जो रूट का अभूतपूर्व प्रदर्शन
जो रूट, इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान, ने अपने करियर में एक ऐसा मुकाम हासिल किया है जो किसी भी क्रिकेटर के लिए सपना होता है। उन्होंने अपने 33वें टेस्ट शतक को लॉर्ड्स मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन पूरा किया। इस शानदार पारी ने उन्हें इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट शतक बनाने के मामले में एलिस्टेयर कुक के बराबर ला खड़ा किया। कुल मिलाकर, रूट के पास अब 49 अंतरराष्ट्रीय शतक हो गए हैं, जिससे उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को पीछे छोड़ दिया है।
रूट का क्रिकेट करियर
रूट का क्रिकेट करियर हमेशा से ही प्रशंसनीय रहा है। उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत शांत और संयमित ढंग से की और धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाई। उनकी खेलने की शैली और शॉट सिलेक्शन ने उन्हें एक अद्वितीय बल्लेबाज बना दिया है। श्रीलंका के तेज गेंदबाज लहिरु कुमारा के खिलाफ उनकी आदर्श पारी ने सभी को प्रभावित किया। रूट ने कुमारा की गेंद पर चौका मारकर अपना शतक पूरा किया, जो उसकी मैच पर ध्यान केंद्रित करने और तकनीकी कौशल को दर्शाता है।
रूट का ये शतक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उस समय आया जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। इंग्लैंड की टीम ने शुरुआत में कुछ महत्वपूर्ण विकेट गंवाए थे, लेकिन रूट के इस शतक ने टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया। यह शतक सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि टीम के लिए भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।
रोहित शर्मा और अन्य प्रमुख बल्लेबाजों से आगे
रूट का यह प्रदर्शन उन्हें आधुनिक दौर के कुछ सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों से आगे ले गया है। उन्होंने न केवल रोहित शर्मा को पीछे छोड़ा है, बल्कि वे स्टीव स्मिथ और केन विलियमसन जैसे दिग्गज बल्लेबाजों से भी आगे निकल चुके हैं। यह ऐसे समय में आया है जब रूट अपनी बल्लेबाजी की कला को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। उनकी ये उपलब्धि उन्हें न केवल इंग्लैंड के शीर्ष बल्लेबाजों में शामिल करती है, बल्कि उन्हें विश्व क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण स्थान भी दिलाती है।
इंग्लैंड की टीम पर प्रभाव
रूट के शतक का इंग्लैंड की टीम पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उनका नेतृत्व और बल्लेबाजी ने टीम को कई मौकों पर मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला है। श्रीलंका के खिलाफ ये शतक भी इसका एक उदाहरण है। उनकी इस पारी ने टीम को मजबूत किया और मैच में एक स्थिरता प्रदान की।
रूट का शतक सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि उनके खेल की गुणवत्ता और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने अपने करियर में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा संयम और धैर्य से खेला है। उनकी ये क्षमता उन्हें एक असाधारण खिलाड़ी बनाती है।
श्रीलंका के प्रयास
हालांकि, श्रीलंका की टीम ने भी मैच में कुछ महत्वपूर्ण विकेट लिए, लेकिन रूट की पारी ने उन्हें मात दी। श्रीलंका के गेंदबाजों ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर दबाव बनाया, लेकिन रूट की क्लासिक बैटिंग ने उन्हें टिकने नहीं दिया। रूट की यह पारी उनके कैरियर के सबसे महत्वपूर्ण और यादगार पारी में से एक मानी जाएगी।
रूट का यह शतक इंग्लैंड की क्रिकेटing संस्कृति का हिस्सा बन चुका है और आने वाले समय में भी इसे याद किया जाएगा। जो रूट ने न केवल अपने लिए बल्कि अपने देश के लिए भी यह शतक जड़ा है, जो उन्हें एक महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।
रूट की अन्य उपलब्धियाँ
उनकी इस पारी के बाद, रूट के कुल अंतरराष्ट्रीय शतकों की संख्या 49 हो गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि वे कितने निरंतर और प्रभावशाली बल्लेबाज हैं। वे केवल टेस्ट क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि वनडे और टी20 में भी अपनी छाप छोड़ चुके हैं। उनके आंकड़े और उनकी तकनीक दोनों उन्हें एक सम्पूर्ण क्रिकेटर बनाती हैं।
रूट के इस सफलता ने उन्हें न केवल इंग्लैंड में, बल्कि दुनियाभर में भी एक विशेष स्थान दिलाया है। उनकी इस पारी के बाद, क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों ने उनकी तारीफ की है।
रूट ने जो किया, वो बस शतक नहीं... एक फिल्म था। धीमा, शांत, लेकिन बिल्कुल बेहतरीन।
हमारे रोहित को भी तो देखो यार ये लोग बस अंग्रेजी में बात करते हैं और भारत के खिलाड़ियों को भूल जाते हैं जबकि रोहित के 48 शतक अभी भी दुनिया के सबसे बेहतरीन हैं और वो भी टी20 में भी जबरदस्त हैं
कुक के बराबर हो गए... यानी अब रूट के लिए अगला लक्ष्य है डॉन ब्रैडमैन का रिकॉर्ड तोड़ना... ये बस शुरुआत है।
लेकिन क्या ये रिकॉर्ड वाकई इतना महत्वपूर्ण है? रोहित की शतक रफ्तार और टी20 में उनका योगदान किसी के लिए नज़रअंदाज़ नहीं हो सकता। 🤔
जो रूट की बल्लेबाजी की शैली बेहद शांत है, लेकिन उसका प्रभाव भयानक है। वह बिना किसी शोर के इतिहास बना रहे हैं।
रोहित को तो बस टेस्ट में बहुत कम मौके मिलते हैं और रूट के पास हर टेस्ट में बल्लेबाजी का मौका है... ये रिकॉर्ड बनाने में तो टीम का भी हाथ है।
ये सब आंकड़े तो अंग्रेजों के लिए बहुत अच्छे हैं, लेकिन आप भूल रहे हैं कि भारतीय बल्लेबाजों को घर के मैदान पर भी अपनी बल्लेबाजी दिखाने में असुविधा होती है। रोहित का 48 शतक तो एक जादू है।
मैंने देखा कि रूट ने श्रीलंका के खिलाफ जो शतक बनाया, वो उस गेंदबाज के खिलाफ था जिसका नाम लहिरु कुमारा है... और वो गेंदबाज तो अपने देश में भी नहीं खेलता... ये रिकॉर्ड बनाना आसान है जब आपको बहुत कम मुश्किल गेंदबाज मिल रहे हों।
रूट के शतक बहुत अच्छे हैं, लेकिन उनकी बल्लेबाजी में वो जो भावना है, वो रोहित की बल्लेबाजी में नहीं है। रोहित तो खेलते हैं जैसे वो जीना चाहते हैं, रूट तो बस शतक बना रहे हैं।
यह बात तो एक दर्शन है कि जब एक खिलाड़ी अपने बल्ले के साथ अपने आप को खो देता है, तो वह इतिहास बनाता है। रूट ने यही किया। रोहित ने तो अपने आप को दर्शकों के साथ शेयर किया।
रूट के शतक बहुत बढ़िया हैं, लेकिन ये रिकॉर्ड बनाने में टीम का सपोर्ट, बैटिंग ऑर्डर, और विकेट की स्थिति भी मायने रखती है। रोहित तो बहुत बार टीम को बचाने के लिए बल्लेबाजी करते हैं।
रूट की बल्लेबाजी तो एक शिक्षा है। लेकिन रोहित के शतकों में वो जो जोश है, वो किसी और के पास नहीं। वो बस खेलते हैं, जैसे बच्चे खेलते हैं।
इंग्लैंड के लिए ये रिकॉर्ड बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन भारत के लिए रोहित की बल्लेबाजी तो एक अनुभव है। आप देखेंगे तो उनकी आंखों में जो चमक है, वो किसी रिकॉर्ड से नहीं, बल्कि खेल के प्रति प्यार से आती है।
क्या हम भूल रहे हैं कि रूट ने अपना सारा करियर एक ऐसे देश में बिताया है जहां क्रिकेट एक धर्म है? रोहित तो एक ऐसे देश में खेलते हैं जहां हर शतक पर देश भर में त्योहार मनाए जाते हैं।
दोनों खिलाड़ी अलग-अलग दुनियाओं में खेल रहे हैं। रूट ने शांति से रिकॉर्ड बनाया, रोहित ने आवाज़ से। दोनों बराबर हैं।
रूट के शतक बहुत अच्छे हैं, लेकिन उनके शतक में कोई भावना नहीं है। रोहित के शतक में तो भारत की आत्मा है। ये बस एक आंकड़ा है, जिसे अंग्रेज अपने नाम कर लेना चाहते हैं।
रूट के शतक बहुत बढ़िया हैं, लेकिन रोहित के शतक तो एक जादू है। वो बल्ले से नहीं, दिल से खेलते हैं।
रूट के शतक अच्छे हैं... लेकिन रोहित के शतक तो दिल को छू जाते हैं।
रूट का ये शतक तो बहुत अच्छा था, लेकिन रोहित के लिए भी बहुत कुछ बाकी है।
रूट ने जो किया, वो एक अंतरराष्ट्रीय शतक नहीं, एक विश्व शतक था। और रोहित? वो तो एक भारतीय शतक हैं। दोनों अलग हैं।