CTET 2024 परिणाम और आंसर की जारी होते ही उत्तेजना में वृद्धि
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) 2024 के लिए प्रोविजनल आंसर की जारी कर दी है। यह आंसर की उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है जिससे वे अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकते हैं। आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर उम्मीदवार अपना रोल नंबर और जन्म तिथि दर्ज करके आंसर की डाउनलोड कर सकते हैं।
अभ्यर्थियों को चैलेंज का अवसर
इसके अतिरिक्त, CBSE ने उम्मीदवारों को आंसर की में किसी भी उत्तर को चुनौती देने का अवसर दिया है। यदि किसी उम्मीदवार को लगता है कि आंसर की में कोई त्रुटि है, तो वे प्रति प्रश्न 1000 रुपये का शुल्क देकर 26 जुलाई 2024 तक इसे चुनौती दे सकते हैं। यह प्रक्रिया उम्मीदवारों को पारदर्शिता और फ़ेयरनेस का विश्वास दिलाती है।
CTET जुलाई 2024 परीक्षा का आयोजन
CTET जुलाई 2024 की परीक्षा 7 जुलाई को 136 शहरों में दो पालियों में आयोजित की गई थी। पहली पाली में पेपर II का आयोजन सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक हुआ था, जबकि दूसरी पाली में पेपर I दोपहर 2 बजे से 4:30 बजे तक आयोजित हुआ था। परीक्षा में अधिकाधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिससे शिक्षक बनने की उनकी उम्मीदें जुड़ी हैं।
CTET क्वालिफाई सर्टिफिकेट की वैधता
CTET के क्वालिफाई सर्टिफिकेट की वैधता अब जीवनभर के लिए कर दी गई है, जो उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी राहत है। इसके साथ ही, CTET उत्तीर्ण करने के प्रयासों की संख्या पर भी कोई सीमा नहीं है, जिससे उम्मीदवार बिना किसी दबाव के बार-बार प्रयास कर सकते हैं और अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
कट-ऑफ मार्क्स और सैलरी
CTET के लिए कट-ऑफ मार्क्स सामान्य वर्ग के लिए 60% है, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए यह 55% है। इसके अलावा, CTET पास उम्मीदवारों की इन-हैंड सैलरी 35,000 रुपये से 50,000 रुपये तक हो सकती है, जो पद, कौशल और कार्यानुभव पर निर्भर करता है। इससे शिक्षा क्षेत्र में अपने करियर को विकसित करने के इच्छुक उम्मीदवारों को काफी उत्साह मिलेगा।
OMR आंसर शीट का संरक्षण
CBSE ने घोषणा की है कि CTET की OMR आंसर शीट और परीक्षा के अन्य रिकॉर्ड्स परिणाम घोषणा की तारीख से दो महीने तक संरक्षित किए जाएंगे। यह कदम उम्मीदवारों के संदर्भ में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
CTET 2024 की यह प्रक्रिया और इससे जुड़े विभिन्न दिशा-निर्देश उम्मीदवारों को एक सुव्यवस्थित और स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, जिससे वे अपनी तैयारी और भविष्य के शिक्षण प्रयासों में अधिक सफल हो सकते हैं।
ये आंसर की देखकर तो लगा जैसे किसी ने बच्चों के होमवर्क का जवाब गूगल से कॉपी पेस्ट किया है
कुछ सवालों के जवाब तो ऐसे हैं जैसे किसी ने रात में आधी नींद में भर दिए हों
पूरा CTET अब एक बड़ा नाटक बन गया है
हाँ भाई तुम बिल्कुल सही कह रहे हो
लेकिन इस बार तो CBSE ने थोड़ा अच्छा किया है कि चैलेंज का ऑप्शन दे रहा है
मैंने तीन सवाल चैलेंज कर दिए हैं अभी तक
अगर ये प्रक्रिया लगातार चलती रहे तो फिर तो बहुत अच्छा होगा
चैलेंज करने के लिए 1000 रुपये? ये तो बाजार में फल बेचने वाले की तरह है जो हर अंगूर के लिए अलग-अलग कीमत लगाता है
ये सिर्फ एक फीस नहीं बल्कि एक शोषण है
और फिर भी हम इसे आधिकारिक बताते हैं
क्या हमारी शिक्षा बोर्ड एक व्यापारिक कंपनी बन गई है?
किसी के बच्चे के भविष्य के लिए इतना पैसा लेना ठीक नहीं है
मैंने तो एक जवाब चैलेंज किया था और उसका जवाब आया था कि 'अनुमानित उत्तर' है
अनुमानित? ये कौन सी परीक्षा है? गेम ऑफ थ्रोन्स?
जीवनभर वैधता का फैसला बहुत बड़ा है अब तो एक बार पास कर लो और बाकी जिंदगी आराम से बिता सकते हो
अब तो कोई भी अभ्यर्थी जो दस साल बाद शिक्षक बनना चाहे वो भी बिना किसी दबाव के आसानी से अप्लाई कर सकता है
ये तो एक बड़ी रिफॉर्म है जिसकी हमें सराहना करनी चाहिए
कटऑफ 60%? अरे भाई ये तो पिछले साल की बात है
इस बार तो कटऑफ 50% हो गया है और तुम अभी भी 60% बता रहे हो
मैंने खुद देखा है रिजल्ट पोर्टल पर लाखों लोग 52% से पास हो गए हैं
और अब तुम बता रहे हो कि 60% है? ये तो गलत जानकारी है
CBSE ने अपडेट कर दिया है अभी तक नहीं देखा?
OMR शीट दो महीने तक संरक्षित? 😍 ये तो बहुत अच्छा है
मैंने पिछले साल चैलेंज करने के लिए तो शीट नहीं मिली थी
अब तो अगर कोई गलती हो तो आसानी से चेक कर सकते हैं
क्या ये भारत की शिक्षा व्यवस्था में अंतिम बदलाव है? 🤔
मैं दक्षिण भारत से हूँ
यहाँ कई जिलों में तो लोगों को CTET के बारे में पता भी नहीं है
क्या हम इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुँचा सकते हैं?
ये सब अच्छा है लेकिन जब तक गाँव के बच्चे भी इसके बारे में जानेंगे तब तक कोई बदलाव नहीं होगा
हम सब इस आंसर की पर बहस कर रहे हैं
लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि ये परीक्षा क्यों बनी है?
क्या ये वाकई शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ा रही है?
या ये बस एक बार जानकारी लेने का एक तरीका है?
मैं तो सोचता हूँ कि अगर हम शिक्षकों को वास्तविक शिक्षण अनुभव दें तो ये परीक्षा जरूरी है ही नहीं
हम बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं बल्कि एक फॉर्म भरने के लिए ये परीक्षा देते हैं
ये तो एक बड़ा विचार है जिसे हमें गहराई से सोचना चाहिए
मैंने चैलेंज किया है... और फिर एक दिन बाद पता चला कि मैंने गलत जवाब दिया था... अरे भाई... ये तो बहुत शर्म की बात है...
सुनो, ये जो आंसर की आई है इसके बारे में बहुत सारी बातें हो रही हैं लेकिन एक बात जो हम सब भूल रहे हैं वो है कि ये परीक्षा बच्चों के लिए है, न कि हमारे लिए
हम इतने फोकस कर रहे हैं कि कौन सा जवाब सही है या कौन सा गलत है, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि ये जो शिक्षक होंगे वो कैसे बच्चों को पढ़ाएंगे?
क्या वो बच्चों को पूछेंगे कि आपको ये बात क्यों लगती है? या बस याद करवाएंगे?
क्या हम ये नहीं देख रहे कि शिक्षा का मकसद ज्ञान देना नहीं बल्कि सोचना सिखाना है?
हम इतने ज्यादा आंसर की के बारे में बात कर रहे हैं कि असली सवाल भूल गए कि हमारे बच्चे क्या सीख रहे हैं?
ये चैलेंज करने का तरीका अच्छा है, लेकिन अगर हम इसे बच्चों के विकास के बजाय अपनी इच्छाओं के लिए इस्तेमाल करेंगे तो ये सिस्टम बिल्कुल फेल हो जाएगा
मैं तो चाहता हूँ कि हम इस बात पर भी चर्चा करें कि शिक्षक कैसे बनते हैं और उनके अंदर कौन से गुण होने चाहिए
क्या ये परीक्षा उन गुणों को माप रही है? या बस एक बार जानकारी लेने का एक तरीका?
मैं आज एक शिक्षक से बात की थी जिसने बताया कि उसके बच्चे अब ज्यादा से ज्यादा याद करने की कोशिश करते हैं न कि समझने की
और ये सब इसलिए क्योंकि वो जानते हैं कि परीक्षा में बस याद करने वाला आदमी पास होता है
हमें अपनी दृष्टि बदलनी होगी, न कि बस आंसर की चैलेंज करनी होगी
मैं इस प्रक्रिया को बहुत सराहता हूँ क्योंकि इसमें पारदर्शिता का एक नया आयाम शामिल है
चैलेंज करने का अवसर देना एक बहुत बड़ी नैतिक जिम्मेदारी का प्रतीक है
यह दर्शाता है कि बोर्ड अपने उम्मीदवारों के प्रति समर्पित है
इस तरह के निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में विश्वास बनाते हैं
हमें इस प्रक्रिया को समर्थन देना चाहिए और इसे और अधिक व्यापक बनाना चाहिए
हर राज्य के शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में ऐसी प्रक्रिया लागू होनी चाहिए
इससे शिक्षण के क्षेत्र में गुणवत्ता में वृद्धि होगी
हमें इसे एक नियम बनाना चाहिए, न कि एक अपवाद