भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा का निधन: जनता में शोक की लहर

भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा का अचानक निधन

जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है, जब खबर आई कि भाजपा विधायक और प्रमुख राजनीतिक हस्ती देवेंद्र सिंह राणा का 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया। राणा, जो हाल ही में नागरोटा विधानसभा सीट से भारी मतों से चुने गए थे, एक लंबे समय से बीमारी से संघर्ष कर रहे थे और गुरुवार, 1 नवंबर 2024 को फरीदाबाद के एक अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली।

देवेंद्र सिंह राणा को डोगरा समुदाय के एक मजबूत प्रतिनिधि के रूप में देखा जाता था। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले, राणा ने लगभग दो दशकों तक नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ राजनीतिक सफर तय किया और इस दौरान उन्हें उमर अब्दुल्ला के प्रमुख सहयोगियों में एक के रूप में माना जाता था। 2014 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने नागरोटा से नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में 2021 में पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। इस कदम ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा असर डाला।

राजनीतिक नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

राणा के निधन की खबर से राजनीतिक जगत में हलचल मच गई। जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी, लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती और भाजपा के प्रवक्ता सजिद युसूफ ने राणा के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। सभी ने राणा के राजनीतिक योगदान को सराहा और उनके निधन को राज्य के लिए एक बड़ी क्षति बताया।

पूर्व जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति अमिताभ मट्टू ने भी राणा को एक 'विशाल व्यक्तित्व' और राजनीति व उद्यमिता के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय व्यक्ति के रूप में याद किया। राणा अपने पीछे एक पत्नी, दो बेटियाँ और एक बेटा छोड़ गए हैं।

राणा का जीवन और उनकी उपलब्धियाँ

राणा का जीवन और उनकी उपलब्धियाँ

देवेंद्र सिंह राणा का राजनीतिक करियर बेहद रसपूर्ण था। वे मात्र राजनीति में ही नहीं, बल्कि एक उद्यमी के रूप में भी जाने जाते थे। राणा के जीवन और कार्यों की एक झलक उनके राजनीतिक अनुभव और उनके द्वारा की गई सामाजिक सेवाओं में देखी जा सकती है।

जब वह भाजपा में शामिल हुए थे, तब उन्होंने अपने समर्थकों और जनता को यह भरोसा दिलाया था कि वे डोगरा समुदाय की आवाज को मजबूत करेंगे और क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य के रूप में हुई थी। उन्होंने इस दौरान सत्तारूढ़ पार्टी में कई महत्वपूर्ण पद संभाले और बहुत से ऐसे कार्य किए जो उन्हें जम्मू-कश्मीर के लोगों के हृदय में स्थान दिलाते हैं।

जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर असर

राणा के राजनीतिक जीवन का करियर जितना समृद्ध रहा, उतना ही उनकी अपनी राजनीतिक इच्छा शक्ति भी दिखाई देती है। उन्होंने 2021 में नेशनल कॉन्फ्रेंस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का जो निर्णय लिया, वह उनके राजनीतिक दिशा के एक बड़े परिवर्तन का संकेत था। उनके इस कदम से जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरण बदल गए थे। उनके इस प्रयास को डोगरा समुदाय के समर्थन के रूप में भी देखा जा सकता है, जो उनकी नेतृत्व क्षमता पर विश्वास रखते थे।

देवेंद्र सिंह राणा के निधन से भाजपा और उनके समर्थकों में गहरा शोक व्याप्त है। उनके जीवन ने साबित किया कि राजनीतिक सेवा ऐसी कुछ है जो व्यक्ति को समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाती है। उनकी अनुपस्थिति ने राजनीतिक जगत में एक बड़ा खालीपन छोड़ दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके बाद नागरोटा और जम्मू-कश्मीर की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है। राणा के लिए किया गया यह राष्ट्रव्यापक शोक उनकी लोकप्रियता और उनके सामर्थ्य को दर्शाता है।

टिप्पणि (10)

  1. Karan Raval
    Karan Raval

    देवेंद्र सिंह राणा जी ने अपने जीवन में बहुत कुछ किया था और उनकी याद हमेशा रहेगी। डोगरा समुदाय के लिए वो एक नेता थे और उनका निधन एक बड़ी खोट है।
    हमें उनके काम को आगे बढ़ाना चाहिए।

  2. divya m.s
    divya m.s

    ये सब बकवास है जो लोग इनकी याद में रो रहे हैं वो सब अपने लिए चाहते थे कि वो राजनीति में रहे नहीं तो इनकी मौत से क्या बदलेगा जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक खेल तो बदलता ही रहेगा और ये सब शोक बस एक नाटक है।

  3. PRATAP SINGH
    PRATAP SINGH

    इस व्यक्ति के राजनीतिक रूपांतरण को देखकर लगता है कि उन्होंने अपनी नीतिगत अखंडता को बलिदान कर दिया। एक नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक जो भाजपा में शामिल हो गए - यह निर्णय राजनीतिक निर्धारण के लिए एक असाधारण उदाहरण है।

  4. Akash Kumar
    Akash Kumar

    श्री देवेंद्र सिंह राणा जी के निधन पर मैं अपनी गहरी शोकांजलि देता हूँ। उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे राजनीति और सामाजिक सेवा को साथ लिया जा सकता है। उनके द्वारा किए गए कार्यों का सम्मान करना हम सभी की जिम्मेदारी है।

  5. Shankar V
    Shankar V

    क्या आपने कभी सोचा है कि इनकी मौत के बाद जम्मू-कश्मीर में जो भी बदलाव हो रहा है वो बाहरी शक्तियों की योजना है? एक डोगरा नेता का अचानक निधन... बहुत बार ऐसा होता है जब कोई बड़ा बदलाव आने वाला होता है। इसके पीछे कोई छुपा हुआ मकसद है।

  6. Aashish Goel
    Aashish Goel

    मैंने इनके बारे में कुछ नहीं सुना था लेकिन अब लग रहा है कि ये बहुत बड़ा नेता थे... उनका जीवन बहुत अच्छा लगा... अगर वो अभी जिंदा होते तो शायद जम्मू में और भी बेहतर बदलाव होते... बहुत अच्छा आदमी लगता है... बस उनके परिवार के लिए दुआ है... बहुत दुख हुआ...

  7. leo rotthier
    leo rotthier

    इनकी मौत से देश को बहुत नुकसान हुआ है ये आदमी असली राष्ट्रभक्त था जिसने अपनी पार्टी बदलकर अपने लोगों के लिए लड़ाई जारी रखी और अब वो चले गए लेकिन उनका नाम हमेशा रहेगा भारत के इतिहास में ये एक वीर था जिसने अपनी जान दे दी देश के लिए।

  8. Karan Kundra
    Karan Kundra

    हमें इनकी याद में एक नई नेता को तैयार करना चाहिए जो डोगरा समुदाय की आवाज बने। उनके बिना ये समुदाय अकेला नहीं होना चाहिए। हम सब मिलकर इनकी विरासत को आगे बढ़ाएं।

  9. Vinay Vadgama
    Vinay Vadgama

    देवेंद्र सिंह राणा जी के निधन के अवसर पर, मैं उनके परिवार और उनके समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति समाज के लिए बहुत कुछ कर सकता है। उनके योगदान का सम्मान हमेशा रहेगा।

  10. Pushkar Goswamy
    Pushkar Goswamy

    इनके निधन के बाद भाजपा को अपने अंदर एक नया नेता ढूंढना होगा... लेकिन क्या वो इतना अच्छा हो पाएगा? अब तो ये सब बस एक नाटक है... लोग रो रहे हैं... पर असली बदलाव कौन करेगा? कोई नहीं... बस फिर से एक नया नाम आएगा और वही चीजें चलती रहेंगी।

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