India Gate पर नई पिकनिक नीति
देश के सबसे मशहूर स्मारकों में से एक India Gate ने हाल ही में ऐसा नियम लागू किया है जो पारंपरिक पारिवारिक पिकनिक को प्रभावी रूप से रोक देता है। अब इस ऐतिहासिक स्थल में कोई भी व्यक्ति भोजन, व्यक्तिगत बैग, बिस्तर की चादर, पालतू जानवर या पिकनिक से जुड़ी कोई भी वस्तु लेकर प्रवेश नहीं कर सकता। इस कदम के पीछे मुख्य कारण स्मारक की सुंदरता और नए लगाए गए हरे-भरे बगीचे की सुरक्षा है, जिनकी उपेक्षा अक्सर खाद्य बिखराव और कचरे से होती रही है।
नियमों के लागू होते ही आगंतुकों को दो समूहों में बाँटना पड़ रहा है। एक समूह को बाहर ही इंतजार करना पड़ता है, जबकि दूसरा समूह स्मारक के पास बैठकर समय बिताता है, फिर बाद में स्थान बदलते हैं। पहले जहाँ परिवार एक साथ पिकनिक का आनंद लेते थे, अब यह व्यवस्था उनके लिए ‘टुकड़े‑टुकड़े’ अनुभव बन गई है, जिसके कारण कई स्थानीय और दूर‑दराज़ के पर्यटन प्रेमी निराश हो रहे हैं।
सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि इस कदम से स्मारक की दीर्घकालिक सुरक्षा और साफ‑सफाई सुनिश्चित होगी। उन्होंने बताया कि कुछ हफ़्तों पहले सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें India Gate के हरे‑भरे लॉन पर बिखरा कचरा और खींचे‑गड़े बिछाने के सामान दिखाए गए थे। पर्यावरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया कांगुजाम ने भी इस मुद्दे को उजागर करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया, जिसके बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई करने का फैसला किया।

दिल्ली के वैकल्पिक परिवारिक स्थल
India Gate पर पिकनिक प्रतिबंध की वजह से अब दिल्ली के कई अन्य पार्क और बाग़ परिवारों के नए गंतव्य बन रहे हैं।
- लोटस टेम्पल पार्क – शांत वातावरण, रंध्र‑रही बैकयार्ड, और बच्चों के लिए खेल के मैदान।
- जजिया बाग – प्राचीन बागों की फुहार, वाटर फाउंटेन और साइकिल चलाने के ट्रैक से भरपूर।
- हुमैनी पार्क – संगीत महफ़िल और योग क्लास के साथ बड़ी खुली जगह, जहाँ पिकनिक की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
- दैव सराय क्यू – मैत्रीपूर्ण वॉल्टेज़, छोटा बायकोनिक रेस्तरां और सुंदर हरियाली।
इन बाग़ों में अब स्थानीय प्रशासन कुछ समय में लॉकर सुविधा और साफ‑सफाई व्यवस्था भी जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे पिकनिक करने वाले परिवारों को सुविधा मिले। हालांकि, लॉकर सिस्टम की स्थापना के लिए कोई निश्चित तारीख अभी तक तय नहीं हुई है।
कई दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र और युवा वर्ग भी इस बदलाव से प्रभावित हुए हैं। पहले वे प्रोजेक्ट मीटिंग्स, समूह चर्चाएं और कुछ एक्स्ट्रा‑करिकुलर गतिविधियों के लिये India Gate को पसंद करते थे। अब इन्हें नई जगहों पर शिफ्ट करना पड़ रहा है, जिससे दैनिक जीवन में कुछ बाधा आ रही है।
फिर भी, कुछ लोगों ने इस कदम की सराहना की है। उनका मानना है कि सार्वजनिक स्मारकों की सुरक्षा और साफ‑सफाई को प्राथमिकता देना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी इन ऐतिहासिक धरोहरों का आनंद मिल सके।
दूसरी ओर, कई यात्रियों ने सवाल उठाया है कि क्यों पहले ही इस दिशा में कोई लॉकर या संग्रहण सुविधा नहीं दी गई थी। उनका कहना है कि दूर‑दराज़ से आए लोग अक्सर स्थानीय स्टॉल से खाना खरीदते हैं, और अगर पिकनिक पूरी तरह प्रतिबंधित हो तो उनके खर्चे बढ़ेंगे।
भविष्य में क्या बदलाव आएंगे, यह अभी अनिश्चित है। प्रशासन ने कहा कि वे इस नीति की प्रभावशीलता देखेंगे और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त प्रतिबंध, जैसे वीडियो शूटिंग पर रोक, को भी लागू कर सकते हैं।
इस माहौल में, दिल्ली के बाग़-उद्यान फिर से परिवारिक मिलन स्थल बनते दिख रहे हैं। चाहे वह लोटस टेम्पल की शांति हो या जजिया बाग की ऐतिहासिक माहौल, लोगों को अब नई जगहों की खोज में प्रेरणा मिल रही है, जिससे शहर में पर्यटक और स्थानीय दोनों को नए अनुभव मिल रहे हैं।