अगर आप भारत के राष्ट्रपति या देश‑विदेश के राजनैतिक मोड़ को समझना चाहते हैं, तो यह पेज आपका पहला स्टॉप है। यहाँ हम रोज़ नई खबरों, गहरी विश्लेषण और सीधे इंटरव्यू जोड़ते हैं, ताकि आपको झंझट‑मुक्त जानकारी मिल सके। आप चाहे छात्र हों या दफ़्तर में काम करने वाले, हर कोई आसान भाषा में सब कुछ पा सकता है।
पिछले हफ्ते राष्ट्रपति ने अपना वार्षिक संबोधन दिया और कई प्रमुख मुद्दों पर बात की – जलवायु बदलाव, डिजिटल इंडिया और सामाजिक समावेशन. हमारे लेख में आप जानेंगे कि उन्होंने कौन‑से आंकड़े पेश किए, किस योजना को नई दिशा दी और विपक्षी दल ने कैसे प्रतिक्रिया दी। साथ ही हमने विशेषज्ञों के छोटे‑छोटे टुकड़े जोड़कर बताया है कि यह नीति आम लोगों की रोज़मर्रा ज़िन्दगी पर क्या असर डालेगा।
एक और बड़ी ख़बर में राष्ट्रपति का विदेश दौरा शामिल था, जहाँ उन्होंने दो बड़े आर्थिक समझौते साइन किए। हमने इस यात्रा के हर कदम को क्रमवार लिखा है – कौन‑से देश गए, किस मुद्दे पर चर्चा हुई और भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए क्या नया अवसर खुला। अगर आप व्यापार या निवेश में रुचि रखते हैं तो यह सेक्शन आपके लिए खास उपयोगी रहेगा।
राष्ट्रपति के काम सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि कई बार नीतियों को दिशा देने वाले होते हैं। हमारे अगले लेखों में हम देखें‑गे कि आने वाली सत्र में राष्ट्रपति कौन‑से सामाजिक पहल को आगे बढ़ाएंगे – जैसे महिला सुरक्षा, शिक्षा का डिजिटलरण और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा। साथ ही हम आपके सवालों के जवाब देंगे: “क्या राष्ट्रपति की नई योजनाएँ वास्तविक कार्यान्वयन तक पहुंचेंगी?” या “विरोधी पार्टियों से क्या चुनौती होगी?”.
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सिरिल रामफोसा ने प्रिटोरिया में दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस अवसर पर अफ्रीकी राज्यों के प्रमुख, राजनयिक और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। यह समारोह ऐतिहासिक रहा क्योंकि अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस ने पहली बार बहुमत खोकर गठबंधन सरकार बनाई है। अब रामफोसा को कई दलों के साथ शासन की जटिलताओं को संभालना होगा।