छावा: विकी कौशल की फ़िल्म का ऐतिहासिक सफर
विकी कौशल की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'छावा' ने बॉक्स ऑफिस पर एक धमाकेदार शुरुआत की है। यह फ़िल्म 2025 की पहली ऐसी बॉलीवुड फिल्म बन गई है जिसने आठवें दिन ही ₹300 करोड़ की वैश्विक कमाई का आंकड़ा पार कर लिया है। भारत में इस फ़िल्म ने ₹228.69 करोड़ कमाई की और बाकी का भाग दुनिया भर से आया। यह ऐतिहासिक ड्रामा 'छत्रपति संभाजी महाराज' के जीवन पर आधारित है, जिसे लक्ष्मण उतेकर ने निर्देशित किया है।
फ़िल्म की आठवें दिन की कमाई की बात करें तो भारत में ₹9.44 करोड़ की कमाई हुई, जिससे इसे लगभग 35% की वीकडे ऑक्यूपेंसी रही। जो बताता है कि दर्शकों के बीच इसे कितना पसंद किया जा रहा है।
बॉक्स ऑफिस पर ऐतिहासिक प्रदर्शन
'छावा' ने पहले ही दिन से सिनेमाघरों में शानदार प्रदर्शन किया। पहले दिन ₹31 करोड़ की कमाई, दूसरे दिन इसमें 19.35% का इजाफा हुआ जिससे ₹37 करोड़ की कमाई हुई। तीसरे दिन कमाई ने ₹48.5 करोड़ का आंकड़ा छू लिया। चौथे दिन ₹24 करोड़ और इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ती कमाई ने इसे एक बेमिसाल सफर पर ले गए।
फ़िल्म के बड़े पैमाने पर पहुंचने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह 5 मिलियन से ज्यादा टिकट बुकमायशो पर बिक चुकी है। पिछले साल की हिट फ़िल्में जैसे 'स्काई फोर्स' और 'देवा' से भी इसकी कमाई में बढ़त है।
विकी कौशल के करियर के लिए यह फ़िल्म एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' के ₹244 करोड़ के रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर यह बढ़ रही है। इस तरह से 'छावा' ने इस साल की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में अपनी जगह पक्की कर ली है।
ये फिल्म तो बस एक फिल्म नहीं... एक अनुभव है। मैंने तीसरी बार थिएटर में देखी, और अभी भी आँखें भीगी हुई हैं। विकी का अभिनय... बस बेहतरीन।
क्या ये सिर्फ एक बायोपिक है? या फिर राष्ट्रवादी प्रचार का एक औजार? इतिहास को इतना गहराई से नहीं देखा जा सकता, बस भावनाओं के नाम पर।
छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन को इतनी संवेदनशीलता से प्रस्तुत करना एक अद्वितीय उपलब्धि है। निर्देशन, संगीत, और अभिनय का यह संगम भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक नया अध्याय है।
अगर ये फिल्म 300 करोड़ कमा रही है तो ये देश की आत्मा की आवाज है! हमारे पूर्वजों को सम्मान देने का ये एकमात्र तरीका है। जय भवानी! जय शिवाजी!
क्या आपने देखा कि उस एक दृश्य में जब वो घोड़े पर सवार होकर गढ़ की ओर बढ़ रहा है... उसकी आँखों में वो ज्वाला... मैं रो पड़ा। ये फिल्म नहीं, एक जिंदगी है।
लेकिन सुनो... ये फिल्म किसने बनाई? लक्ष्मण उतेकर? वो तो एक अज्ञात निर्देशक है। इसके बाद वो किसके साथ जाएगा? और ये सब बातें तो बस बॉक्स ऑफिस की झूठी बातें हैं।
मैंने फिल्म देखी... और फिर इतिहास की किताबें खोल दीं। विकी का अभिनय तो बहुत अच्छा है, लेकिन फिल्म में कुछ चीजें थोड़ी अतिशयोक्ति वाली लगीं। 😅
इस फिल्म के माध्यम से युवा पीढ़ी को अपने इतिहास के प्रति जागरूक किया जा सकता है। यह एक शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक अनुभव है। बधाई हो।
ये फिल्म देखने के बाद मैंने अपने दोस्तों को भी ले जाया। उन्होंने कहा कि वो अब इतिहास पढ़ने के बारे में सोच रहे हैं। ये ही सच्ची सफलता है।
क्या आपने ध्यान दिया कि फिल्म में अंग्रेजों के बारे में कोई भी वास्तविक दस्तावेज़ नहीं दिखाया गया? सभी आँकड़े भारतीय स्रोतों से लिए गए हैं। ये एक साजिश है। जानबूझकर इतिहास को मोड़ा जा रहा है।
मैं राजस्थान से हूँ। यहाँ हम शिवाजी के बारे में बहुत कम जानते हैं। इस फिल्म ने मुझे एक नया दृष्टिकोण दिया। धन्यवाद।
इस फिल्म के बाद भारतीय सिनेमा के लिए एक नया निर्माण मॉडल शुरू हो रहा है। अब लोग बड़े बजट वाली फिल्मों को तभी देखेंगे जब वो ऐतिहासिक वास्तविकता से जुड़ी हों। ये ट्रेंड बनेगा।
मैंने इस फिल्म को देखा तो लगा जैसे कोई राष्ट्रीय जागृति का संदेश दे रहा है। विकी कौशल ने न सिर्फ एक भूमिका निभाई, बल्कि एक आत्मा को जीवित कर दिया। ये फिल्म किसी फिल्म नहीं, एक विरासत है। इसके बाद कोई भी बायोपिक इस तरह नहीं बन सकता। ये एक अनोखा काम है। इसके लिए निर्माता, निर्देशक, और अभिनेता को शुभकामनाएं। इस तरह की फिल्में भारत को दुनिया के सामने खड़ा करती हैं। इसके बाद अगर कोई फिल्म इससे कम कमाए तो वो फिल्म नहीं, बस एक बर्बादी है। इस फिल्म ने भारतीय इतिहास को एक नए आयाम दिया है। ये न सिर्फ एक बॉक्स ऑफिस हिट है, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है। इसके बाद देश के हर कोने में लोग इतिहास के बारे में बात करेंगे।
मैंने फिल्म देखी, बहुत अच्छी लगी, लेकिन क्या हमें इतनी ज्यादा राष्ट्रवादी भावनाएँ दिखानी चाहिए?
अगर एक फिल्म तीन सौ करोड़ कमा रही है, तो क्या ये सिर्फ फिल्म की सफलता है? या ये एक जनता की आवाज है जो अपने इतिहास को फिर से खोजना चाहती है? इस फिल्म ने एक जागृति की शुरुआत कर दी है।