भारत में इस साल बारिश का पैटर्न थोड़ा बदल रहा है, जिससे सड़कों पर ट्रैफ़िक भी प्रभावित हो रहा है। दिल्ली में जुलाई 2025 के रिकॉर्ड बारीश ने शहर को हल्का‑से‑मध्यम रेनफॉल की स्थिति दी, जबकि कई क्षेत्रों में असली जलभराव नहीं हुआ। इस वजह से फ्रीवे और हाईवे पर गति सामान्य रही, लेकिन कुछ लोकल रास्ते अभी भी पानी जमा होने से जाम देख रहे हैं।
वाराणसी में गंगा के जलस्तर ने अपने चेतावनी स्तर को छू लिया है। कई घाट और शीतला मंदिर डूब चुके हैं, जिससे स्थानीय ट्रैफ़िक पर असर पड़ा है। प्रशासन ने कुछ प्रमुख पुलों को बंद कर दिया और रूट बदलने की सलाह दी। अगर आप वाराणसी से गुजर रहे हैं तो वैकल्पिक रास्ते चुनें या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, क्योंकि सड़कें अभी भी असुरक्षित हो सकती हैं।
बारिश वाले मौसम में गाड़ी चलाते समय दो बातों को याद रखें – स्पीड कम रखें और ब्रेक धीरे‑धीरे लगाएँ। पानी जमा होने पर टायर की ग्रिप घट जाती है, इसलिए अचानक मोड़ या तेज़ ब्रेक से बचें। यदि आपके पास नेविगेशन ऐप है तो रीयल‑टाइम ट्रैफ़िक अपडेट देखना फायदेमंद रहेगा; कई बार रास्ते में रखी हुई जलभराव वाली गड्ढे नहीं दिखते जब तक आप लाइव मैप न खोलें।
सड़क कार्य और निर्माण भी इस मौसम में तेज़ गति से चल रहा है। नई हाईवे परियोजनाओं के कारण कभी‑कभी लेन बंद हो जाती हैं, इसलिए यात्रा शुरू करने से पहले आधिकारिक डिपार्टमेंट की वेबसाइट या स्थानीय समाचार देखें। छोटे शहरों में अक्सर रूट बदलने का इशारा नहीं मिलता, लेकिन स्थानीय लोगों से पूछना हमेशा मददगार रहता है।
यदि आप सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग कर रहे हैं तो बस और ट्रेन शेड्यूल पर भी ध्यान दें। कई बार बारिश के कारण ट्रेनों की देर या रद्दीकरण हो जाता है। ऐसी स्थिति में वैकल्पिक बुस सेवाओं या कार‑पूलिंग विकल्पों को देखना बेहतर रहेगा।
आखिरकार, सुरक्षित यात्रा का मूल मंत्र यही है – समय से पहले योजना बनाना और मौसम के बदलावों पर नजर रखना। रॉयल खबरें हर दिन आपके लिए नई अपडेट लेकर आती रहती है, ताकि आप ट्रैफ़िक जाम या जलभराव की वजह से फँसे न रहें।
दिल्ली-NCR में भारी बारिश के कारण जलभराव और यातायात अव्यवस्था फैल गई है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। अधिकारी समस्याओं से निपटने के लिए सतर्क हैं। विरोध प्रदर्शन भी जारी हैं, जिसमें सुरक्षा उपायों की मांग की जा रही है।