बंगाल के राज्यपाल ने ममता बनर्जी से की कोलकाता पुलिस आयुक्त को हटाने की मांग

बंगाल के राज्यपाल की चेतावनी

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सी वी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आदेश दिया है कि वे एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाएं। यह कदम कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के बाद जनता में उठी आक्रोश को शांत करने के लिए उठाया गया है। घटना का दिन 9 अगस्त 2024 था। राज्यपाल का दावा है कि राज्य सरकार को संवैधानिक मानदंडों और विधि शासन का पालन करना चाहिए। ये बैठक पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाने की मांग पर जोर देती है जो इस केस को सही से संभालने में असफल माने जा रहे हैं।

राज्यपाल का यह निर्देश तब आया जब बड़ी संख्या में जूनियर डॉक्टरों, विपक्षी नेताओं और सिविल सोसाइटी के समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया गया। राज्यपाल ने सरकार के संकट पर 'शुतुरमुर्ग जैसी चुप्पी साधने के' रवैये की निंदा की है। उनके अनुसार, सरकार इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।

पुलिस आयुक्त पर आरोप

इस मामले ने राजनीतिक टकराव को और बढ़ा दिया है। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय से गोयल का पुलिस मेडल वापस लेने की मांग की है। उन पर सबूत नष्ट करने और अस्पताल में तोड़फोड़ रोकने में नाकाम रहने का आरोप है। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने गोयल को कृत्रिम 'रीढ़' देकर यह संदेश दिया कि पुलिस को मजबूती से कार्य करना चाहिए।

यह विवाद राज्यपाल बोस और राज्य प्रशासन के बीच कई अन्य मुद्दों पर भी टकराव को रेखांकित करता है। इनमें बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा और टीएमसी नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शामिल है। राज्यपाल का कहना है कि पुलिस आयुक्त के हटाने से संवैधानिक शासन और जनता की भावनाओं का सम्मान होगा, और इस कदम की आवश्यकता इसलिए है ताकि राजनीतिक लाभ की बजाय कानूनी शासन को प्राथमिकता दी जा सके।

टिप्पणि (21)

  1. avi Abutbul
    avi Abutbul

    ये सब राजनीति तो बस चल रही है, लेकिन जिस डॉक्टर की इतनी बर्बरता से हत्या हुई, उसके परिवार का क्या होगा? कोई सच्चाई तो बताओ जो दर्द सुना रहा है।
    हम सब यहाँ बस टिप्पणी कर रहे हैं, लेकिन वो लोग जिन्होंने इस घटना को देखा, उनका दिल टूट गया होगा।

  2. Hardik Shah
    Hardik Shah

    गोयल को हटाने की बात? ये तो बस एक बच्चों का खेल है। पुलिस आयुक्त को तो बस इतना करना होता है कि वो अपने लोगों को नियंत्रित रखे, लेकिन यहाँ तो लोग बाहर आए हैं और बस एक आदमी को गिराने की कोशिश कर रहे हैं।

  3. manisha karlupia
    manisha karlupia

    क्या हम भूल गए कि ये सिर्फ एक पुलिस आयुक्त का मामला नहीं है... ये तो एक पूरे सिस्टम की असफलता है। हम लोग इसे राजनीति का टूल बना रहे हैं, लेकिन वास्तविकता ये है कि एक डॉक्टर की जान चली गई और कोई जवाबदेही नहीं है।
    क्या हम सच में इतने निर्जीव हो गए हैं?

  4. vikram singh
    vikram singh

    अरे भाई, ये तो बंगाल का नया ब्रॉडवे शो बन गया है! राज्यपाल ने नाटक शुरू किया, ममता बनर्जी ने अपना नाटक जारी रखा, गोयल ने अपना ड्रामा बनाया, और जनता ने अपनी टिकटें खरीद लीं।
    अब बस एक बड़ा फिनाले चाहिए - जहाँ कोई जिम्मेदार निकले, न कि कोई गुलाम।

  5. balamurugan kcetmca
    balamurugan kcetmca

    ये मामला बहुत गहरा है और इसे सिर्फ एक पुलिस आयुक्त के हटाने से नहीं सुलझेगा। हमें अपने पुलिस सिस्टम की जड़ों को देखना होगा - जहाँ शिक्षा, अनुशासन, और जवाबदेही की कमी है।
    हम लोग जब तक इस तरह की घटनाओं को राजनीतिक बहाने बनाते रहेंगे, तब तक कोई बदलाव नहीं आएगा।
    ये एक डॉक्टर की मौत नहीं, ये एक समाज की मौत है जो अपनी जवाबदेही से भाग रहा है।
    हम सब यहाँ बहस कर रहे हैं, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि अगर ये हमारा बेटा या बेटी होता, तो हम क्या करते?
    क्या हम अभी भी राजनीति के नाम पर इसे छिपाते?
    ये सिर्फ एक अस्पताल का मामला नहीं, ये एक राष्ट्रीय चेतना का सवाल है।
    हमें अपने बच्चों को एक ऐसा भविष्य देना होगा जहाँ कोई डॉक्टर अपने बर्तन में खुद को नहीं डाले।
    हम जब तक इसे एक बयान बनाकर रखेंगे, तब तक ये घटनाएँ दोहराई जाएँगी।
    हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी आँखें बंद न करें।
    ये नहीं कि कोई आयुक्त चला गया, बल्कि ये है कि हमने अपनी इंसानियत को खो दिया।

  6. Arpit Jain
    Arpit Jain

    राज्यपाल को लगता है वो अकेले असली भारत हैं और बाकी सब बेकार हैं? ये तो बस एक और बूढ़े आदमी की अहंकार की बात है।

  7. Karan Raval
    Karan Raval

    हम सब यहाँ बहस कर रहे हैं लेकिन क्या हमने उस डॉक्टर के नाम को कभी बोला है?
    क्या हम उसके माता-पिता को याद कर रहे हैं?
    हम बस नाम और पद के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन जिंदगी के बारे में नहीं

  8. divya m.s
    divya m.s

    ये सब एक बड़ा धोखा है। राज्यपाल का ये निर्देश बस एक बहाना है ताकि वो अपनी बात चला सके। वो चाहते हैं कि लोग उन्हें एक न्यायपालिका के रूप में देखें लेकिन वो तो बस एक राजनीतिक खिलौना हैं।

  9. PRATAP SINGH
    PRATAP SINGH

    इस तरह की घटनाओं के बाद जब तक लोग अपने नेताओं को नहीं बदलेंगे, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा। ये सिर्फ एक आयुक्त का मामला नहीं, ये एक समाज का अस्तित्व है।

  10. Akash Kumar
    Akash Kumar

    राज्यपाल के निर्देश को संविधान के आधार पर देखना चाहिए। उनकी भूमिका राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक व्यवस्था के संरक्षण की है। यहाँ उनका बयान एक संवैधानिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।

  11. Shankar V
    Shankar V

    इस सबके पीछे एक बड़ी साजिश है। ये सब एक राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ अभियान है। जब तक हम इसे समझ नहीं लेंगे, तब तक ये घटनाएँ दोहराई जाएँगी। राज्यपाल को जानबूझकर इस तरह बाहर निकाला गया है ताकि बनर्जी के खिलाफ दबाव बनाया जा सके।

  12. Aashish Goel
    Aashish Goel

    ये तो बस एक और दिन की खबर है...
    पुलिस आयुक्त को हटाओ...
    राज्यपाल ने कहा...
    ममता बनर्जी ने जवाब दिया...
    लेकिन उस डॉक्टर की आत्मा कौन याद करेगा?
    क्या हम इतने भूल गए हैं कि इंसान की जिंदगी इतनी सस्ती हो गई है?

  13. leo rotthier
    leo rotthier

    ये तो बस देश को तोड़ने की एक योजना है! हमारे अंदर का दुश्मन हमारी खुद की सरकार है! अगर हम अपने अधिकारियों को गिराते हैं, तो कौन हमारी रक्षा करेगा?
    ये बाहरी शक्तियाँ हमारी अंदरूनी कमजोरियों का फायदा उठा रही हैं!

  14. Karan Kundra
    Karan Kundra

    हमें अपने डॉक्टरों को सम्मान देना चाहिए...
    हम उन्हें बस एक नौकरी देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वो बर्दाश्त करेंगे...
    लेकिन जब वो जान दे देते हैं, तो हम बस एक आयुक्त को हटाने की बात करते हैं...
    हमारी भावनाएँ बहुत गहरी होनी चाहिए।

  15. Vinay Vadgama
    Vinay Vadgama

    यह घटना एक बहुत बड़ी चेतावनी है। हमें अपने अधिकारियों को जवाबदेह बनाना होगा। यह सिर्फ एक आयुक्त का मामला नहीं, यह एक समाज के आत्मविश्वास का मामला है।

  16. Pushkar Goswamy
    Pushkar Goswamy

    राज्यपाल के निर्देश को लेकर जो बहस हो रही है, वो बिल्कुल बेकार है। ये तो बस एक बड़ा नाटक है। जब तक हम अपने अधिकारियों को नहीं बदलेंगे, तब तक ये घटनाएँ दोहराई जाएँगी।

  17. Abhinav Dang
    Abhinav Dang

    ये घटना सिर्फ एक डॉक्टर की मौत नहीं है - ये एक बार फिर एक अस्पताल के अंदर जीवन की अनदेखी की ओर इशारा है। हम लोग इसे एक ट्रेंड के रूप में देख रहे हैं, लेकिन इसका असली मतलब है कि हमारी नैतिकता बर्बाद हो रही है।
    हमारे डॉक्टर अब बस एक बार के लिए अस्पताल में आते हैं, और फिर चले जाते हैं - क्योंकि वो जानते हैं कि कोई उनकी रक्षा नहीं करेगा।
    हमारे शासक इसे एक राजनीतिक नाटक में बदल रहे हैं, जबकि वास्तविकता ये है कि हमारी समाज की नींव टूट रही है।
    हम लोग अपने बच्चों को बताते हैं कि डॉक्टर बनो, लेकिन जब वो बन जाते हैं, तो हम उन्हें बलात्कार और मौत के लिए तैयार कर देते हैं।
    हम अपने नेताओं को बदलने की बात करते हैं, लेकिन क्या हम खुद अपने व्यवहार को बदलने के लिए तैयार हैं?
    हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे एक बयान नहीं, बल्कि एक जीवन बनाएं।

  18. krishna poudel
    krishna poudel

    अरे भाई, ये तो बस एक और ड्रामा है। राज्यपाल ने एक बयान दिया, ममता ने उसे नजरअंदाज कर दिया, और अब लोग बस इसे शेयर कर रहे हैं। क्या कोई याद कर रहा है कि वो डॉक्टर कौन थी?

  19. Anila Kathi
    Anila Kathi

    हम सब यहाँ बहस कर रहे हैं... लेकिन क्या किसी ने उस डॉक्टर के नाम को लिखा है? 😔
    वो नाम याद रखो... वो जिंदगी याद रखो... वो आँखें याद रखो...

  20. vasanth kumar
    vasanth kumar

    ये घटना बहुत दुखद है। हमें अपने अधिकारियों को जवाबदेह बनाना चाहिए। लेकिन इससे पहले हमें अपने अंदर की नैतिकता को भी सुधारना होगा।

  21. Hardik Shah
    Hardik Shah

    तुम सब बस राज्यपाल की बात मान रहे हो? ये तो बस एक बूढ़ा आदमी है जिसने अपनी बात चलाने के लिए एक बहाना बना लिया है। इस आयुक्त को हटाने से क्या बदलेगा? कोई नहीं बदलेगा।

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