो उन्हें हाथ‑हाथ साफ़ रखने की याद दिलाएँ और अचानक भीड़ में धक्का खाने से बचें।
इन छोटे-छोटे कदमों से आपका थिरु अनुभव सुरक्षित और खुशहाल रहेगा। अब जब आपको पता चल गया कि दिल्ली में थिरु कैसे मनाते हैं, तो अपने कैलेंडर में तारीख़ लिख ले और इस रंगीन उत्सव का पूरा आनंद उठाएँ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख फिल्म व्यक्तित्व थिरु दिल्ली गणेश के निधन पर शोक व्यक्त किया है। 9 नवंबर 2024 को 80 वर्ष की आयु में रामापुरम स्थित उनके आवास में उनकी मृत्यु हो गई। प्रधानमंत्री ने उन्हें उनकी अद्वितीय अभिनय कौशल के लिए याद किया। गणेश ने अपने करियर में 400 से अधिक फिल्मों में काम किया और उन्हें तमिलनाडु सरकार के कलैमामणि पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।