दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने पैरिस ओलंपिक्स के अपने पहले मैच में मालदीव की फातिमा अब्दुल रज़्ज़ाक को कुचलते हुए शानदार शुरुआत की। 10वीं वरीयता प्राप्त सिंधु ने महज 29 मिनट में फातिमा को 21-9, 21-6 के स्कोर से मात दी। सिंधु की यह जीत न सिर्फ उनके उत्कृष्ट फार्म का प्रदर्शन था बल्कि इससे उनके तीसरे ओलंपिक पदक के सपने को भी नई ऊर्जा मिली।
सिंधु ने अब तक के अपने ओलंपिक करियर में शानदार प्रदर्शन किया है। 2016 के रियो ओलंपिक्स में उन्होंने रजत पदक जीता था और 2021 के टोक्यो ओलंपिक्स में कांस्य पदक प्राप्त किया। अब उनकी निगाहें इस बार के खेल महाकुंभ में स्वर्ण पदक जीतने पर टिकी हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें अपने खेल के उच्चतम स्तर को बनाए रखना होगा, जैसी कि उन्होंने फातिमा के खिलाफ पहले मैच में दिखाई।
पहले मैच की शुरुआत में, हालांकि, सिंधु ने कुछ अनियंत्रित गलतियाँ कीं, लेकिन जल्द ही उन्होंने अपने आप को संभालते हुए पहले गेम को मात्र 13 मिनट में समाप्त कर दिया। दूसरे गेम में भी उन्होंने अपनी लय को बनाए रखा और तेज़ गति से अंक बटोरते हुए मुकाबले को आसानी से अपने नाम कर लिया।
सिंधु का अगला मुकाबला बुधवार को विश्व नंबर 75 एस्टोनिया की क्रिस्टिन कूबा से होगा। यह मैच भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि अगले राउंड में प्रवेश पाने के लिए सिंधु को कूबा को हराना होगा। कूबा एक अनुभवी खिलाड़ी हैं और उनके खिलाफ मैच में सिंधु को अपनी रणनीति और खेल कौशल को उच्चतम स्तर पर रखना होगा।
फातिमा के खिलाफ मैच के दौरान दर्शकों ने देखा कि कैसे सिंधु ने अपनी उन्नत तकनीक और स्पीड का बेहतरीन उपयोग किया। फातिमा को कई मौकों पर सिंधु के तीव्र शॉट्स का सामना करने में मुश्किलें आईं। इसके अलावा, नेट के पास सिंधु की उपस्थिति ने उनके प्रतिद्वंदी को दबाव में रखा और गलतियों को मजबूर किया।
सिंधु के कोच और सपोर्ट स्टाफ ने भी उनके इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने इसे एक सकारात्मक शुरुआत के रूप में देखा और उम्मीद जताई कि सिंधु आने वाले मुकाबलों में भी इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखेंगी।
महिला सिंगल्स बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सिंधु ने इस बार की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उनके सख्त फिटनेस रेजिमेंट और ट्रेनिंग सेशंस ने उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों दृष्टिकोण से मजबूत बनाया है। उनकी इस जीत के बाद उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई है और वे सभी इस उम्मीद में हैं कि सिंधु इस बार भी देश के लिए कोई न कोई पदक जरूर लेकर आएंगी।