25 मीटर पिस्टल – क्या है और कैसे तैयारी करें

अगर आप शूटिंग का शौक रखते हैं तो "25 मीटर पिस्टल" नाम सुनते ही दिल धड़कता है। यह इवेंट एयर पिस्टल से 25 मीटर की दूरी पर लक्ष्य मारने वाला स्पोर्ट है, जिसमें हर शॉट को सटीकता और स्थिरता चाहिए। भारत में इसको लेकर कई अकादमी और फेडरेशन काम कर रहे हैं, इसलिए अब नया शूटर भी आसानी से ट्रेनिंग ले सकता है।

मुख्य नियम और उपकरण

इस इवेंट में 5.6 mm कैलिबर की एयर पिस्टल इस्तेमाल होती है, जिसका वज़न 1 kg से कम रहता है। प्रत्येक प्रतियोगिता में शूटर को 60 शॉट्स दो राउंड में मारने होते हैं और हर शॉट का स्कोर 10 तक हो सकता है। लक्ष्य बोर्ड पर 10‑से‑1 के गोलियां बनी होती हैं, यानी केंद्र जितना छोटा, अंक उतने अधिक। पिस्टल की गति सीमित रहती है – 7.5 m/s से ज्यादा नहीं। इस कारण गन और अम्पलीफायर दोनों को ठीक से ट्यून करना जरूरी है।

प्रैक्टिस टिप्स एवं भारतीय शूटरों की खबरें

ट्रेनिंग के लिए सबसे पहले बेसिक पोज़िशन पर काम करें – पैर समान दूरी पर, कंधे रिलैक्स्ड और आँखें लक्ष्य के साथ लकीर में। हर बार ट्रिगर दबाने से पहले 3‑सेकंड का ब्रेक ले, इससे शॉट स्थिर रहता है। बीते साल की प्रतियोगिताओं में भारत के कई शूटर ने अच्छा प्रदर्शन किया, जैसे अन्ना बेज़ी और अमित पांडे ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मेडल जीत कर देश का मान बढ़ाया।

अगर आप नई एरिया में ट्रेनिंग शुरू करना चाहते हैं तो स्थानीय शूटिंग क्लब से संपर्क करें। अधिकांश क्लब्स में 25 मीटर रेंज, एयर पिस्टल, और कोचिंग सत्र उपलब्ध होते हैं। शुरुआती लोगों के लिए ग्रुप लेसन्स फायदेमंद होते हैं क्योंकि वो बुनियादी सिद्धांत जल्दी समझा देते हैं।

एक और महत्वपूर्ण बात – गन की मेंटेनेंस पर ध्यान दें। हर शॉट के बाद पिस्टल को साफ‑सफाई करना चाहिए, ताकि धूल या लुब्रिकेंट की वजह से प्रदर्शन घटे नहीं। साथ ही बैरल का वार्म‑अप भी जरूरी है; 5‑10 मिनट हल्का फायरिंग कर लीं तो सटीकता बढ़ती है।

इंटरनेट पर कई ट्यूटोरियल और वीडियो हैं जहाँ प्रोफेशनल शूटर अपनी प्रैक्टिस रूटीन शेयर करते हैं। आप उन्हें देख कर अपने अभ्यास में नई तकनीक जोड़ सकते हैं। लेकिन याद रखें, हर व्यक्ति की बॉडी स्ट्रक्चर अलग होती है, इसलिए जो एक के लिए काम करे ज़रूरी नहीं कि दूसरे पर भी वही असर हो।

भविष्य में 2026 एशिया गेम्स और अगले ऑलिम्पिक में भारत को मजबूत पिस्तौल टीम चाहिए। इसके लिये युवा शूटरों को अभी से स्काउटिंग, फंडिंग और सही कोचिंग मिलनी चाहिए। सरकारी योजनाओं और निजी स्पॉन्सरशिप दोनों का सहयोग इस लक्ष्य को हकीकत बना सकता है।

अंत में यह कहा जा सकता है कि 25 मीटर पिस्टल सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि धैर्य, फोकस और लगातार सुधार की यात्रा है। अगर आप इसे सही तरीके से अपनाएँ तो न केवल प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। इस टैग पेज पर आपको नवीनतम समाचार, टिप्स और इवेंट अपडेट मिलेंगे – पढ़ते रहें और अपने शूटरिंग सफर को आगे बढ़ाते रहें।

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