त्रिपुरा में छात्रों के बीच एचआईवी का खतरा बढ़ता जा रहा है, जहां 828 छात्र एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं और 47 की मौत हो चुकी है। यह संकट मुख्य रूप से इंजेक्टेबल ड्रग्स के उपयोग से जुड़ा हुआ है, जो सरकारी सेवा में कार्यरत अभिभावकों के बच्चों में अधिक देखी जा रही है। इसके पीछे जागरूकता की कमी और नशे की लत का बड़ा हाथ है।